जयपुर: लॉरेंस विश्नोई-रोहित गोदारा गैंग अब कुख्यात आतंकी दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी की राह पर है. इस गैंग के गैंगस्टर्स भी विदेश में छिपकर बैठे हैं और वहीं से गैंग ऑपरेट कर रहे हैं. ये डब्बा कॉलिंग के जरिए कारोबारियों को रंगदारी के लिए धमकाते हैं और रकम नहीं देने पर गैंग के बदमाशों को भेजकर फायरिंग और हत्या की वारदात को अंजाम देते हैं. हालांकि, राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) विदेश में छिपकर बैठे बदमाशों पर नजर रख रही है. हाल ही में लॉरेंस-गोदारा गैंग की एक अहम कड़ी आदित्य जैन को एजीटीएफ ने दुबई से गिरफ्तार किया है. इससे पहले 2024 में इसी गैंग के अमरजीत विश्नोई और उसकी पत्नी सुधा को एजीटीएफ ने इटली में गिरफ्तार करवाया था. एजीटीएफ अब दोनों को भारत लाने की कवायद में जुटी है. इसके अलावा विदेशों में छिपकर गैंग ऑपरेट कर रहे अन्य गैंगस्टर की भी तलाश जारी है.
राजस्थान में 2022 से विदेश भागने लगे गैंगस्टर्स: उन्होंने बताया कि मुंबई में लंबे समय से यह ट्रेंड है कि बदमाश देश से बाहर चले जाते थे. वहां 80-90 के दशक से ही यह आम बात थी. बदमाश देश के बाहर से ही गैंग ऑपरेट करते थे. पंजाब में भी लंबे समय तक ऐसा ट्रेंड चला है. इसके अलावा दिल्ली और हरियाणा में भी इस तरह का ट्रेंड रहा है कि बदमाश अपराध कर विदेश भाग जाते. राजस्थान में यह ट्रेंड 2022 से शुरू हुआ है. इसलिए हमारे लिए यह नई चुनौती है. हम गैंगस्टर्स को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं.

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पुलिस और दूसरी गैंग से बचने की जुगत: उनका कहना है कि आपराधिक वारदात के बाद कई गैंगस्टर्स देश छोड़कर विदेश भाग गए हैं. इसके पीछे बड़ा मकसद पुलिस और विरोधी गैंग से बचना होता है. देश में छिपकर फरारी काटने के दौरान उनका पकड़े जाने की संभावना काफी ज्यादा होती है. इससे बचने के लिए वे विदेश भाग जाते हैं. उनका कहना है कि पहले देश छोड़कर चले जाने से बदमाश कानूनी प्रक्रिया से भी बच निकलते थे. अब नए आपराधिक कानूनों के तहत कोई बदमाश देश से बाहर भी है तो ट्रायल होकर उसे सजा हो सकती है.

विदेश में बैठकर हत्या, फायरिंग करवाई: एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि गैंगस्टर्स रोहित गोदारा और वीरेंद्र चारण सहित गैंग से जुड़े कुछ बदमाश देश छोड़कर विदेश में भाग गए हैं. विदेश में बैठकर इस गैंग के बदमाशों ने 2022 में सीकर में राजू ठेहट का मर्डर करवाया. साल 2023 में जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की वारदात को अंजाम दिया गया. जयपुर में रंगदारी के लिए जी-क्लब पर फायरिंग की वारदात करवाई गई. इसके अलावा भी कई जगह रंगदारी के लिए धमकी देने के भी मामले सामने आए हैं.
लोकेशन निकालकर जारी करवा रहे रेड कॉर्नर नोटिस: एजीटीएफ-क्राइम ब्रांच के एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि लॉरेंस विश्नोई-रोहित गोदारा की गैंग के लिए डब्बा कॉलिंग करवाने वाले अमरजीत विश्नोई को जुलाई, 2024 में इटली में गिरफ्तार करवाया गया था. उसकी पत्नी सुधा कंवर को भी गिरफ्तार किया गया था. वह राजू ठेहट हत्याकांड में वांछित थी. अब दोनों को भारत लाने के लिए प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है. अन्य गैंगस्टर्स की सटीक लोकेशन पता करवाने, उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने की प्रक्रिया भी चल रही है.

राजस्थान के ये कुख्यात बदमाश बैठे विदेशों में: राजस्थान में रंगदारी और फायरिंग की कई वारदातों का मास्टरमाइंड रोहित गोदारा विदेश भाग गया और वह दुबई में बैठकर गैंग ऑपरेट कर रहा है. आनंदपाल की बेटी चीनू भी विदेश में है और पुलिस को उसकी तलाश है. इसके अलावा लॉरेंस-गोदारा गैंग से जुड़ा वीरेंद्र चारण भी देश से बाहर है. उसके नेपाल या दुबई में होने की आशंका है. लॉरेंस गैंग से ही जुड़ा अमरजीत विश्नोई इटली के ट्रेपानी में फरारी काट रहा था. उसे पुलिस ने इटली में गिरफ्तार करवाया है. इसके अलावा पेपर लीक गिरोह का मास्टरमाइंड यूनिक भांबू भी एसओजी से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गया है.
कारोबारियों को धमकाने के लिए करते हैं डब्बा कॉल: उन्होंने बताया कि गैंगस्टर किसी को धमकी देने के लिए डब्बा कॉल करते हैं. जिसमें बीच में बफर डाल दिया जाता है. मसलन जिन दो लोगों को बात करना है. वो सीधे बात नहीं करते बल्कि उनके बीच एक तीसरा व्यक्ति दोनों को कॉल पर कनेक्ट करता है. इसके चलते दो लोगों के बीच डिजिटल कनेक्शन कट हो जाता है और लोकेशन ट्रैस नहीं हो पाती है. आमतौर पर गैंग से जुड़े गैंगस्टर्स आपस में बातचीत के लिए डब्बा कॉल का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा रंगदारी के लिए धमकी देने के लिए भी डब्बा कॉल का सहारा लिया जाता है.