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जानिए किन लोगों में अधिक रहता है किडनी स्टोन का खतरा, दिल्ली एम्स के शोध में सामने आए चौंकाने वाले फैक्ट - AIIMS RESEARCH ON KIDNEY STONE

दिल्ली एम्स के शोध में खुलासा, प्रदूषित हवा और मिट्टी में धातु और अन्य खनिज पदार्थ की उपलब्धता से हो रही किडनी स्टोन की समस्या.

दिल्ली एम्स के शोध में सामने आए चौंकाने वाले फैक्ट
दिल्ली एम्स के शोध में सामने आए चौंकाने वाले फैक्ट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : April 13, 2025 at 11:10 AM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: आजकल लोगों में किडनी और पित्त की थैली में पथरी की समस्या होना आम बात हो गई है. हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और क्रोमियम की उपलब्धता किडनी में पथरी की समस्या पैदा कर सकती हैं.किडनी की पथरी कई महीनों या साल में बन सकती है. इसके अलावा उच्च ऑक्सालेट या कम कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ खाने से भी किडनी में स्टोन बनने की आशंका रहती है. दरअसल, इस बात का खुलासा दिल्ली एम्स के एक शोध में हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोबाल्ट एक धातु तत्व है. इसका इस्तेमाल कई इंडस्ट्रीज में किया जाता है. वहीं, क्रोमियम एक रसायनिक तत्व और खनिज है. यह चमकीली, सलेटी-भूरे रंग की सख्त, लेकिन आसानी से टूट जाने वाली धातु होती है.

हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और क्रोमियम की उपलब्धता से बढ़ा खतरा : क्रोमियम का इस्तेमाल कई तरह के उत्पादों में किया जाता है. इनकी उपलब्धता कई जगहों पर होती है. इनके कारण हवा और मिट्टी प्रदूषित होती है. इन जगहों पर रहने वाले लोगों में किडनी में पथरी रोग होने की आशंका अधिक रहती है. शोध बताता है कि इनके कारण व्यक्ति की किडनी में कैल्शियम ऑक्सालेट पत्थर बनने की आशंका रहती है. इस शोध से डॉक्टरों को भविष्य में इसके उपचार की नीति बनाने में मदद मिल सकती है. साथ ही जिन जगहों पर धातु की अधिकता है, हवा और मिट्टी में उनके प्रदूषक तत्व ज्यादा हैं, उसे लेकर रणनीति बनाने में मदद मिल सकती है. विशेषज्ञों ने इस शोध को हाल ही में एम्स स्थापना दिवस पर प्रदर्शित किया.

किडनी में कैल्शियम ऑक्सालेट से पत्थर बनने की आशंका-एम्स
किडनी में कैल्शियम ऑक्सालेट से पत्थर बनने की आशंका-एम्स (ETV BHARAT)
इस शोध की रही प्रक्रिया : इस अध्ययन में विशेषज्ञाें का उद्देश्य किडनी की पथरी वाले रोगियों के ब्लड, यूरीन और स्टोन के टुकड़ों में धातु तत्वों की सांद्रता का विश्लेषण करना और उनकी तुलना किडनी के स्टोन के बिना रोगियों के ब्लड और यूरीन में सांद्रता से करना है. यह भारत में पहला अध्ययन है जो तीनों मैट्रिक्स में धातु तत्वों की जांच करता है. यह संभावित रूप से पथरी बनाने वाले परिवर्तनीय रिस्क फैक्टर्स की पहचान करता है. इस शोध में एम्स के यूरोलॉजी विभाग, एनाटॉमी डिपार्टमेंट, लैबोरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. छाबड़ा स्वेशा, डॉ. सेठ अमलेश, डॉ. अहमदुल्ला शरीफ, डॉ. जावेद अहसन कादरी, डॉ. श्याम प्रकाश और डॉ. कुमार संजय शामिल रहे.
हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और  क्रोमियम की उपलब्धता से बन रहे स्टोन
हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और क्रोमियम की उपलब्धता से बन रहे स्टोन (ETV BHARAT)
आमतौर पर 30 और 40 की उम्र के युवाओं में देखी जा रही समस्या : शोधकर्ता विशेषज्ञों का कहना है कि करीब 10 में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में किडनी की पथरी हो सकती है. 30 और 40 की उम्र के पुरुषों में यह सबसे आम है. किडनी की पथरी का सबसे आम लक्षण पीठ के निचले हिस्से, पेट या बगल में दर्द है. ऐसा महसूस हो सकता है कि यह कमर से बगल तक दर्द फैल गया हो. यह दर्द हल्का या तेज और गंभीर भी हो सकता है. पेशाब में खनिज, अम्ल और अन्य पदार्थ होते हैं. इसमें कैल्शियम, सोडियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड शामिल हैं. जब हम पानी पीते हैं तो यह पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है.
प्रदूषित हवा और मिट्टी में धातु और अन्य खनिज पदार्थों से बढ़ा स्टोन का खतरा
प्रदूषित हवा और मिट्टी में धातु और अन्य खनिज पदार्थों से बढ़ा स्टोन का खतरा (ETV BHARAT)

कम पानी पीने के कारण पेशाब में इन पदार्थों के कण बहुत ज्यादा हो जाते हैं. तरल पदार्थ कम होने के कारण यह आपस में चिपकना शुरू कर सकते हैं, जिससे पत्थर बन सकते हैं. पेशाब में खनिज, अम्ल और अन्य पदार्थ होते हैं. इसमें कैल्शियम, सोडियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड शामिल हैं. जब हम पानी पीते हैं तो यह पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन कम पानी पीने के कारण पेशाब में इन पदार्थों के कण बहुत ज्यादा हो जाते हैं. तरल पदार्थ कम होने के कारण यह आपस में चिपकना शुरू कर सकते हैं, जिससे पत्थर बन सकते हैं.

