कोरबा: घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के साथ ही व्यावसायिक और सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाने के टारगेट से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण विभाग(सीएसपीडीसीएल) बुरी तरह से पिछड़ गया है. अकेले कोरबा जिले में 2 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाने का टारगेट है. इसमें से केवल 62000 स्मार्ट मीटर लगाया जा सका है. विभाग लोगों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने के टारगेट को पूरा नहीं कर पा रहा है, वहीं जिनके घरों में स्मार्ट मीटर लगा है, वह भी परेशान हैं. विभाग और आम लोग दोनों ही स्मार्ट मीटर की योजना से जूझ रहे हैं.
50% भी पूरा नहीं हुआ टारगेट: लोगों को स्मार्ट मीटर से जोड़ने की योजना की शुरुआत पिछले वर्ष की गई थी. कोरबा जिले के शहरी क्षेत्र में कुल 2 लाख 18 हजार 519 स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. वर्तमान में सिर्फ 62000 स्मार्ट मीटर लोगों के घरों में लगा पाए हैं. लगभग 11000 सरकारी कार्यालय और इस तरह के संस्थानों में स्मार्ट मीटर लगाया जाना शेष है.
स्मार्ट मीटर का विरोध : लोग स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे हैं. स्मार्ट मीटर लगाने का काम निजी ठेकेदारों को सौंपा गया है. वह जब अपने कर्मचारियों के माध्यम से लोगों के घर स्मार्ट मीटर लगाने जाते हैं, तब लोग इसे लगवाने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं. जिसके कारण विभाग का टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है.
बिजली बिल की गणना में आ रही समस्या : शहर के सीतामणी निवासी राम शंकर साहू कहते हैं कि स्मार्ट मीटर योजना गरीबों के लिए उचित नहीं है. यह प्रीपेड कनेक्शन की तरह लगाई जाती है. कुछ लोगों के घर में स्मार्ट मीटर लगा है, लेकिन बहुत अधिक बिल आ रहा है. कुछ लोग पहले ही ज्यादा बिजली बिल की समस्या से जूझ रहे हैं. स्मार्ट मीटर लगाने के बाद अधिक बिजली बिल आने की समस्या और बढ़ गई है. विभाग में जाने के बाद इसका समाधान नहीं होता. कोरबा ऊर्जाधानी जरूर है, लेकिन यहां पावर कट की समस्या भी बनी रहती है.

स्मार्ट मीटर लगाने के बाद समस्या और बढ़ गई है. खास तौर पर गरीबों के लिए स्मार्ट मीटर योजना ठीक नहीं है. यहां पुराने मीटर ही लगे रहने देना चाहिए. हमारे मोहल्ले में भी लोग स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे हैं. वह स्मार्ट मीटर लगवाने को तैयार नहीं है-राम शंकर साहू, स्थानीय
नई योजना है, इसे लेकर भ्रांति लेकिन स्मार्ट मीटर फायदेमंद: सीएसपीडीसीएल कोरबा के अधीक्षण अभियंता पीएल सिदार कहते हैं कि कोई भी योजना जब पहली बार लागू की जाती है, तब कई तरह की भ्रांतियां होती हैं, कुछ दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है.

स्मार्ट मीटर लगाने से कई तरह के फायदे हैं. वास्तविक लोड का पता चलता है, बिजली चोरी और बिजली बिल बकाया की समस्याएं खत्म होंगी-पीएल सिदार, अधीक्षण अभियंता, कोरबा
अधिकारी ने यह भी बताया कि लोगों को स्मार्ट मीटर से कई तरह के लाभ होंगे. धीरे धीरे हम इस पर काम कर रहे हैं. फिलहाल टारगेट से पीछे हैं. आने वाले समय में लगभग 11000 सरकारी कार्यालय में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे.