रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन ने दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 तथा नियम, 2021 को 13 फरवरी 2025 से लागू कर दिया है. इसे छोटे व्यापारियों और श्रमिकों के हित में बताया जा रहा है. यह अधिनियम श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार की सिफारिश पर तैयार मॉडल शॉप एक्ट के अनुरूप है. छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी इसे छोटे और मझले व्यापारियों के लिए लाभदायक बताया है. चेम्बर का दावा है कि इससे लगभग 6 से 7 लाख व्यापारियों को लाभ मिलेगा.
छोटे व्यापारियों को होगा लाभ : छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश थौरानी का कहना है कि इससे छोटे और मझले व्यापारियों को बहुत लाभ मिलेगा. उनके खिलाफ जो कार्रवाई होती है, उससे राहत मिलेगी.छोटे-छोटे दुकानदारों का शासन की नीतियों की फॉर्मेलिटी करने में काफी समय बर्बाद होता था, रिटर्न भरना पड़ता था.10 कर्मचारी हैं, उसमें प्रोविडेंट फंड में जाना पड़ता था, इससे छोटे और मझले व्यापारियों को बहुत लाभ मिलेगा लगभग 7- 8 लाख व्यापारियों को लाभ होगा.
इसके पहले जो नियम थे, उसमें रजिस्ट्रेशन करना पड़ता था, पूरे लेबर का हिसाब किताब रखना पड़ता था. भले मजदूर की संख्या 1 या 2 ही क्यों ना हो, लेकिन अब इससे छुटकारा मिल जाएगा. हालांकि रजिस्ट्रेशन तो अभी भी करना होगा. लेकिन इसमें 10 कर्मचारियों तक ऑडिट में पूरी छूट दी गई है. श्रमिकों के लिए भी यह फायदेमंद होगा- सतीश थौरानी, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्स, छत्तीसगढ़
आपको बता दें कि यह अधिनियम वहीं लागू होगा जहां 10 से अधिक श्रमिक काम करते हैं. जिन प्रतिष्ठानों या संस्थानों में 10 से कम कर्मचारी हैं या एक भी कर्मचारी उनके यहां कार्यरत नहीं है उन पर यह अधिनियम लागू नहीं होगा. यानी उन प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से मुक्त रखा गया है. इससे छोटे और मझले व्यापारियों को लाभ मिलेगा, साथ ही जो स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं , उन्हें भी इसका लाभ होगा. क्योंकि उन्हें श्रम कानून के तहत जटिल बाध्यता से नहीं गुजरना होगा.
महिलाओं को भी नए नियम में फायदा : नए अधिनियम के तहत पंजीयन की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन कर दी गई है. सभी व्यपारियों को 6 माह के अंदर श्रम विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर अपना पंजीयन जरूर करना होगा. पंजीयन के बाद डिजिटल हस्ताक्षर युक्त प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. साथ ही किसी प्रकार का संशोधन या दुकान बंद करने की सूचना भी ऑनलाइन माध्यम से देनी होगी. इस अधिनियम के तहत कर्मचारियों को 08 दिन का आकस्मिक अवकाश, 08 दिन का त्यौहारी अवकाश और अर्जित अवकाश का लाभ मिलेगा.महिला श्रमिकों को रात्रिकालीन पाली में नियोजन की अनुमति दी गई है, बशर्ते नियोजक द्वारा सुरक्षा एवं आवश्यक सुविधा सुनिश्चित की जाए.
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