कोरबा: पिकअप के बेकाबू होकर नहर में गिरने से हुए हादसे में दो लोगों की लाश मिली है लेकिन तीन लोग अब भी लापता हैं. रेड़ा गांव के कंवर परिवार के साथ करीब 22 लोग पिकअप पर सवार होकर एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोरबा जिले के विकासखंड करतला अंतर्गत गांव मड़वारानी के पास स्थित खरहरी जा रहे थे. रविवार सुबह लगभग 11 बजे उरगा थाना क्षेत्र में ग्राम मुकुंदपुर के पास पिकअप बेकाबू होकर पानी से लबालब भरे नहर में गिर गई थी.
जान बचाने के लिए जोर-जोर से चिल्लाने लगे, मंजर इतना भयावह था कि एक-दूसरे के सामने ही लोग नहर की तेज धारा में बहते चले गए. जिन्हें तैरना आता था, उन्होंने अपनी जान बचा ली, लेकिन जो तैरना नहीं जानते थे, उनके लिए पिकअप का यह सफर, मौत का सफर बन गया. अब तक लापता पांच लोगों में से दो शव बरामद किए जा चुके हैं.
पांच लोग नहर में बहे: इस हादसे में 5 लोग नहर में बह गए थे. 70 साल की मानवती, जामबाई और 60 वर्षीय इतवार बाई के अलावा 7 साल की तान्या और दो साल का नमन कंवर शामिल है. इतवार बाई का शव नगरदा नहर से बरामद कर लिया गया है. दूसरी लाश भी सोमवार की सुबह बरामद कर ली गई है. सक्ती जिले के नगरदा स्थित नहर में सात वर्षीय मासूम बच्ची तान्या उर्फ खुशी साहू की लाश बरामद कर ली गई है. इससे पहले ईतवारा बाई कंवर नामक महिला का शव पुलिस ने रविवार की शाम को बरामद कर लिया था. अब भी तीन लोग लापता हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.

ड्राइविंग के दौरान जब गाड़ी बेकाबू होकर नहर में गिरने लगी, तब चालक पिकअप से कूदकर भाग गया था. गाड़ी नहर में गिर गई, घटना स्थल पर अफरा-तफरी मच गई थी. यहां स्नान कर रहे लोगों की नजर चीखते-चिल्लाते ग्रामीणों पर पड़ी थी. उन्हें बचाने के लिए स्थानीय लोग सामने आए. ग्रामीणों की मदद से कुछ लोगों को पानी से बाहर निकाला गया. उन्हें एंबुलेंस में बैठाकर पास के अस्पताल पहुंचाया गया. जेसीबी की मदद से पिकअप को बाहर निकाला गया. सोमवार को भी रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है.
मालवाहक गाड़ियों में ढोए जा रहे लोग, हादसे के बाद खुलती है नींद: लोगों को जानवरों की तरह मालवाहक गाडिय़ों में ढोने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजकीय और राष्ट्रीय राजमार्गों से होकर मालवाहक गाड़ियां लोगों को लेकर गुजर रहीं हैं. इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. उरगा क्षेत्र में मालवाहक की यात्रा मौत का सफर साबित हुआ. पहले भी दुर्घटनाएं हो चुकी है, लेकिन लोग सबक नहीं ले रहे हैं.
साधन संसाधन के मामले में कोरबा जिला पिछड़ा हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन के साधन कम हैं. शादी-विवाह जैसे कार्यक्रमों में लोग बारातियों को लाने ले जाने के लिए सवारी गाड़ियों के साथ साथ मालवाहकों का भी इस्तेमाल करते हैं. यह बेहद आम बात है. ग्रामीण क्षेत्रों में मालवाहक गाडिय़ों पर अधिकतर लोग आना-जाना करते हैं. कोई बड़ा हादसा होता है तब पुलिस मालवाहक गाड़ियों पर सवारी ढोते पकड़े जाने पर कार्रवाई करती है. अभियान चलाकर गाड़ियों को पकड़ा जाता है. लेकिन मामला शांत होते ही फिर से लोग पुराने ढर्रे पर ही लौट आते हैं.