नई दिल्ली: दिल्ली के निजी स्कूलों के लिए लाए जा रहे फीस रेगुलेशन बिल को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं.
बुधवार को नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर कहा है कि अगर फीस रेगुलेशन बिल के पीछे भाजपा सरकार की नीयत साफ है तो सरकार को निजी स्कूलों को इस साल बढ़ाई गई फीस को वापस लेने का आदेश देना चाहिए.

निजी स्कूलों को बढ़ी फीस वापस लेने का आदेश दे रेखा सरकार-आतिशी
आतिशी ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली सरकार ने फीस रेगुलेशन बिल की घोषणा तो की, लेकिन इसे अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू किया जाएगा. ऐसे में इस साल निजी स्कूलों द्वारा जो बेतहाशा और मनमानी फीस बढ़ोतरी की गई है, उसका का क्या होगा? क्या भाजपा सरकार ने इस साल इन निजी स्कूलों को फीस वृद्धि करने की छूट दे दी है? उन्होंने कहा है कि दिल्ली सरकार सभी निजी स्कूलों को इस साल के लिए किसी भी तरह की फीस वृद्धि और मनमाने शुल्क को तुरंत वापस लेने का आदेश दे. अन्यथा आने वाले वर्षों के लिए कोई भी नया कानून दिखावा मात्र होगा.
Delhi Govt announced a Fee Regulation Bill yesterday. But this will be put into action from the next academic year.
— Atishi (@AtishiAAP) April 30, 2025
So what happens to the excessive and arbitrary fee hikes by private schools this year? Have they been allowed by the BJP Govt?
Delhi Govt must order ALL private… pic.twitter.com/4RGrxKuoYU

बिल का कोई मसौदा सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया-आतिशी
आतिशी ने आगे कहा है कि विडंबना यह है कि जहां यह विधेयक “पारदर्शी प्रक्रिया” स्थापित करने की बात करता है, वहीं अब तक की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह अपारदर्शी रही है. दिल्ली सरकार ने न तो इस विधेयक के मसौदे को तैयार करने में किसी परामर्श प्रक्रिया का विवरण साझा किया है और ना ही मसौदा विधेयक को अभी तक सार्वजनिक किया गया है. हमारे पास कोई प्रामाणिक दस्तावेज नहीं है, जिसका हम उल्लेख कर सकें या उस पर टिप्पणी कर सकें.
आतिशी ने सीएम से कहा है कि हालांकि, आप सहमत होंगी कि यह मसौदा विधेयक दिल्ली में भाजपा सरकार के गठन के तुरंत बाद कई निजी स्कूलों द्वारा बेतहाशा और मनमाने ढंग से फीस वृद्धि के कारण आवश्यक हो गया था. इस अभूतपूर्व स्थिति ने हजारों बच्चों और उनके माता-पिता को अत्यंत तनावपूर्ण परिस्थितियों में डाल दिया. जिन छात्रों ने बढ़ी फीस नहीं जमा की, उन्हें क्लास में बैठने नहीं दिया गया. बच्चों के माता-पिता को भी भीषण गर्मी में निजी स्कूलों के बाहर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा और कुछ पैरेंट्स ने तो फीस वृद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट का भी रुख किया.
आतिशी ने आगे कहा है कि चूंकि, यह ड्राफ्ट बिल शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से भविष्य में शुल्क वृद्धि को नियंत्रित करने का प्रयास करता है और उन प्रावधानों की भी जांच आवश्यक होगी. लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण सवाल का जवाब नहीं देता है कि इस वर्ष जिन प्राइवेट स्कूलों ने पहले ही बेतहाशा फीस बढ़ा दी है, उसका क्या होगा?
आतिशी ने बताया कि अप्रैल 2025 की शुरुआत में बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूलों ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए शुल्क में 30 से 80 फीसद की बढ़ोतरी की है. एयर-कंडीशनिंग, स्विमिंग क्लासेज, एक्टिविटीज क्लासेस समेत अन्य सुविधाओं के लिए मनमाने और भारी फीस लगा दी हैं. अभिभावकों को विशिष्ट दुकानों से अत्यधिक महंगी किताबें और वर्दी खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
आतिशी ने सवाल किया है कि मौजूदा शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में इन समस्याओं का सामना कर रहे सभी माता-पिता का क्या होगा? क्या उन्हें अप्रैल 2025 में स्कूलों द्वारा लागू किए गए मनमाने शुल्क और उसका भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाएगा?
आतिशी ने आगे सुझाव देते हुए कहा है कि यदि दिल्ली सरकार निजी स्कूलों द्वारा बेतहाशा फीस वृद्धि को नियंत्रित करने के प्रति गंभीर है, तो सरकार को निम्न कदम उठाने चाहिए.
1. मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए प्राइवेट स्कूलों द्वारा की गई सभी शुल्क वृद्धि और नए शुल्कों को रोकने का आदेश जारी किया जाना चाहिए.
2. जिन स्कूलों ने पहले ही बढ़ी फीस वसूल ली है, उन्हें तत्काल वापस करने का निर्देश दिया जाना चाहिए.
3. नया अधिनियम लागू होने तक स्कूलों को शुल्क बढ़ाने या नए शुल्क लागू करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
4. ड्राफ्ट बिल को सभी हितधारकों से फीडबैक के लिए पब्लिक डोमेन में रखा जाना चाहिए और उनके फीडबैक को शामिल करने के बाद ही इसे दिल्ली विधानसभा में पेश किया जाना चाहिए.
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