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लखनऊ से कानपुर मात्र 35 मिनट में; पौने दो सौ रुपए टोल, रफ्तार से होंगी बातें, एक्सप्रेस-वे का काम लगभग पूरा - LUCKNOW KANPUR EXPRESSWAY

जून 2025 तक पूरी तरह से चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. मई में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे पर ट्रायल रन शुरू हो सकता है.

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लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 15, 2025 at 1:26 PM IST

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर के बीच यात्रा को सुगम और तेज बनाने वाला लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे जल्द ही शुरू होने वाला है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, परियोजना का लगभग 80% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.

इसे जून 2025 तक पूरी तरह से चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, सूत्रों का दावा है कि यह एक्सप्रेस-वे अप्रैल या मई 2025 तक यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. एक्सप्रेस-वे पर लखनऊ से कानपुर के बीच 150 से 175 के बीच तय किया जा सकता है.

एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से लखनऊ और कानपुर के बीच का 90 किलोमीटर का सफर मात्र 35-40 मिनट में तय हो सकेगा, जो वर्तमान में 2 से 3 घंटे का है. लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे, जिसे नेशनल एक्सप्रेस-वे-6 (NE-6) के नाम से भी जाना जाता है, 63 किलोमीटर लंबा है.

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का रूट मैप.
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का रूट मैप. (Photo Credit; NHAI)

यह 6-लेन का एक्सप्रेस-वे है, जिसे भविष्य में 8-लेन तक विस्तारित करने की योजना है. परियोजना की कुल लागत लगभग 4,700 करोड़ रुपए है. एक्सप्रेस-वे लखनऊ के शहीद पथ से शुरू होकर उन्नाव के आजाद चौक पर समाप्त होगा. इसका 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और 45 किलोमीटर ग्रीनफील्ड रूट पर बनाया जा रहा है.

NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सौरभ चौरसिया ने बताया कि एक्सप्रेस-वे का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है. पहला चरण, शहीद पथ से बनी तक (18 किलोमीटर एलिवेटेड रूट), जिसका कार्य 1 फरवरी 2023 को शुरू हुआ. दूसरे चरण में बनी से उन्नाव के आजाद चौक तक (45 किलोमीटर ग्रीनफील्ड रूट), जिसकी शुरुआत 10 नवंबर 2022 को हुई थी.

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का नक्शा.
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का नक्शा. (Photo Credit; NHAI)

वर्तमान में, 80% सिविल वर्क पूरा हो चुका है. एलिवेटेड हिस्से का निर्माण लगभग पूरा हो गया है, जबकि ग्रीनफील्ड रूट पर 20% काम शेष है. अप्रैल 2025 से फिनिशिंग कार्य शुरू हुआ है और मई 2025 तक सर्विस रोड, इंटरचेंज और टोल प्लाजा का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है.

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे की विशेषताएं

  • 6 लेन की सड़क होगी, अधिकतम गति सीमा 120 किमी/घंटा.
  • 3 बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास, और 6 फ्लाईओवर.
  • 4 इंटरचेंज और 3 टोल प्लाजा होंगे.
  • पहली बार भारत में ऑटोमेटेड इंटेलिजेंस मशीन गाइडेड कंस्ट्रक्शन (AIMGC) तकनीक का उपयोग होगा, जो 10 साल तक सड़क को टिकाऊ बनाएगी.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे लखनऊ रिंग रोड, कानपुर रिंग रोड, गंगा एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से समय और ईंधन की बचत होगी.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे पर्यटन, व्यापार और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देगा. लखनऊ और कानपुर के बीच औद्योगिक गलियारे विकसित होंगे.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के बाद टोल प्लाजा, मेंटेनेंस और सर्विस सेक्टर में रोजगार बढ़ेगा.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के आसपास हाउसिंग और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी.
  • कम समय में यात्रा के कारण लखनऊ और कानपुर के मेडिकल हब तक पहुंच आसान होगी.

मई में शुरू हो सकता है ट्रायल रन: NHAI और निर्माण एजेंसी PNC इंफ्राटेक के अनुसार, एक्सप्रेस-वे का ट्रायल रन मई 2025 में शुरू हो सकता है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है. 14 फरवरी 2025 को दोनों मंत्रियों ने निर्माण स्थल का दौरा कर समीक्षा की थी.

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश की बुनियादी ढांचा विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा. यह न केवल दो प्रमुख शहरों को जोड़ेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास, व्यापार और पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.

