लक्सर: हरिद्वार जिले के लक्सर में टायर कंपनी के कर्मचारियों का जोरदार आंदोलन चल रहा है. अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर कर्मचारियों ने आत्मदाह की चेतावनी दे दी थी. इस चेतावनी से घबराए जिला प्रशासन के अधिकारी आनन-फानन में देर रात कर्मचारियों के धरना स्थल पर पहुंचे. अफसरों ने कर्मचारियों से वार्ता की. धरने पर बैठे कर्मचारियों ने अपनी मांगें पूरी करने के लिए चार दिन का और समय दिया है.
निशंक के आश्वासन पर आत्मदाह टाला: भाकियू नेता चौधरी कीरत सिंह ने कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होने पर बुधवार को फैक्ट्री गेट पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी. इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. देर रात को एसडीएम सौरभ असवाल और सीओ नताशा सिंह ने चौधरी कीरत सिंह से वार्ता की. वार्ता के दौरान यहां मौजूद भाजपा नेताओं ने पूर्व सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से उनकी वार्ता कराई. निशंक के दो दिन में मामले का समाधान कराने के आश्वासन के बाद चौधरी कीरत सिंह ने आत्मदाह की चेतावनी वापस लेते हुए चार दिन के बाद इस पर कोई निर्णय लेने की बात कही.
टायर फैक्ट्री कर्मचारियों का धरना जारी: वहीं, फैक्ट्री के यूनिट हेड अंजन दास की ओर से कर्मचारियों को एक पत्र जारी किया गया है. पत्र में उन्होंने फैक्ट्री में कर्मचारियों की हड़ताल से भारी नुकसान होने का हवाला देते हुए इससे फैक्ट्री के संचालन को लेकर अनिश्चितता की स्थिति पैदा होने की बात कही है. उन्होंने पत्र में कर्मचारियों की मांगों और उनकी समस्याओं के उचित समाधान का आश्वासन देते हुए कर्मचारियों से कार्य पर वापस लौटने की अपील की है.
यूनिट हेड के खिलाफ तहरीर: उधर अशोक कुमार और अन्य कर्मचारियों द्वारा टायर फैक्ट्री यूनिट हेड और अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी गई है. तहरीर में अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को डरा धमकाकर गाड़ी में जबरदस्ती डालकर फैक्ट्री लाने की कोशिश का आरोप लगाया है. वहीं इस बाबत कर्मचारियों का कहना है कि हर 3 साल में कर्मचारियों का इंक्रीमेंट होता है जो अभी तक नहीं किया गया. वार्ता करने के बाद मामला बिगड़ गया और कर्मचारी 17 मार्च से धरने पर बैठ गए. इस दौरान फिर वार्ता की गई लेकिन वो विफल रही.
ये है पूरा मामला: 27 मार्च को पहले 20 लोगों का निलंबन किया गया. उसके बाद 28 मार्च को फिर 20 लोगों का निलंबन किया गया. इसके बाद वार्ता होने पर फिर मामला बिगड़ा और फिर तीन लोगों को बर्खास्त कर दिया गया. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और कर्मचारी धरने पर बैठ गए. 7 अप्रैल को महापंचायत की गई थी. महापंचायत में भी बाहरी नेता और कर्मचारी काफी संख्या में इकट्ठा हुए थे. महापंचायत में भी प्रशासन द्वारा वार्ता कर शीघ्र मामले को निपटाने का आश्वासन दिया गया था. उसके बावजूद भी मामला नहीं निपटा. वार्ता विफल रही. इसके बाद किसान नेता कीरत सिंह द्वारा आत्मदाह की चेतावनी दी गई. फिर एक बार लक्सर तहसील प्रशासन द्वारा कीरत सिंह को सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा देकर दो दिन के लिए रोका गया है.
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