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लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय; लॉ स्टूडेंट्स को इंप्रूवमेंट परीक्षा देने की मंजूरी, मार्कशीट में दिखेगा 'आई' का सिंबल - LUCKNOW NEWS

लॉ यूनिवर्सिटी में होने वाले रिपीट एग्जाम के साथ ही कराया जाएगा इंप्रूवमेंट एग्जाम.

डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय
डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 11, 2025 at 5:26 PM IST

3 Min Read

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को इंप्रूवमेंट की परीक्षा देने की मंजूरी दे दी है. इससे अब छात्रों को अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का मौका मिला सकेगा. इंप्रूवमेंट परीक्षाओं का प्रावधान सेमेस्टर के अंत में होने वाली परीक्षाओं में किया गया है, जो नए सत्र से लागू होगा. लॉ यूनिवर्सिटी में होने वाले रिपीट एग्जाम के साथ ही इंप्रूवमेंट भी कराया जाएगा.

लॉ स्टूडेंट्स ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)




लॉ यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता प्रो. शशांक शेखर ने बताया कि इंप्रूवमेंट परीक्षा में सिर्फ विद्यार्थियों को अंक सुधार का मौका दिया जाएगा, लेकिन इसके बाद रैंक संशोधित नहीं होगी. उदाहरण के तौर पर यदि किसी छात्र ने कक्षा में अगर 80 अंक लाकर पहली रैंक हासिल की. सेकेंड रैंक वाले विद्यार्थियों ने अगर इंप्रूवमेंट देकर 81 अंक हासिल किये तो मार्कशीट में अंक बदलेंगे, लेकिन रैंक छात्र की सेकेंड ही रहेगी.

उन्होंने बताया कि यह भी प्रावधान किया गया है कि विद्यार्थी जिस विषय में इंप्रूवमेंट देंगे मार्कशीट में उसके आगे 'आई' का सिंबल बनकर आएगा, ताकि स्पष्ट हो कि यह अंक इंप्रूवमेंट के बाद हासिल किये गए हैं. नए प्रावधानों में यह भी शामिल किया गया है कि बीच सत्र या इंटरनल एग्जाम में छात्र इंप्रूवमेंट नहीं दे सकेंगे. सिर्फ सत्र के अंत में होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं में ही इंप्रूवमेंट का प्रावधान किया गया है.

'एक बार ही दे सकेंगे इंप्रूवमेंट' : प्रो. शशांक ने बताया कि इंप्रूवमेंट एग्जाम भी विद्यार्थी पूरे सेमेस्टर में एक बार ही दे सकेंगे. परीक्षा के बाद विद्यार्थी जो अंक अर्जित करेंगे अगर वह पिछले अंक से ज्यादा होगा तो मार्कशीट में उसे जोड़ दिया जाएगा. अगर इंप्रूवमेंट में विद्यार्थी ने पिछली बार से भी कम अंक हासिल किये तो पिछले एग्जाम में हासिल किये गये अंक ही मिलेंगे. इसके बाद कोई भी विद्यार्थी एक सेमेस्टर में दोबारा इंप्रूवमेंट के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा.

छात्रों में जाहिर की खुशी : लाॅ थर्ड ईयर के छात्र शिवम शुक्ला ने कहा कि यह कदम यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों के लिए काफी फायदेमंद है. ऐसे छात्र जो किसी एक सब्जेक्ट में काम नंबर पाए हैं, उसमें बेहतर नंबर चाहते हैं तो वह अपने नंबर को सुधार सकते हैं. पीएचडी के छात्र ऋषि शुक्ला ने कहा कि इंप्रूवमेंट एग्जाम का सबसे ज्यादा फायदा छात्रों को होगा. विद्यार्थी इंप्रूवमेंट की परीक्षा देकर अपने सब्जेक्ट को बेहतर कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें : लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में रैगिंग की पुष्टि नहीं, निलंबित हो चुके हैं दो आरोपी छात्र

यह भी पढ़ें : नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन का बेहतरीन मौका; बिना CLAT के तीन साल के LLB कोर्स में दाखिला

लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को इंप्रूवमेंट की परीक्षा देने की मंजूरी दे दी है. इससे अब छात्रों को अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का मौका मिला सकेगा. इंप्रूवमेंट परीक्षाओं का प्रावधान सेमेस्टर के अंत में होने वाली परीक्षाओं में किया गया है, जो नए सत्र से लागू होगा. लॉ यूनिवर्सिटी में होने वाले रिपीट एग्जाम के साथ ही इंप्रूवमेंट भी कराया जाएगा.

लॉ स्टूडेंट्स ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)




लॉ यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता प्रो. शशांक शेखर ने बताया कि इंप्रूवमेंट परीक्षा में सिर्फ विद्यार्थियों को अंक सुधार का मौका दिया जाएगा, लेकिन इसके बाद रैंक संशोधित नहीं होगी. उदाहरण के तौर पर यदि किसी छात्र ने कक्षा में अगर 80 अंक लाकर पहली रैंक हासिल की. सेकेंड रैंक वाले विद्यार्थियों ने अगर इंप्रूवमेंट देकर 81 अंक हासिल किये तो मार्कशीट में अंक बदलेंगे, लेकिन रैंक छात्र की सेकेंड ही रहेगी.

उन्होंने बताया कि यह भी प्रावधान किया गया है कि विद्यार्थी जिस विषय में इंप्रूवमेंट देंगे मार्कशीट में उसके आगे 'आई' का सिंबल बनकर आएगा, ताकि स्पष्ट हो कि यह अंक इंप्रूवमेंट के बाद हासिल किये गए हैं. नए प्रावधानों में यह भी शामिल किया गया है कि बीच सत्र या इंटरनल एग्जाम में छात्र इंप्रूवमेंट नहीं दे सकेंगे. सिर्फ सत्र के अंत में होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं में ही इंप्रूवमेंट का प्रावधान किया गया है.

'एक बार ही दे सकेंगे इंप्रूवमेंट' : प्रो. शशांक ने बताया कि इंप्रूवमेंट एग्जाम भी विद्यार्थी पूरे सेमेस्टर में एक बार ही दे सकेंगे. परीक्षा के बाद विद्यार्थी जो अंक अर्जित करेंगे अगर वह पिछले अंक से ज्यादा होगा तो मार्कशीट में उसे जोड़ दिया जाएगा. अगर इंप्रूवमेंट में विद्यार्थी ने पिछली बार से भी कम अंक हासिल किये तो पिछले एग्जाम में हासिल किये गये अंक ही मिलेंगे. इसके बाद कोई भी विद्यार्थी एक सेमेस्टर में दोबारा इंप्रूवमेंट के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा.

छात्रों में जाहिर की खुशी : लाॅ थर्ड ईयर के छात्र शिवम शुक्ला ने कहा कि यह कदम यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्रों के लिए काफी फायदेमंद है. ऐसे छात्र जो किसी एक सब्जेक्ट में काम नंबर पाए हैं, उसमें बेहतर नंबर चाहते हैं तो वह अपने नंबर को सुधार सकते हैं. पीएचडी के छात्र ऋषि शुक्ला ने कहा कि इंप्रूवमेंट एग्जाम का सबसे ज्यादा फायदा छात्रों को होगा. विद्यार्थी इंप्रूवमेंट की परीक्षा देकर अपने सब्जेक्ट को बेहतर कर सकते हैं.

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