कोरबा: जिला एवं सत्र न्यायालय कोरबा के एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी 4 युवकों को 20-20 साल के कठोर कारावास की सजा दी है. इस मामले में दो आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया गया है, जिन्हें पीड़ित महिला ने पहचानने से इनकार कर दिया. यह फैसला कोर्ट ने गुरुवार की शाम को सुनाया है.
सिविल लाइन थाना क्षेत्र की घटना, 6 लोगों को बनाया गया था आरोपी: अतिरिक्त लोक अभियोजक (एफटीसी)मोहन सोनी ने बताया कि यह घटना 12 जून 2024 की है. महिला अपने घर पर देवर के साथ मौजूद थी. देवर चावल छोड़ने के लिए अपनी भाभी के घर पहुंचा था. इसी बीच रात के करीब 10.30 से 11 बजे के बीच 6 युवकों ने बाहर से महिला के घर का दरवाजा खटखटाया. जैसे ही महिला ने दरवाजा खोला, युवकों ने गाली-गलौज शुरू कर दी. महिला के देवर के साथ मारपीट करने लगे.
बीच बचाव करने पर युवकों ने महिला को पकड़ लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. इस मामले की शिकायत महिला ने सिविल लाइन थाना क्षेत्र में की. जिस पर पुलिस ने 6 युवकों को आरोपी बनाया था. सभी पर घर में घुसकर मारपीट, गाली-गलौज, धमकी, लूट और सामूहिक दुष्कर्म के तहत केस दर्ज किया गया था.
पुलिस ने महिला की रिपोर्ट पर अजय खैरवार, गुलशन गिदौरे, राजेश गाड़ा, गुड़वा उर्फ गुड्डू, गुलशन नटराज और संदीप यादव को गिरफ्तार कर लिया था. तभी से सभी आरोपी जेल में बंद थे. इसकी सुनवाई कोरबा के अपर सत्र न्यायालय फास्टट्रैक कोर्ट में चल रही थी.
सबूत और गवाहों के आधार पर सभी को सजा : न्यायाधीश सीमा प्रताप चंद्रा की अदालत ने सबूत और गवाहों के बयान के आधार पर राजेश गाड़ा, गुड़वा उर्फ गुड्डू, गुलशन नटराज और संदीप यादव को घर में घुसकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म का दोषी पाया. चारों आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई गई.
कोर्ट का फैसला आते ही पुलिस ने दोषियों को सुरक्षा घेरा में लेते हुए सजा काटने के लिए जेल में शिफ्ट कर दिया है. कोर्ट का यह फैसला लगभग 31 पेज का है. अपने फैसले में कोर्ट ने सभी पहलुओं का उल्लेख किया है. इसमें बताया गया है कि घटना के समय संदीप ने महिला का मुंह बंद कर दिया था, जबकि अन्य आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. सभी की मेडिकल जांच कराई गई थी.
मुख्य परीक्षण के दौरान दो आरोपियों को महिला ने पहचानने से किया इनकार: मोहन सोनी ने बताया कि मामले में कोर्ट ने महिला के बयान के आधार पर दो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया. इसमें अजय खैरवार 22 वर्ष और गुलशन गिदौरे 24 वर्ष शामिल हैं. जबकि महिला ने घटना के बाद थाने में जो रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. उसमें अजय खैरवार, गुलशन गिदौरे के अलावा राजेश कुमार गाड़ा 24 वर्ष, संदीप यादव 30 वर्ष, गुलशन नटराज 25 वर्ष, गुड़वा उर्फ गुड्डू 20 वर्ष शामिल थे.
केस के आधार पर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान पुलिस की ओर से जो सबूत एकत्र किए गए थे, उसकी जांच फोरेंसिक लैब में कराई गई थी. लैब की रिपोर्ट में अजय खैरवार और गुलशन गिदौरे की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी.
घटना के बाद पीड़ित महिला ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास जो बयान दिया था, उसमें भी अजय और गुलशन का जिक्र किया था. महिला के बयान के आधार पर पुलिस ने इस मुकदमे को अभियोजन के माध्यम से आगे बढ़ाया था, लेकिन कोर्ट में मुख्य परीक्षण के दौरान महिला ने बयान बदल दिया. महिला ने दोनों को पहचानने से इनकार कर दिया. इस आधार पर कोर्ट ने 6 में से 2 आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया.