फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में क्राइम ब्रांच ऊंचा गांव की टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि दोनों आरोपी मजदूरों को अगवा कर जबरदस्ती उनके खाते खुलवाते थे. गिरफ्तार आरोपियों में आरोपी शाहिद (30) व जावेद खान (30) को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि संदीप जो मूल रूप से जिला बुलंदशहर यूपी का रहने वाला है. फिलहाल गांव मिर्जापुर के थाना शहर बल्लभगढ़ में रहता है. उसने पुलिस को मामले की शिकायत दी थी.
मजदूरों का करते थे अपहरण: शिकायतकर्ता ने बताया कि वह मजदूरी करता है और 2 अप्रैल को सुबह करीब 9 बजे वह अपने दो दोस्तों के साथ अंबेडकर चौक, बल्लभगढ़ में खड़ा था. तभी दो लड़के स्विफ्ट गाड़ी में आए और उनसे कंपनी में मजदूरी कराने की बात करने लगे और अपनी गाड़ी में बैठा लिया. उन लड़कों ने कहा कि कंपनी में जाने के लिए आईडी चाहिए और फिर शिकायतकर्ता के किराए के मकान पर गए. वहां से आधार कार्ड लेकर उनको गाड़ी में बैठाकर फरीदाबाद एरिया से बाहर ले जाने लगे. जिनको मना किया तो उन्होंने चाकू दिखाकर चुप बैठने को कहा.
नूंह में खाता खोलकर फिर छोड़ा फरीदाबाद: इसके बाद नूंह के रिंगड गांव के खेतों में ले गए, जहां पर आरोपियों के 8/10 साथी और भी थे. जहां पर बंधक बनाकर खेतों में बैठा लिया. शिकायतकर्ता व उसके साथियों का जबरदस्ती बैंक में खाता खोला गया और खातों से पैसे भी निकलवाए गए. इसके बाद वापस फरीदाबाद छोड़कर चले गए. जिसे शिकायत पर थाना शहर बल्लभगढ़ ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया.
दो आरोपी गिरफ्तार: उन्होंने बताया कि क्राइम ब्रांच ऊंचागांव की टीम ने कार्रवाई करते हुए अपने गुप्त सूत्रों से प्राप्त सूचना दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि शाहिद व जावेद दोनों चाचा ताऊ के लड़के हैं. शाहिद बीए पास है और टैक्सी चालक है. वहीं, जावेद बेरोजगार है. वारदात में इस्तेमाल स्विफ्ट गाड़ी शाहिद के मौसा की है. जिसे बरामद किया गया है.
नूंह से जुड़े हैं आरोपियों के तार: वहीं, पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी शाहिद की मेवात के एक गिरोह से जानकारी है, जो खाता खुलवाता है और संबंधित दस्तावेज अपने पास रख लेता है. फिर बाद में खातों में पैसे ट्रांसफर कराते हैं. गिरोह के सदस्य ने शाहिद को कहा था कि किसी का खाता खुलवाओगे तो 10 हजार रुपये मिलेंगे. जिस पर आरोपी अपने चाचा के लड़के के साथ तीनों मजदूरों का बल्लभगढ़ से अपनी गाड़ी में अगवा करके मेवात ले गए. जहां पर मजदूरों के आधार से SIM निकलवाई गई और उसके बाद मजदूरों का एक प्राइवेट बैंक का ऑनलाइन खाता खोला गया. फिर मजदूरों को गाड़ी में बैठाकर वापस फरीदाबाद छोड़ा गया.
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