पंचकूला: हरियाणा सरकार ने राज्य के लोगों को बड़ी राहत दी है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2025-26 के लिए संशोधित कलेक्टर दरों को स्थगित कर दिया है. इससे अब हरियाणा में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि अब पुरानी दरें ही लागू रहेंगी. राजस्व विभाग द्वारा इस संबंधी आदेश जारी कर दिए गए हैं. मौजूदा कलेक्टर दरें अगले आदेश तक लागू रहेंगी.
दिसंबर 2014 में संशोधित किए थे रेट: वित्त आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) एफसीआर सुमिता मिश्रा द्वारा बताया गया कि हरियाणा में कलेक्टर दरों को दिसंबर 2024 में संशोधित किया गया था. वर्तमान कलेक्टर दरें अगले आदेश तक लागू रखे जाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, संशोधन पर जिलों से कोई रिपोर्ट भी नहीं मांगी है.
संशोधित कलेक्टर रेट पर सीएम की रोक: राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों को भेजे गए अत्यंत महत्वपूर्ण आदेश में निर्देश दिए गए हैं कि वर्ष 2025-26 के लिए अचल संपत्ति के ट्रांसफर का रजिस्ट्रेशन जनहित में अगले आदेश आने तक पुरानी कलेक्टर दरों पर जारी रखा जा सकता है. प्रति वर्ष कलेक्टर दरों में लगभग नए वित्तीय वर्ष अप्रैल में संशोधन किया जाता है. लेकिन हरियाणा में कलेक्टर दरों में संशोधन का कार्य दिसंबर 2024 में पूरा किया जा चुका है, जबकि संशोधन की कवायद मार्च तक होती है.
जिलों में 10-25% वृद्धि के प्रस्ताव तैयार: प्रदेश में कुछ जिलों ने न केवल 10 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश के साथ प्रस्ताव तैयार किए थे, बल्कि इन दरों को अपलोड करके सार्वजनिक आपत्तियां आमंत्रित करने की तैयारी की जा रही थी. जबकि राज्य सरकार द्वारा ऐसी किसी रिपोर्ट नहीं मांग नहीं की गई थी. वहीं, माना जा रहा है कि कलेक्टर दरों में चार महीने पहले किए संशोधन के कारण दोबारा संशोधित करने के फैसले को स्थगित कर दिया गया है.
चुनाव के कारण लटका संशोधन: कलेक्टर रेट का वार्षिक संशोधन कार्य वर्ष 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के कारण अप्रैल में स्थगित करना पड़ा था. इन चुनावों के पूरे होने के बाद भी दरों में संशोधन नहीं किया गया, क्योंकि हरियाणा में अगस्त में विधानसभा चुनावों की घोषणा हो गई थी. नायब सैनी की सरकार ने अक्टूबर 2024 में कार्यभार संभाला और इसके बाद दिसंबर 2024 में कलेक्टर दरों में संशोधन किया जा सका था.