लखनऊः बिहार से जा रही दिल्ली बस में आग लगने से 5 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई. इन दिनों बसों और वाहनों में आग लगने की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही हैं. यह सिर्फ इस साल ही नहीं हर साल स्थिति रहती है.
सर्दी की अपेक्षा गर्मी के दिनों में बसों में आग लगने के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं. इसकी वजह होती है तेज धूप में बसों के इंजन और बॉडी का गर्म हो जाना. इंजन गर्म होने पर आग लगने का खतरा रहता है. इसके अलावा अगर बस में कोई भी तार इधर उधर लटक रहा है तो उससे स्पार्क होने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही डीजल टैंक से अगर डीजल या फिर मोबिल ऑयल लीक करता है तो शॉर्ट-सर्किट से आग पकड़ने की संभावना बढ़ जाती है. गर्मी में बसों में आग लगने की कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
बता दें कि लखनऊ में किसान पथ पर गुरुवार (15 मई) को बिहार के बेगूसराय से बागपत की तरफ जा रही स्लीपर बस में मोहनलालगंज के पास आग लग गई थी. बस में करीब 70 यात्री सवार थे. आग लगने पर यात्रियों में हड़कंप मच गया. यात्रियों ने जान बचाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इमरजेंसी गेट नहीं खुला. जांच में पता चला है कि ऐसा ड्राइवर सीट के बगल में एक अतिरिक्त सीट लगी होने के चलते हुआ. दुर्घटना में दो मासूमों, दो महिलाओं और एक पुरुष की बस के अंदर ही मौत हो गई. शुरुआती जांच में गियर बॉक्स के पास शॉर्ट सर्किट होने की बात सामने आ रही है.

रोडवेज प्रशासन अब बरत रहा सतकर्ता
यूपीएसआरटीसी के प्रधान प्रबंधक व प्रवक्ता अमरनाथ सहाय ने बताया कि बसों में आग लगने की जो संभावनाएं हैं, जिनमें तेल का लीकेज, मोबिल, डीजल ऑयल या वायरिंग लूज़ है या फिर इंसुलेशन टेप नहीं हैं. यह सारी चीजें चेक की जा रही हैं. टेंपरेचर ज्यादा होने की वजह से आग लगने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसमें सघन कार्रवाई चल रही है. बसों में डीजल लीकेज, वायरिंग ठीक करने का काम किया जा रहा है. फायर एक्सटिंग्विशर को चलाने की ट्रेनिंग चालकों परिचालकों को दी जा रही है.

परिवहन मंत्री ने कहा- दोषियों को नहीं बख्शेंगे
वहीं, उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बस दुर्घटना का संज्ञान लिया है. परिवहन मंत्री ने कहा कि इस बस दुर्घटना में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार किसी भी स्थिति में कार्यों, नियमों एवं निर्देशों के प्रति शिथिलता एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी. परिवहन मंत्री ने दुर्घटनाग्रस्त हुई बस यूपी-17एटी 6372 को जारी किए गए स्पेशल परमिट की विभागीय जांच के निर्देश अधिकारियों को दिए है. बताया जा रहा है कि संबंधित बस का लीगल परमिट 22 अक्टूबर 2023 को समाप्त हो गया था. इसके बावजूद बस का संचालन किया जा रहा था. इसमें जो भी कार्मिक दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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