नई दिल्ली: इस्लाम में इत्र कई मायनों में खास है. मुस्लिम समाज में इत्र लगाना सुन्नत माना गया है. राजधानी के मटिया महल बाजार में इत्र की कई दुकानें मौजूद हैं. बाजार में अत्तर हाउस नाम की एक दुकान है. इस दुकान के मालिक है मोहम्मद साबिर. ये इत्रों के वेराइटी के बादशाह हैं. इनके पास 250 वर्ष से ज्यादा पुराने इत्र मौजूद हैं. इतना ही नहीं इनकी दुकान पर वह इत्र भी मौजूद हैं जिनको मुग़ल बादशाहों और उनकी बेगमों ने इजाद किया था.
250 साल से भी ज्यादा पुराने इत्र का है क्लेक्शन : दुकान के मालिक मोहम्मद साबिर बताते हैं कि पीढ़ियों से उनका परिवार इत्र बनाने और बेचने का काम करते रहे है. वर्तमान में दुकान की जिम्मेदारी पांचवी पीढ़ी के कंधों पर है. उनके पास कई साल पुराने इत्र मौजूद हैं. जिनको वह विरासत के तौर पर संभाल कर रखते हैं और बेचते नहीं हैं. इसमें सबसे पुराना इत्र 250 साल से भी ज्यादा पुराना है. यह बेहद कीमती है. इसकी बोतल के ढक्कन पर ब्रिटिश सरकार की मुहर है. इसका ढक्कन चांदी का बना है. वह आगे बताते है कि हिंदुस्तान पर कई वर्षों तक मुगलों का राज रहा. मुगल शासक भी शौक से इत्र लगाया करते थे. उनके पास शाहजहां बादशाह और नूरजहां बेगम द्वारा बनाए गए इत्र भी है, जो बेचने के लिए नहीं है. शाहजहां ने समाममे के इत्र का इजाद किया था. वहीं नूरजहां ने रूह गुलाब इत्र का इजाद किया था.

औषधि गुण भी है इत्र में : साबिर ने बताया कि भारत में सबसे महंगे इत्र पाए जाते हैं. इत्र का इस्तेमाल केवल सुगंध के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि इत्र के कई औषधिय फायदे भी है. इसका इस्तेमाल दवा बनाने में भी किया जाता है. जैसे अगर किसी को कान संबंधी बीमारी है तो उसके लिए मोतिया का इत्र काम आता है. गर्मियों में चलने वाली गर्म हवाओं के कारण लोगों को लू लग जाती है, ऐसे में खस इत्र लगाने से आराम आता है. इसके अलावा जिनको लोगों नाक से खून आता है या मिर्गी का दौरा आता है उनके लिए ईगल इत्र फायदेमंद साबित होता है. लेकिन शर्त यही है सभी इत्र नेचुरल होने चाहिए.
आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस वाले इत्र की ज्यादा बिक्री : फिलहाल बाजार में आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस वाले इत्र ही ज्यादा बिकते हैं. साबिर ने बताया कि आज का इजी टू यूज़ का ज़माना है. इसके चलते रोल ऑन पैकिंग में आर्टिफिशियल कंपाउंड का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें फ्रेंच और अरेबिक फ्रेग्रेन्स का इस्तेमाल किया जाता है. भारतीय इत्र की तुलना में इनकी कीमत काम होती है. इसलिए आजकल विदेशी इत्र की डिमांड काफी बढ़ गयी है.


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