यात्रियों के लिए यह एक तेज, सुरक्षित और आरामदायक सफर का वादा करता है. जैसे-जैसे जून 2025 नजदीक आ रहा है, लखनऊ और कानपुर के निवासियों में इस एक्सप्रेस-वे को लेकर उत्साह बढ़ता जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः '...हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ, गड़े मुर्दे मत उखाड़ो, वरना भारी पड़ जाएगा'; सपा सांसद रामजी लाल सुमन की भाजपा को चेतावनी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और औद्योगिक नगरी कानपुर के बीच यात्रा को सुगम और तेज बनाने वाला लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे जल्द ही शुरू होने वाला है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, परियोजना का लगभग 80% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.

इसे जून 2025 तक पूरी तरह से चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, सूत्रों का दावा है कि यह एक्सप्रेस-वे अप्रैल या मई 2025 तक यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. एक्सप्रेस-वे पर लखनऊ से कानपुर के बीच 150 से 175 के बीच तय किया जा सकता है.

एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से लखनऊ और कानपुर के बीच का 90 किलोमीटर का सफर मात्र 35-40 मिनट में तय हो सकेगा, जो वर्तमान में 2 से 3 घंटे का है. लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे, जिसे नेशनल एक्सप्रेस-वे-6 (NE-6) के नाम से भी जाना जाता है, 63 किलोमीटर लंबा है.

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का रूट मैप.
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का रूट मैप. (Photo Credit; NHAI)

यह 6-लेन का एक्सप्रेस-वे है, जिसे भविष्य में 8-लेन तक विस्तारित करने की योजना है. परियोजना की कुल लागत लगभग 4,700 करोड़ रुपए है. एक्सप्रेस-वे लखनऊ के शहीद पथ से शुरू होकर उन्नाव के आजाद चौक पर समाप्त होगा. इसका 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और 45 किलोमीटर ग्रीनफील्ड रूट पर बनाया जा रहा है.

NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सौरभ चौरसिया ने बताया कि एक्सप्रेस-वे का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है. पहला चरण, शहीद पथ से बनी तक (18 किलोमीटर एलिवेटेड रूट), जिसका कार्य 1 फरवरी 2023 को शुरू हुआ. दूसरे चरण में बनी से उन्नाव के आजाद चौक तक (45 किलोमीटर ग्रीनफील्ड रूट), जिसकी शुरुआत 10 नवंबर 2022 को हुई थी.

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का नक्शा.
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का नक्शा. (Photo Credit; NHAI)

वर्तमान में, 80% सिविल वर्क पूरा हो चुका है. एलिवेटेड हिस्से का निर्माण लगभग पूरा हो गया है, जबकि ग्रीनफील्ड रूट पर 20% काम शेष है. अप्रैल 2025 से फिनिशिंग कार्य शुरू हुआ है और मई 2025 तक सर्विस रोड, इंटरचेंज और टोल प्लाजा का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है.

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे की विशेषताएं

  • 6 लेन की सड़क होगी, अधिकतम गति सीमा 120 किमी/घंटा.
  • 3 बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास, और 6 फ्लाईओवर.
  • 4 इंटरचेंज और 3 टोल प्लाजा होंगे.
  • पहली बार भारत में ऑटोमेटेड इंटेलिजेंस मशीन गाइडेड कंस्ट्रक्शन (AIMGC) तकनीक का उपयोग होगा, जो 10 साल तक सड़क को टिकाऊ बनाएगी.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे लखनऊ रिंग रोड, कानपुर रिंग रोड, गंगा एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से समय और ईंधन की बचत होगी.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे पर्यटन, व्यापार और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देगा. लखनऊ और कानपुर के बीच औद्योगिक गलियारे विकसित होंगे.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के बाद टोल प्लाजा, मेंटेनेंस और सर्विस सेक्टर में रोजगार बढ़ेगा.
  • लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे के आसपास हाउसिंग और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी.
  • कम समय में यात्रा के कारण लखनऊ और कानपुर के मेडिकल हब तक पहुंच आसान होगी.

मई में शुरू हो सकता है ट्रायल रन: NHAI और निर्माण एजेंसी PNC इंफ्राटेक के अनुसार, एक्सप्रेस-वे का ट्रायल रन मई 2025 में शुरू हो सकता है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है. 14 फरवरी 2025 को दोनों मंत्रियों ने निर्माण स्थल का दौरा कर समीक्षा की थी.

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश की बुनियादी ढांचा विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा. यह न केवल दो प्रमुख शहरों को जोड़ेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास, व्यापार और पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.

यात्रियों के लिए यह एक तेज, सुरक्षित और आरामदायक सफर का वादा करता है. जैसे-जैसे जून 2025 नजदीक आ रहा है, लखनऊ और कानपुर के निवासियों में इस एक्सप्रेस-वे को लेकर उत्साह बढ़ता जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः '...हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ, गड़े मुर्दे मत उखाड़ो, वरना भारी पड़ जाएगा'; सपा सांसद रामजी लाल सुमन की भाजपा को चेतावनी

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