पटना: बिहार में भूमि सर्वे के लिए स्वघोषणा की तारीख नीतीश सरकार ने 31 मार्च तक तय की थी, लेकिन तारीख समाप्त होने के बाद भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तरफ से लोगों से जमीन सर्वे के लिए स्वघोषणा जल्द से जल्द करने की अपील की जा रही है.
31 मार्च तक 11500916 स्वघोषणा प्राप्त: 31 मार्च तक जमीन सर्वे के लिए कुल 11,500,916 स्वघोषणा प्राप्त हुई हैं. इसमें रैयतों द्वारा शिविरों में जमा किए गए ऑफलाइन और रैयतों द्वारा निदेशालय की वेबसाइट पर जमा किए गए ऑनलाइन दोनों प्रकार की स्वघोषणा शामिल हैं.

विभाग ने नया आंकड़ा नहीं किया जारी: दूसरे चरण में शुरू किए गए 36 जिलों के सभी 445 अंचलों (सर्वे शिविरों) में रैयतों द्वारा जमा की गई स्वघोषणा की संख्या को भी जोड़ा गया है. हालांकि संख्या में और बढ़ोतरी हुई है. फिलहाल विभाग के तरफ से नया आंकड़ा जारी नहीं किया गया है.

संजय सरावगी ने जताई थी नाराजगी: राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने जमीन सर्वे के कामकाज की समीक्षा की थी. इसी बीच उन्होंने कुछ जिलों में स्वघोषणा की संख्या काफी कम होने पर नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों को सबसे खराब परफॉर्मेंस वाले जिलों/सर्वे शिविरों को चिन्हित करने के निदेश दिए.

राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को दी थी चेतावनी: इसके अलावा राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने चेतावनी भी दी थी कि खराब परफॉर्मेंस वाले शिविरों के कर्मियों ने 15 दिनों में अपना प्रदर्शन नहीं सुधारा, तो उन्हें कार्य मुक्त किया जाएगा. विभागीय समीक्षा के बाद उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि स्वघोषणा के साथ जमीन के सभी कागजात संलग्न करके देना जरूरी नहीं है. फिलहाल जमीन के जितने कागजात रैयत के पास हैं, उतने ही संलग्न करें, बाकि के कागजात का इंतजाम किस्तवार व खानापुरी के समय तक कर लें.

चंपारण में स्वघोषणा की संख्या कम: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों के अनुसार पश्चिम चंपारण जिले के 5 अंचलों बेतिया, पिपरासी, मधुबनी, ठकराहा और भितहा में स्वघोषणा की संख्या सबसे कम पाई गई. इसी प्रकार पूर्वी चंपारण जिले के 5 अंचलों, जिसमें पिपराकोठी, तुरकौलिया, बनकटवा, छौड़ादानो और रक्सौल शामिल हैं.
पिपरासी अंचल से मिली 524 स्वघोषणाएं: यहां पर स्वघोषणा की संख्या काफी कम रही. चंपारण के ये 10 अंचल पूरे बिहार में स्वघोषणा प्राप्त करने में सबसे पीछे हैं. बेतिया सदर में अब तक मात्र 187 स्वघोषणा ही प्राप्त हुई है, जबकि पिपरासी अंचल में प्राप्त स्वघोषणा की संख्या मात्र 524 है.
दरभंगा स्वघोषणाएं जमा करने में दूसरे नंबर पर: दूसरी तरफ अररिया सदर अंचल में रैयतों से प्राप्त स्वघोषणा की संख्या 1,36,777 पहुंच गई है. दूसरे नंबर पर आने वाले दरभंगा के बिरौल शिविर में कुल 1,14067 स्वघोषणा प्राप्त हुई हैं. दरभंगा का बहेड़ी, कुशेश्वर स्थान, अररिया का जौकी हाट, फारबिसगंज व पलासी में भी बड़ी संख्या में रैयतों ने स्वघोषणा जमा की है.
9 प्रमंडलों का डाटा अलग करने में लगा समय: इसी प्रकार समस्तीपुर के कल्याणपुर और औरंगाबाद के नबीनगर सर्वे शिविर की स्थिति भी स्वघोषणा प्राप्त करने के मामले में काफी बेहतर है.निदेशालय की आईटी टीम ने बताया कि सभी 9 प्रमंडलों का डाटा अलग करने में समय लगा है, अब तेजी से डाटा आ रहा है.
जमीन सर्वे नीतीश सरकार के लिए मुसीबत:बिहार विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है. ऐसे में जमीन सर्वे नीतीश सरकार के लिए गले की फांस बन गई है. बजट सत्र के दौरान भी यह चर्चा होती रही है कि जमीन सर्वे के लिए स्वघोषणा की तिथि सरकार चुनाव तक बढ़ा सकती है. हालांकि आधिकारिक रूप से फिलहाल इसकी कोई तिथि घोषित नहीं हुई है, लेकिन विभाग ने इसे बंद करने की भी घोषणा नहीं की है.
''विभाग ने अभी स्वघोषणा बंद नहीं की है, लेकिन लोग जल्द से जल्द अपने जमीन की स्व घोषणा कर दें, जिससे जमीन सर्वे का काम तेजी से हो सके''. दीपक कुमार सिंह, अपर सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
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