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हिमाचल में अब MRP पर बिकेगी शराब, सरकार ने ठेके नीलामी से रखा 2850 करोड़ आय का लक्ष्य - HIMACHAL LIQUOR MRP FIXED

हिमाचल प्रदेश में सरकार ने इस साल शराब के ठेकों की नीलामी से 2850 करोड़ रुपए आय का लक्ष्य निर्धारित किया है.

Liquor will sold at MRP in Himachal
हिमाचल में बढ़ी शराब की कीमतें (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 4, 2025 at 10:10 AM IST

3 Min Read

शिमला: हिमाचल में सरकारी खजाने को भरने के लिए इस बार शराब के ठेकों की नीलामी से 2850 करोड़ रुपए कमाई का लक्ष्य तय किया है. जिसके लिए 18 मार्च से शराब के ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन कई जिलों में अभी तक शराब के ठेकों की बिक्री नहीं हुई है. इसलिए अभी ऐसे जिलों में 10 अप्रैल तक ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा. इसी बीच जिन ठेकों की बिक्री हो गई, ऐसे ठेकों के लिए सरकार ने शराब की बिक्री के लिए नए निर्देश जारी किए हैं. इसके मुताबिक हिमाचल में अब आबकारी एवं कराधान विभाग ने शराब की बोतल को बेचने के लिए मैक्सिमम रिटेल प्राइस तय कर दिया है.

शराब के दामों में बढ़ोतरी

वहीं, नए वित्त वर्ष में शराब के दामों में भी वृद्धि की गई है. ऐसे में प्रदेश में हाई ब्रांड शराब 150 से 200 रुपए प्रति लीटर तक महंगी हो गई है. इसी तरह से अंग्रेजी के रेगुलर ब्रांड में न्यूनतम 40 से 50 रुपए प्रति बोतल की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, देसी शराब के दाम भी बढ़ाए गए हैं. विभाग की और से जारी सूची के मुताबिक देसी शराब 15 रुपए प्रति बोतल महंगी की गई है. इसमें ऊना नंबर वन का रेट अब 265 रुपए प्रति बोतल किया गया है. वहीं, पहले यही भाव 250 रुपए प्रति बोतल था. इसी तरह से देसी शराब के अन्य ब्रांड जो 245 रुपए प्रति बोतल के हिसाब से बिकती थी, वो अब अधिकतम 260 रुपए में बिकेगी.

MRP से ज्यादा रेट वसूलने पर कार्रवाई

इससे पहले पिछले वित्त वर्ष में शराब पर मिनिमम सेल प्राइज रहता था. जिसे अब हटा दिया गया है. मिनिमम सेल प्राइज में दुकानदार 30 फीसदी अधिक राशि वसूल सकता था, मगर भविष्य में ऐसा नहीं होगा. अब एमआरपी जो बोतल पर दर्ज होगा, उसके हिसाब से ही शराब की बोतल बेची जा सकती है. विभाग के इन आदेशों की कड़ाई से पालना करनी होगी. अगर कोई भी शराब की बोतल को एमआरपी से अधिक रेट पर बेचते हुए पाया जाता है तो नियमों के तहत पहले दो बार दुकान का चालान किया जाएगा. अगर इसके बाद भी ज्यादा दाम वसूले जाने की शिकायत प्राप्त होती है तो शराब का ठेका सील कर दिया जाएगा. वहीं अभी तक कई जिलों में शराब ठेकों की बिक्री नहीं हो पाई है, जिसे लेकर राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने 10 अप्रैल तक वह नीलामी की प्रक्रिया जारी रखने का फैसला लिया है. अभी भी शिमला, मंडी व कुल्लू में सभी यूनिट को नहीं बेचा जा सका है. इसी तरह से कांगड़ा, बिलासपुर व लाहौल-स्पीति में भी शराब के सभी ठेकों की बिक्री नहीं हो सकी है.

2850 करोड़ का लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश को शराब के ठेकों की बिक्री से भी काफी ज्यादा आय प्राप्त होती है. ऐसे में सरकार ने अब हर साल शराब के ठेकों की नीलामी का फैसला लिया है. जिसके लिए इस बार सरकार ने शराब के ठेकों की नीलामी से 2850 करोड़ रुपए आय प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं, पिछले वित्त वर्ष में शराब के ठेकों की नीलामी से करीब 2700 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. जिससे सरकार के खजाने की आर्थिक सेहत में सुधार आया है.

