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स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में ही क्रसना लैब कई दिनों से बंद, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह? - KRSNAA LAB SOLAN HOSPITAL

क्रसना लैब क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में कई दिनों से बंद है. अस्पताल के अधिकारी कई बार लैब प्रबंधन को इसकी शिकायत कर चुके हैं.

क्रसना लैब सोलन में कई दिनों से बंद
क्रसना लैब सोलन में कई दिनों से बंद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : June 2, 2025 at 1:35 PM IST

2 Min Read

सोलन: हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर बड़े बड़े दावे होते हैं, लेकिन हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल के गृह क्षेत्र में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में पिछले करीब एक माह से क्रसना लैब में लोगों को टेस्ट सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिस कारण दूर-दराज क्षेत्र से अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बिजली का बिल जमाना न कर पाने के कारण क्रसना लैब में लाइट की सुविधा नहीं है, जिस कारण यहां टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. बीते काफी समय से अस्पताल प्रशासन क्रसना लैब से संपर्क कर रहा है. कंपनी की ओर से जल्द लैब को दोबारा शुरू करने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक लैब शुरू नहीं हो पाई. वहीं, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमएस डॉ. राकेश पंवार ने क्रसना लैब के प्रबंधकों से बातचीत की है, जिस पर कम्पनी ने जल्दी लैब को शुरू करने का आश्वासन दिया है.

सोलन में क्रसना लैब कई दिनों से बंद (ETV Bharat)

कई बार किया गया लैब प्रबंधन से संपर्क

एमएस डॉ पंवार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि 'कई बार क्रसना लैब के अधिकारियों से संपर्क किया जा चुका है, लेकिन कंपनी को ओर से हर बार लैब को जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया जाता है. जल्द लैब शुरू नहीं होती है तो सरकार को लैब की निगेटिव रिपोर्ट दी जाएगी, ताकि कोई और प्रावधान टेस्ट सुविधा को लेकर किया जाए. क्षेत्रीय अस्पताल में बनी सरकारी लैब में लोगों को टेस्ट सुविधा मिल रही है, लेकिन कुछ टेस्ट अस्पताल की लैब में नहीं हो पाते हैं, जिसके लिए लगातार क्रसना लैब से कहा जा रहा है कि वो लैब को शुरू करें. लैब अब भी शुरू नहीं होती है तो इसके लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा, ताकि सरकार उचित प्रावधान करें.'

स्वास्थ्य मंत्री ने किया था औचक निरीक्षण

बता दें कि बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने भी क्षेत्रीय अस्पताल सोलन का औचक निरीक्षण किया था और उस समय भी उन्होंने क्रसना लैब की रिपोर्टिंग को लेकर सवाल उठाए थे और इसे बदलने की बात कही थी. बहरहाल सवाल उठना लाजमी है, क्योंकि जब स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के ऐसे हाल हो तो प्रदेश में क्या हाल होंगे.

ये भी पढ़ें: मंडी में 20 साल के युवक ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में साथी छात्रा पर लगाए गंभीर आरोप

सोलन: हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर बड़े बड़े दावे होते हैं, लेकिन हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल के गृह क्षेत्र में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में पिछले करीब एक माह से क्रसना लैब में लोगों को टेस्ट सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिस कारण दूर-दराज क्षेत्र से अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बिजली का बिल जमाना न कर पाने के कारण क्रसना लैब में लाइट की सुविधा नहीं है, जिस कारण यहां टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. बीते काफी समय से अस्पताल प्रशासन क्रसना लैब से संपर्क कर रहा है. कंपनी की ओर से जल्द लैब को दोबारा शुरू करने की बात कही जा रही है, लेकिन अभी तक लैब शुरू नहीं हो पाई. वहीं, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमएस डॉ. राकेश पंवार ने क्रसना लैब के प्रबंधकों से बातचीत की है, जिस पर कम्पनी ने जल्दी लैब को शुरू करने का आश्वासन दिया है.

सोलन में क्रसना लैब कई दिनों से बंद (ETV Bharat)

कई बार किया गया लैब प्रबंधन से संपर्क

एमएस डॉ पंवार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि 'कई बार क्रसना लैब के अधिकारियों से संपर्क किया जा चुका है, लेकिन कंपनी को ओर से हर बार लैब को जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया जाता है. जल्द लैब शुरू नहीं होती है तो सरकार को लैब की निगेटिव रिपोर्ट दी जाएगी, ताकि कोई और प्रावधान टेस्ट सुविधा को लेकर किया जाए. क्षेत्रीय अस्पताल में बनी सरकारी लैब में लोगों को टेस्ट सुविधा मिल रही है, लेकिन कुछ टेस्ट अस्पताल की लैब में नहीं हो पाते हैं, जिसके लिए लगातार क्रसना लैब से कहा जा रहा है कि वो लैब को शुरू करें. लैब अब भी शुरू नहीं होती है तो इसके लिए सरकार को पत्र लिखा जाएगा, ताकि सरकार उचित प्रावधान करें.'

स्वास्थ्य मंत्री ने किया था औचक निरीक्षण

बता दें कि बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने भी क्षेत्रीय अस्पताल सोलन का औचक निरीक्षण किया था और उस समय भी उन्होंने क्रसना लैब की रिपोर्टिंग को लेकर सवाल उठाए थे और इसे बदलने की बात कही थी. बहरहाल सवाल उठना लाजमी है, क्योंकि जब स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के ऐसे हाल हो तो प्रदेश में क्या हाल होंगे.

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