नई दिल्ली: आजकल लोगों में किडनी और पित्त की थैली में पथरी की समस्या होना आम बात हो गई है. हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और क्रोमियम की उपलब्धता किडनी में पथरी की समस्या पैदा कर सकती हैं.किडनी की पथरी कई महीनों या साल में बन सकती है. इसके अलावा उच्च ऑक्सालेट या कम कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ खाने से भी किडनी में स्टोन बनने की आशंका रहती है. दरअसल, इस बात का खुलासा दिल्ली एम्स के एक शोध में हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोबाल्ट एक धातु तत्व है. इसका इस्तेमाल कई इंडस्ट्रीज में किया जाता है. वहीं, क्रोमियम एक रसायनिक तत्व और खनिज है. यह चमकीली, सलेटी-भूरे रंग की सख्त, लेकिन आसानी से टूट जाने वाली धातु होती है.
हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और क्रोमियम की उपलब्धता से बढ़ा खतरा : क्रोमियम का इस्तेमाल कई तरह के उत्पादों में किया जाता है. इनकी उपलब्धता कई जगहों पर होती है. इनके कारण हवा और मिट्टी प्रदूषित होती है. इन जगहों पर रहने वाले लोगों में किडनी में पथरी रोग होने की आशंका अधिक रहती है. शोध बताता है कि इनके कारण व्यक्ति की किडनी में कैल्शियम ऑक्सालेट पत्थर बनने की आशंका रहती है. इस शोध से डॉक्टरों को भविष्य में इसके उपचार की नीति बनाने में मदद मिल सकती है. साथ ही जिन जगहों पर धातु की अधिकता है, हवा और मिट्टी में उनके प्रदूषक तत्व ज्यादा हैं, उसे लेकर रणनीति बनाने में मदद मिल सकती है. विशेषज्ञों ने इस शोध को हाल ही में एम्स स्थापना दिवस पर प्रदर्शित किया.



कम पानी पीने के कारण पेशाब में इन पदार्थों के कण बहुत ज्यादा हो जाते हैं. तरल पदार्थ कम होने के कारण यह आपस में चिपकना शुरू कर सकते हैं, जिससे पत्थर बन सकते हैं. पेशाब में खनिज, अम्ल और अन्य पदार्थ होते हैं. इसमें कैल्शियम, सोडियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड शामिल हैं. जब हम पानी पीते हैं तो यह पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन कम पानी पीने के कारण पेशाब में इन पदार्थों के कण बहुत ज्यादा हो जाते हैं. तरल पदार्थ कम होने के कारण यह आपस में चिपकना शुरू कर सकते हैं, जिससे पत्थर बन सकते हैं.
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