ये भी पढ़ें: शराब की बोतल पर लगे सैस से गौ सेवा आयोग को मिले इतने करोड़, गौसदनों के निर्माण पर खर्च हुआ इतना पैसा

शिमला: हिमाचल में सरकारी खजाने को भरने के लिए इस बार शराब के ठेकों की नीलामी से 2850 करोड़ रुपए कमाई का लक्ष्य तय किया है. जिसके लिए 18 मार्च से शराब के ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन कई जिलों में अभी तक शराब के ठेकों की बिक्री नहीं हुई है. इसलिए अभी ऐसे जिलों में 10 अप्रैल तक ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया को जारी रखा जाएगा. इसी बीच जिन ठेकों की बिक्री हो गई, ऐसे ठेकों के लिए सरकार ने शराब की बिक्री के लिए नए निर्देश जारी किए हैं. इसके मुताबिक हिमाचल में अब आबकारी एवं कराधान विभाग ने शराब की बोतल को बेचने के लिए मैक्सिमम रिटेल प्राइस तय कर दिया है.

शराब के दामों में बढ़ोतरी

वहीं, नए वित्त वर्ष में शराब के दामों में भी वृद्धि की गई है. ऐसे में प्रदेश में हाई ब्रांड शराब 150 से 200 रुपए प्रति लीटर तक महंगी हो गई है. इसी तरह से अंग्रेजी के रेगुलर ब्रांड में न्यूनतम 40 से 50 रुपए प्रति बोतल की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, देसी शराब के दाम भी बढ़ाए गए हैं. विभाग की और से जारी सूची के मुताबिक देसी शराब 15 रुपए प्रति बोतल महंगी की गई है. इसमें ऊना नंबर वन का रेट अब 265 रुपए प्रति बोतल किया गया है. वहीं, पहले यही भाव 250 रुपए प्रति बोतल था. इसी तरह से देसी शराब के अन्य ब्रांड जो 245 रुपए प्रति बोतल के हिसाब से बिकती थी, वो अब अधिकतम 260 रुपए में बिकेगी.

MRP से ज्यादा रेट वसूलने पर कार्रवाई

इससे पहले पिछले वित्त वर्ष में शराब पर मिनिमम सेल प्राइज रहता था. जिसे अब हटा दिया गया है. मिनिमम सेल प्राइज में दुकानदार 30 फीसदी अधिक राशि वसूल सकता था, मगर भविष्य में ऐसा नहीं होगा. अब एमआरपी जो बोतल पर दर्ज होगा, उसके हिसाब से ही शराब की बोतल बेची जा सकती है. विभाग के इन आदेशों की कड़ाई से पालना करनी होगी. अगर कोई भी शराब की बोतल को एमआरपी से अधिक रेट पर बेचते हुए पाया जाता है तो नियमों के तहत पहले दो बार दुकान का चालान किया जाएगा. अगर इसके बाद भी ज्यादा दाम वसूले जाने की शिकायत प्राप्त होती है तो शराब का ठेका सील कर दिया जाएगा. वहीं अभी तक कई जिलों में शराब ठेकों की बिक्री नहीं हो पाई है, जिसे लेकर राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने 10 अप्रैल तक वह नीलामी की प्रक्रिया जारी रखने का फैसला लिया है. अभी भी शिमला, मंडी व कुल्लू में सभी यूनिट को नहीं बेचा जा सका है. इसी तरह से कांगड़ा, बिलासपुर व लाहौल-स्पीति में भी शराब के सभी ठेकों की बिक्री नहीं हो सकी है.

2850 करोड़ का लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश को शराब के ठेकों की बिक्री से भी काफी ज्यादा आय प्राप्त होती है. ऐसे में सरकार ने अब हर साल शराब के ठेकों की नीलामी का फैसला लिया है. जिसके लिए इस बार सरकार ने शराब के ठेकों की नीलामी से 2850 करोड़ रुपए आय प्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं, पिछले वित्त वर्ष में शराब के ठेकों की नीलामी से करीब 2700 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. जिससे सरकार के खजाने की आर्थिक सेहत में सुधार आया है.

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