रांची: आज राष्ट्रीय स्तर पर डेंगू दिवस मनाया जा रहा है. एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाली इस बीमारी से बचाव के प्रति जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से शुरू की गई राष्ट्रीय डेंगू दिवस की महत्ता झारखंड जैसे राज्य के लिए और अभी अधिक इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि साल दर साल बड़ी संख्या में लोग डेंगू के शिकार होते हैं. सरकारी आंकड़े के अनुसार 2023 में राज्य में 04 लोगों की मौत डेंगू से हुई थी. राहत की बात यह रही कि 2024 और 2025 में अभी तक डेंगू से कोई भी मौत नहीं हुई है.
ये हैे डेंगू के लक्षण
एडीज मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी डेंगू में संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार और पूरे शरीर में तेज दर्द होता है. इसके साथ-साथ संक्रमित व्यक्ति की आंखें लाल हो जाती है और रोगी को बहुत कमजोरी होती है. संक्रमण बढ़ने पर कई बार शरीर में प्लेटलेट्स की कमी की वजह से बीमार व्यक्ति के शरीर पर जगह-जगह चकत्ता - चकत्ता दिखने लगता है.
रांची सदर के पूर्व उपाधीक्षक और इंटरनल मेडिसीन के चिकित्सक डॉ ए के झा कहते हैं कि ज्यादातर मामलों में डेंगू का संक्रमण स्वयं समाप्त हो जाता है, लेकिन कई दफा प्लेटलेट्स कम हो जाने से इंटरनल हेमरेज (रक्तस्राव) होने के चलते मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है. ऐसे में मरीज को किसी भी योग्य चिकित्सक की देखरेख में इलाज शुरू कराना बेहद जरूरी हो जाता है.
डॉ. ए के झा ने बताया कि बिना योग्य चिकित्सक को दिखाए कभी भी दवा न खाएं. यह डेंगू में खतरनाक होता ही है, कई अन्य बीमारियों में भी यह खतरनाक और जानलेवा हो जाता है.
अपने घर और आसपास में पानी न जमा होने दें-डॉ अजीत
डॉ अजीत ने बताया कि डेंगू के फैलाव के लिए एडीज मच्छर मुख्य रूप से जिम्मेवार होता है. एडीज मच्छर की खासियत यह है कि इसका लार्वा साफ और बहुत दिन से स्टोर किये साफ पानी में पनपता है. ऐसे में अपने घर और आसपास में, कूलर में, खराब हो चुके टायर या डब्बों में पानी नहीं जमा रहने दें. डॉ अजीत कुमार ने बताया कि एडीज मच्छर ज्यादातर दिन में ही एक्टिव रहता है. इसलिए दिन के समय भी मच्छरों से बचाव जरूरी है.
झारखंड में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम ( JVBDCP) के नोडल ऑफिसर डॉ. बीके सिंह ने बताया कि डेंगू और मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह एक्टिव है. नगर निगम के साथ समन्वय स्थापित कर मच्छरों के रोकथाम का अभियान जल्द शुरू किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए डोर टू डोर सर्विलांस अभियान चलाया जाएगा. लार्वारोधी दवाओं का छिड़काव- मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव की पूरी व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि राज्य में इस वर्ष जनवरी से अप्रैल तक लगभग 74 डेंगू संक्रमित मिल चुके हैं. 2024 और 2025 में डेंगू से किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है.
आइए एक नजर डालें राज्य में डेंगू की स्थिति पर
वर्ष 2023
- कुल डेंगू संदिग्ध मिले-20749
- टेस्टेड- 20749
- पॉजिटिव- 2578
- डेंगू से मौत- 04
पांच जिले जहां 2023 में सबसे अधिक डेंगू पॉजिटिव मिले
- पूर्वी सिंहभूम - 1277
- रांची- 309
- साहिबगंज-338
- सरायकेला खरसावां - 168
- देवघर-136
वर्ष 2024
- डेंगू के संदिग्ध-14311
- सैंपल टेस्टेड- 14311
- पॉजिटिव मिले - 1528
- डेथ - 00
ये पांच जिले जहां 2024 में सबसे अधिक डेंगू मरीज मिले
- पूर्वी सिंहभूम- 351
- रांची- 211
- साहिबगंज - 176
- धनबाद- 118
- खूंटी - 113
वर्ष 2025 के मई तक का ये है आकंड़ा
वर्ष 2025 के जनवरी महीने में 313 डेंगू सस्पेक्टेड मरीजों की जांच हुई जिसमें 15 पॉजिटिव केस मिले हैं. फरवरी महीने में 336 सैंपल की जांच में 21 पॉजिटिव, मार्च में 348 सैंपल की जांच में 23 पॉजिटिव और अप्रैल महीने में 371 सैंपल की जांच में 15 डेंगू पॉजिटिव मिले हैं.
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