भोपाल: मध्य प्रदेश में दो मई को पूरे प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाया जाएगा. ग्राम पंचायत से लेकर नगरीय निकायों तक लाड़ली बेटियों के नाम पर जगह जगह कार्यक्र होंगे. खास बात ये है कि इन आयोजनों की कमान भी लाड़ली बेटियों के हाथ में होगी. इन कार्यक्रमों में लाड़ली बेटियों के नाम पर एक पौधा भी रोपा जाएगा. मामा यानि शिवराज सिंह चौहान ने 2007 में इस योजना को लांच किया था. अब 2025 में डॉ. मोहन यादव इसे नए कलेवर के साथ आगे बढ़ा रहे हैं.
लाड़ली बेटियों के साथ लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायतें होंगी सम्मानित
लाड़ली लक्ष्मी उत्सव की कमान भी पूरी तरह से लाड़ली बालिकाओं के हाथ में रहेगी. जिला नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत में दो मई को बेटियों के सम्मानित करने के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसमें खास मुकाम हासिल करने वाली बेटियों को सम्मानित किया जाएगा.
इसके साथ ही लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायतें भी इस मौके पर सम्मानित की जाएंगी. कार्यक्रम में पूरे प्रदेश में एक पेड़ लाड़ली बेटी के नाम लगाया जाएगा. प्रदेश के पार्षद, मेयर से लेकर विधायक और सांसद तक इस अभियान में शामिल होंगे. इन कार्यक्रमों में लाड़ली क्लब के सदस्य अपने तजुर्बे भी साझा करेंगे. वही लाड़ली बेटियों को आश्वासन प्रमाण पत्र भी वितरित किए जाएंगे.
हर बेटी आत्मनिर्भर बने सरकार का लक्ष्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना मध्य प्रदेश सरकार की बेटियों के प्रति समर्पित सोच का प्रतीक है. हमारा लक्ष्य है कि हर बेटी को सम्मान, शिक्षा और आत्म-निर्भरता के अवसर प्राप्त हों. लाड़ली लक्ष्मी उत्सव एक नई ऊर्जा और विश्वास का संचार करेगा. उन्होंने प्रत्येक जिला और निकाय स्तर पर कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं, जिससे समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच और सशक्तिकरण का वातावरण तैयार हो.
शिवराज सरकार के लिए गेम चेंजर बनी थी लाड़ली लक्ष्मी
2007 में मध्य प्रदेश में लागू हुई लाड़ली लक्ष्मी योजना शिवराज सरकार के लिए गेम चेंजर साबित हुई थी. इसी योजना की बदौलत ये हुआ था कि 2008 में फिर से बीजेपी की सरकार बनी और 2013 में शिवराज सरकार ने जीत की हैट्रिक बनाई. सरकार का दावा था कि इस योजना की बदलौत मध्य प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार आया था. एक हजार बेटियों के अनुपात से जन्मदर 911 से बढ़कर 956 पर पहुंच गई.