सोलन: हिमाचल प्रदेश में सरकार ने शराब के लिए मैक्सिमम रिटेल प्राइस तय किया है. ठेका संचालकों द्वारा मनमाने दामों पर शराब बेची जाती थी, जिस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एमआरपी तय कर दिया है. शराब के ठेकों पर अब एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलने वाले ठेका संचलाकों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. अगर एक्साइज विभाग के पास इससे संबंधित कोई शिकायत आती है तो विभाग द्वारा एक दिन के लिए ठेका सील कर दिया जाएगा. इसके अलावा 15 हजार से 20 हजार रुपए तक जुर्माना भी संबंधित ठेका संचालकर को लगाया जाएगा.
"प्रदेश सरकार ने ठेका संचालकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अगर कोई भी शराब का ठेकेदार निर्धारित मूल्य से अधिक राशि वसूलते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे मामलों में संबंधित ठेके को एक दिन के लिए सील कर दिया जाएगा और ₹10,000 से ₹20,000 तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा." - प्रेम सिंह कैथ, असिस्टेंट कमिश्नर, स्टेट टैक्स एंड एक्साइज विभाग
विभाग की लोगों से अपील
असिस्टेंट कमिश्नर प्रेम सिंह कैथ ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की ओवरचार्जिंग कि स्थिति में शिकायत दर्ज करवाएं और अपनी शिकायत पर डटे रहें. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि शिकायत करवाने के बाद अक्सर शिकायतकर्ता और ठेकेदार समझौता कर लेते हैं. जिससे विभाग की कार्रवाई प्रभावित होती है. इसलिए लोगों से अपील है कि वे नियमों का पालन करने में विभाग का सहयोग करें और ओवरचार्जिंग के खिलाफ बेहिचक शिकायत करें, ताकि शराब बिक्री प्रणाली को पारदर्शी और नियमबद्ध बनाया जा सके.
शराब के दामों में बढ़ोतरी
वहीं, नए वित्त वर्ष में शराब के दामों में भी सरकार द्वारा बढ़ोतरी की गई है. जिसके तहत प्रदेश में हाई ब्रांड शराब 150 से 200 रुपए प्रति लीटर तक महंगी हो गई है. अंग्रेजी के रेगुलर ब्रांड में न्यूनतम 40 से 50 रुपए की प्रति बोतल की बढ़ोतरी की गई है. देसी शराब के दाम भी बढ़े हैं. विभाग की और से जारी सूची के अनुसार देसी शराब बोतल 15 रुपए तक प्रति महंगी की गई है.