रांचीः पिछले 48 घंटों में आंधी-तूफान और वज्रपात ने बिहार को झकझोर कर रख दिया है. अलग-अलग जिलों में अबतक 63 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा 22 मौतें नालंदा में हुई हैं. वहीं दरभंगा, बेगूसराय, मधुबनी, समस्तीपुर, जमुई, सहरसा, औरंगाबाद, पटना, अररिया, गया, भोजपुर, जहानाबाद, अरवल और मुजफ्फरपुर में भी लोगों ने जान गंवाई है. चारों ओर चीख-पुकार मची है. वज्रपात का कहर झारखंड के हजारीबाग समेत कई जिलों में दिखा है. हजारीबाग में चार लोगों की जान चली गई.
लेकिन झारखंड में भी एक ऐसा गांव है जहां मौसम बदलते ही ग्रामीण घरों में छिप जाते हैं. यह गांव राजधानी रांची से बेहद करीब है. इस गांव ने वज्रपात का कहर झेला है और शायद ही कोई ऐसा साल हो, जब वज्रपात का असर इस गांव पर ना पड़ा हो. वज्रपात से इस गांव का ऐसा कनेक्शन है कि इसका नाम ही 'बजरमारा' पड़ पड़ गया है. बजरमारा यानी वज्रपात की मार झेलने वाला.

वज्रपात की वजह से गांव का नाम पड़ा बजरमारा
रांची के नामकुम प्रखंड में लाली पंचायत का एक गांव है बजरमारा. यह गांव पहाड़ और जंगलों से घिरा है. यहां बारिश के मौसम में जरुरत से ज्यादा आकाशीय बिजली कड़कती है. इसलिए इस गांव का नाम 'बजरमारा' रखा दिया गया. मेघ की गर्जना होते ही इस गांव के लोग सुरक्षित जगहों पर छिप जाते हैं. खेत में काम करने के दौरान मेघ गर्जन होने पर पास की पहाड़ियों की गुफाओं में किसान छिपते हैं. यह डर इसलिए है क्योंकि साल 2016-17 में इसी गांव में फुटबॉल खेलते वक्त छह युवकों की वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गई थी. तब से यहां के ग्रामीण सावधानी बरतते आ रहे हैं.

इस गांव के कई पेड़ हैं वज्रपात के कहर का गवाह
इस गांव में कई पेड़ हैं, जो वज्रपात की कहर के गवाह है. कई पेड़ सूख चुके हैं. कई पेड़ ऐसे हैं जिन्हें देखकर लगता है जैसे बीच से चीर दिया गया हो. ग्रामीण कहते हैं कि जब वज्रपात होता है तो ऐसा लगता है जैसे बम फूट रहा हो. हर साल दो-एक मवेशी वज्रपात की भेंट चढ़ जाते हैं. जब आपदा प्रबंधन विभाग को इससे अवगत कराया जाता है तो एक रटारटाया जवाब आता है कि सर्वे कराकर जरुरी कदम उठाए जाएंगे. फिर बात आई-गई हो जाती है. इससे साफ है कि बजरमारा गांव के लोग खतरे के साये में हैं. बिहार में वज्रपात की वजह से मची तबाही से सीख लेने की जरुरत है.
वज्रपात (आकाशीय बिजली) से बचने के लिए नीचे दी गई सावधानियां बरतनी चाहिए:
घर में बरतें ये सावधानी
- अगर तूफान या बिजली चमकने की आशंका हो, तो घर के अंदर रहें.
- खिड़कियों, दरवाजों और धातु की वस्तुओं से दूर रहें, क्योंकि बिजली धातु के माध्यम से करंट प्रवाहित कर सकती है.
- बिजली के उपकरणों जैसे टीवी, कंप्यूटर, या फोन चार्जर का उपयोग न करें. अगर जरूरी हो तो सर्ज प्रोटेक्टर का इस्तेमाल करें.
- नल, सिंक या पानी से संबंधित काम (जैसे नहाना या बर्तन धोना) न करें, क्योंकि पानी बिजली का सुचालक होता है.
बाहर होने पर सावधानियां
- "30-30 नियम" का पालन करें: अगर बिजली चमकने और गड़गड़ाहट के बीच 30 सेकंड से कम समय हो, तो आप जोखिम में हैं. तुरंत सुरक्षित जगह पर जाएं.
- खुले मैदान से बचें: ऊंचे पेड़ों, खंभों, या किसी ऊंची जगह के नीचे न खड़े हों. खुले मैदानों, पहाड़ियों, या पानी के पास न रहें.
- धातु से दूरी बनाएं: धातु की वस्तुएं जैसे साइकिल, छाता, या गोल्फ क्लब आदि बिजली को आकर्षित कर सकती हैं. इन्हें छोड़ दें।
- कम ऊंचाई वाली जगह चुनें: अगर कोई इमारत नहीं है, तो झाड़ियों या छोटे पेड़ों के पास नीचे बैठ जाएं. "स्क्वाट पोजीशन" (घुटनों पर बैठकर, सिर नीचे और हाथों से कान ढककर) अपनाएं.
- पानी से दूर रहें: तालाब, नदी, या समुद्र में न रहें, क्योंकि पानी बिजली का अच्छा चालक है.
सुरक्षित स्थान चुनें
- पक्की इमारत: सबसे सुरक्षित जगह एक पक्की इमारत है जिसमें बिजली निवारक (लाइटनिंग रॉड) हो.
- गाड़ी: अगर इमारत न हो, तो पूरी तरह बंद कार (हार्ड-टॉप) में रहें. खिड़कियां बंद रखें और धातु के हिस्सों को न छुएं.
- झोपड़ियों से बचें: कच्चे घर या खुले शेड सुरक्षित नहीं होते.
तूफान से पहले तैयारी
- मौसम की जानकारी रखें. अगर तूफान की चेतावनी हो, तो बाहर जाने से बचें.
- घर में बिजली निवारक प्रणाली (लाइटनिंग अरेस्टर) लगवाएं.
- पेड़ों की ऊंची टहनियों को काटें, जो आपके घर के पास हों और बिजली को आकर्षित कर सकें.
वज्रपात की चपेट में अलग कोई आ गया तो क्या करें
- अगर कोई व्यक्ति वज्रपात से प्रभावित हो, तो तुरंत प्राथमिक उपचार दें. बिजली से प्रभावित व्यक्ति में करंट नहीं रहता, इसलिए उसे छूना सुरक्षित है.
- सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देना जानें, क्योंकि वज्रपात से हृदय रुक सकता है.
गलत धारणाओं से बचें
- मिथक: बिजली एक ही जगह दोबारा नहीं गिरती. सच: बिजली बार-बार एक ही जगह गिर सकती है.
- मिथक: तूफान में मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से बिजली गिरती है. सच: कॉर्डलेस मोबाइल फोन का इस्तेमाल सुरक्षित है, लेकिन तार वाले फोन से बचें.
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