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नई दिल्ली: आजकल लोगों में किडनी और पित्त की थैली में पथरी की समस्या होना आम बात हो गई है. हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और क्रोमियम की उपलब्धता किडनी में पथरी की समस्या पैदा कर सकती हैं.किडनी की पथरी कई महीनों या साल में बन सकती है. इसके अलावा उच्च ऑक्सालेट या कम कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ खाने से भी किडनी में स्टोन बनने की आशंका रहती है. दरअसल, इस बात का खुलासा दिल्ली एम्स के एक शोध में हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोबाल्ट एक धातु तत्व है. इसका इस्तेमाल कई इंडस्ट्रीज में किया जाता है. वहीं, क्रोमियम एक रसायनिक तत्व और खनिज है. यह चमकीली, सलेटी-भूरे रंग की सख्त, लेकिन आसानी से टूट जाने वाली धातु होती है.

हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और क्रोमियम की उपलब्धता से बढ़ा खतरा : क्रोमियम का इस्तेमाल कई तरह के उत्पादों में किया जाता है. इनकी उपलब्धता कई जगहों पर होती है. इनके कारण हवा और मिट्टी प्रदूषित होती है. इन जगहों पर रहने वाले लोगों में किडनी में पथरी रोग होने की आशंका अधिक रहती है. शोध बताता है कि इनके कारण व्यक्ति की किडनी में कैल्शियम ऑक्सालेट पत्थर बनने की आशंका रहती है. इस शोध से डॉक्टरों को भविष्य में इसके उपचार की नीति बनाने में मदद मिल सकती है. साथ ही जिन जगहों पर धातु की अधिकता है, हवा और मिट्टी में उनके प्रदूषक तत्व ज्यादा हैं, उसे लेकर रणनीति बनाने में मदद मिल सकती है. विशेषज्ञों ने इस शोध को हाल ही में एम्स स्थापना दिवस पर प्रदर्शित किया.

किडनी में कैल्शियम ऑक्सालेट से पत्थर बनने की आशंका-एम्स
किडनी में कैल्शियम ऑक्सालेट से पत्थर बनने की आशंका-एम्स (ETV BHARAT)
इस शोध की रही प्रक्रिया : इस अध्ययन में विशेषज्ञाें का उद्देश्य किडनी की पथरी वाले रोगियों के ब्लड, यूरीन और स्टोन के टुकड़ों में धातु तत्वों की सांद्रता का विश्लेषण करना और उनकी तुलना किडनी के स्टोन के बिना रोगियों के ब्लड और यूरीन में सांद्रता से करना है. यह भारत में पहला अध्ययन है जो तीनों मैट्रिक्स में धातु तत्वों की जांच करता है. यह संभावित रूप से पथरी बनाने वाले परिवर्तनीय रिस्क फैक्टर्स की पहचान करता है. इस शोध में एम्स के यूरोलॉजी विभाग, एनाटॉमी डिपार्टमेंट, लैबोरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. छाबड़ा स्वेशा, डॉ. सेठ अमलेश, डॉ. अहमदुल्ला शरीफ, डॉ. जावेद अहसन कादरी, डॉ. श्याम प्रकाश और डॉ. कुमार संजय शामिल रहे.
हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और  क्रोमियम की उपलब्धता से बन रहे स्टोन
हवा और मिट्टी में कोबाल्ट और क्रोमियम की उपलब्धता से बन रहे स्टोन (ETV BHARAT)
आमतौर पर 30 और 40 की उम्र के युवाओं में देखी जा रही समस्या : शोधकर्ता विशेषज्ञों का कहना है कि करीब 10 में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में किडनी की पथरी हो सकती है. 30 और 40 की उम्र के पुरुषों में यह सबसे आम है. किडनी की पथरी का सबसे आम लक्षण पीठ के निचले हिस्से, पेट या बगल में दर्द है. ऐसा महसूस हो सकता है कि यह कमर से बगल तक दर्द फैल गया हो. यह दर्द हल्का या तेज और गंभीर भी हो सकता है. पेशाब में खनिज, अम्ल और अन्य पदार्थ होते हैं. इसमें कैल्शियम, सोडियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड शामिल हैं. जब हम पानी पीते हैं तो यह पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है.
प्रदूषित हवा और मिट्टी में धातु और अन्य खनिज पदार्थों से बढ़ा स्टोन का खतरा
प्रदूषित हवा और मिट्टी में धातु और अन्य खनिज पदार्थों से बढ़ा स्टोन का खतरा (ETV BHARAT)

कम पानी पीने के कारण पेशाब में इन पदार्थों के कण बहुत ज्यादा हो जाते हैं. तरल पदार्थ कम होने के कारण यह आपस में चिपकना शुरू कर सकते हैं, जिससे पत्थर बन सकते हैं. पेशाब में खनिज, अम्ल और अन्य पदार्थ होते हैं. इसमें कैल्शियम, सोडियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड शामिल हैं. जब हम पानी पीते हैं तो यह पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन कम पानी पीने के कारण पेशाब में इन पदार्थों के कण बहुत ज्यादा हो जाते हैं. तरल पदार्थ कम होने के कारण यह आपस में चिपकना शुरू कर सकते हैं, जिससे पत्थर बन सकते हैं.

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