हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के छात्र आज फिर से गेट नंबर चार पर धरना दे रहे हैं. छात्रों की मांग है कि एचएयू कुलपति कार्यालय के बाहर घटना के जिम्मेदार सुरक्षा कर्मियों की स्थायी बर्खास्तगी हो. भविष्य में उनको एचएयू परिसर में किसी रूप में पुनर्नियुक्ति ना दी जाए. मुख्य सुरक्षा अधिकारी, जिनकी प्रत्यक्ष जिम्मेदारी के तहत ये घटना हुई. उनको तत्काल बर्खास्त किया जाए और वीसी, कुलसचिव को हटाया जाए. मामले की जांच हो.
हिसार में लाठीचार्ज: इससे पहले चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार देर रात सुरक्षा कर्मचारियों ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया. छात्र स्कॉलरशिप नीति में बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. विश्वविद्यालय प्रशासन के नए नियमों के विरोध में छात्रों ने कुलपति निवास के सामने धरना शुरू किया. जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया. इस घटना में तीन छात्रों को गंभीर चोटें आईं, जबकि कई अन्य को मामूली चोटें आईं हैं.
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों पर लाठीचार्ज: घायल छात्रों को तत्काल हिसार के सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उनका इलाज चल रहा है. इस मामले के बाद चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCS HAU) में तनाव की स्थिति बनी हुई है. छात्रों ने बताया कि इस घटना में करीब 15 छात्र घायल हुए हैं. जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है.
स्कॉलरशिप नीति में बदलाव का विरोध: मंगलवार रात को विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों ने स्कॉलरशिप नीति में बदलाव के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर कुलपति कार्यालय की ओर जाने की कोशिश की थी. छात्रों का कहना है कि उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया. इस दौरान लाठीचार्ज में छात्र दीपांशु, चक्षु और निखिल सहित कई अन्य को चोटें आईं.

लाठीचार्ज में कई छात्र घायल: प्रदर्शन कर रहे छात्र दीपांशु ने बताया कि उनके सिर पर गहरी चोट लगी है और चिकित्सकों ने पट्टी बांधी है. छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा कर्मियों ने बिना किसी उकसावे के उन पर हमला किया और उनकी मांगों को सुनने से इनकार किया गया.
क्या है छात्रों की मांगे? छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाल ही में स्कॉलरशिप नीति में बदलाव किया है, जिसके तहत पहले 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक (OGPA 7.0) प्राप्त करने वाले सभी स्नातकोत्तर (पीजी) और पीएचडी छात्रों को स्कॉलरशिप मिलती थी. पीजी छात्रों को 6,000 रुपये और पीएचडी छात्रों को 10,000 रुपये की स्कॉलरशिप प्रदान की जाती थी.

छात्रों के मुताबिक नए नियम के अनुसार, अब केवल शीर्ष 25 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को ही स्कॉलरशिप मिलेगी. इस बदलाव से कई मेधावी छात्र लाभ से वंचित हो जाएंगे, खासकर मध्यमवर्गीय परिवारों के छात्र जो इस राशि पर निर्भर हैं. छात्रों ने मांग की है कि पुरानी नीति को बहाल किया जाए और सभी 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाए.
विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष: विश्वविद्यालय प्रशासन (CCS HAU) ने इस घटना पर अपना बयान जारी किया है. प्रशासन के अनुसार, कुछ छात्रों ने नारेबाजी करते हुए कुलपति कार्यालय में जबरन प्रवेश करने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. प्रशासन का दावा है कि छात्रों ने पहले सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट की और उनकी वर्दी फाड़ दी, जिसके जवाब में कर्मियों को बल प्रयोग करना पड़ा.

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ये भी बताया कि स्कॉलरशिप नीति के मुद्दे पर पहले ही छात्रों की मांगों पर विचार के लिए एक कमेटी गठित की गई थी, लेकिन छात्रों ने इस कमेटी के साथ कोई बैठक नहीं की.
धरने का सिलसिला और पुलिस की तैनाती: लाठीचार्ज की घटना के बाद गुस्साए छात्रों ने पहले विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के पास धरना दिया, फिर परिसर के गेट नंबर चार पर प्रदर्शन किया. इसके बाद देर रात वे कुलपति निवास की ओर बढ़े, जहां उन्होंने शांतिपूर्ण धरने की योजना बनाई थी. हालांकि, प्रशासन ने वहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया और कुलपति निवास के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए.

छात्रों ने मांग की है कि मारपीट करने वाले सुरक्षा कर्मियों को निलंबित किया जाए और उनकी मांगों पर तत्काल कार्रवाई हो. छात्र निखिल ने कहा कि वे इस घटना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे और पुलिस जांच की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
अस्पताल में घायल छात्रों का इलाज जारी: हिसार के सामान्य अस्पताल में पुलिस ने घायल छात्रों से मुलाकात की और घटना की छानबीन शुरू की. छात्रों ने बताया कि उनके पास लाठीचार्ज की घटना का वीडियो सबूत मौजूद है, जिसे वे जांच अधिकारियों के सामने पेश करेंगे. प्रदर्शनकारी छात्रों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे शांतिपूर्ण धरना जारी रखेंगे. छात्रों का कहना है कि स्कॉलरशिप नीति में बदलाव से उनकी पढ़ाई और आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ रहा है.