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लखनऊ कैंसर संस्थान के कार्यकारी कुलसचिव को पद से हटाया गया, शिक्षक नियुक्ति के दौरान हुई थी गड़बड़ी

कैंसर संस्थान में 96 चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. इसमें देश भर के करीब 150 डॉक्टरों ने आवदेन किया था.

कैंसर संस्थान में शिक्षकों की भर्ती में मिली थी गड़बड़ी.
कैंसर संस्थान में शिक्षकों की भर्ती में मिली थी गड़बड़ी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : September 13, 2025 at 11:12 PM IST

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लखनऊ : कैंसर संस्थान में शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी उजागर हुई. बिना साक्षात्कार दिए ही शिक्षक का चयन कर लिया गया. मामला सामने आने के बाद इसे लिपिकीय त्रुटि बताया गया. फिलहाल कार्यकारी कुलसचिव को पद से हटा दिया गया है. जांच के आदेश दिए गए हैं. वहीं कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. आयुष लोहिया को नया कार्यकारी कुलसचिव नियुक्त किया गया है.

कैंसर संस्थान में 96 चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था. इसमें देश भर के करीब 150 डॉक्टरों ने आवदेन किया था. निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल गठित कर साक्षात्कार कराया. अगस्त के अंतिम सप्ताह में साक्षात्कार पूरे हुए थे. इसके बाद चार सितंबर को 17 चयनित चिकित्सा शिक्षकों की लिस्ट जारी की गई.

इसमें एनस्थीसिया विभाग में छह चिकित्सा शिक्षकों का चयन किया गया. चयनित चिकित्सकों की लिस्ट में असिस्टेंट प्रोफेसर पर डॉ. श्वेता अग्रवाल का नाम भी शामिल है. जबकि वह साक्षात्कार में शामिल नहीं हुई थीं. मामला डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक तक पहुंचा. संस्थान प्रशासन का कहना है कि डॉ. श्वेता नाम से तीन अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इनके सर नेम अलग थे. डॉ. श्वेता अग्रवाल का नाम गलती से छप गया है.

जबकि चयन डॉ. श्वेता चित्रांशी का हुआ है. आनन-फानन में संस्थान प्रशासन ने डॉ. श्वेता अग्रवाल के नाम का नियुक्ति पत्र खारिज कर दिया. डॉ. श्वेता चित्रांशी का नियुक्ति पत्र जारी करने की बात कही है.

कैंसर संस्थान के निर्देशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. आदेश का संशोधन किया जा रहा है. डॉ. श्वेता अग्रवाल ने साक्षात्कार नहीं दिया था. साक्षात्कार देने वाली डॉ. श्वेता चित्रांशी का चयन किया गया था. संशोधित परिणाम सक्षम स्तर से अनुमोदन होने के बाद जारी किया जाएगा. कार्यकारी कुलसचिव कार्यालय की लापरवाही से ऐसा हुआ है, जिसके लिए कुलसचिव डॉ. शरद सिंह कार्यमुक्त कर दिया गया है.

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