रांची: हेमंत सरकार की नई उत्पाद नीति को लेकर नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को पत्र लिखा है.
अपने पत्र में बाबूलाल मरांडी ने नई उत्पाद नीति का जिक्र करते हुए कहा है कि दुकानों के बंदोबस्ती में जिस प्रकार केंद्र सरकार पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी के लाइसेंस निर्गत करने में दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, दिव्यांगों और सेना से सेवानिवृत जवानों को प्राथमिकता देती है.
उसी प्रकार राज्य सरकार भी गरीब, आदिवासी महिलाओं को जनसंख्या के आधार पर एवं सेना से सेवानिवृत जवानों के लिए देसी एवं विदेशी शराब दुकानों की बंदोबस्ती में आरक्षण दे. नेता प्रतिपक्ष ने नई उत्पाद नीति में एक व्यक्ति एक दुकान को मानक मानकर शराब दुकान बंदोबस्त करने का सुझाव दिया है.उ न्होंने कहा है कि इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को व्यवसाय करने का अवसर मिल सकेगा और भ्रष्टाचार नहीं हो सकेगा.
नई उत्पाद नीति से उठ रही हैं कई आशंकाएं- बाबूलाल
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार अभी जो नई उत्पादन नीति लागू करने जा रही है. इसमें भी कई आशंकाएं हो रही है कि राज्य के राजस्व में वृद्धि एवं छोटे-छोटे व्यवसायियों को समानुपातिक अवसर मिलेगा इसकी उम्मीद कम है.
नई उत्पाद नीति में एक व्यक्ति या प्रतिष्ठान को जिला स्तर पर तीन यूनिट यानी नौ दुकान एवं पूरे राज्य में अधिकतम 36 दुकान मिलने का प्रावधान रखा गया है. ऐसे में शराब के बड़े-बड़े कारोबारी पूरे राज्य में दुकानों के आवंटन में अपनी भागीदारी करेंगे. परिणामस्वरूप अधिकतम शराब दुकान उन्हीं के हाथों में चले जाने की संभावना ज्यादा है और वह लोग मनमानी तरीके से शराब का कारोबार कर सकेंगे.
इसके पूर्व में भी वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दो बार उत्पाद नीति लागू की जा चुकी है पर दुर्भाग्यवश उन नीतियों का लाभ न तो राजस्व हित में रहा और ना ही राज्य के छोटे-छोटे व्यवसायियों और बेरोजगार युवकों के पक्ष में रहा इसके विपरीत वह नीतियां शोषण एवं राजस्व के क्षति का कारण बनी. दुकानों में निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर शराब बेचने के कारण आम जनता से अवैध वसूली की गई और इसके परिणामस्वरूप प्राप्त होने वाला राजस्व शराब माफियाओं और दलालों के जेब में चला गया.
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