ETV Bharat / state

राजस्थान में हीटवेव अलर्ट, डॉक्टर से जानिए क्या है हीट स्ट्रोक और कैसे करें बचाव - HEAT STROKE PREVENTION

प्रदेश में गर्मी का प्रकोप जारी है. जानिए भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ से गर्मी से बचने के उपाय...

महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़
महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ (ETV Bharat Bhilwara)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 11, 2025 at 6:33 AM IST

3 Min Read

भीलवाड़ा: मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी कर रखा है. ऐसे में भीलवाड़ा चिकित्सा विभाग ने भी मरीजों के लिए ठोस प्रबंधन किए हैं. भीलवाड़ा के अ श्रेणी महात्मा गांधी अस्पताल में 30 बेड आरक्षित करते हुए ओआरएस पाउडर सहित तमाम व्यवस्थाएं की हैं. वहीं, आमजन गर्मी से बचने के लिए अधिक से अधिक पानी का उपयोग करते हुए घर पर नींबू, नमक व शक्कर पानी में मिलाकर पिएं, जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन नहीं हो.

भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमारी बॉडी में टेंपरेचर बहुत ज्यादा बढ़ने से शरीर में थकान, उल्टी, दस्त और सिर दर्द होता है. वहीं, अगर शरीर का टेंपरेचर और ज्यादा बढ़ जाता तो उसे 'हीट स्ट्रोक' कहते हैं, जिससे आदमी बेहोश होने लग जाता है. इससे बचने के लिए हाल ही में चिकित्सा विभाग के मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस भी की थी. हीट स्ट्रोक आने पर मरीजों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो, उसे सही उपचार मिले, इसके लिए हमने राउंड द क्लॉक इमरजेंसी ड्रग्स की व्यवस्था की है. महात्मा गांधी अस्पताल भीलवाड़ा जिला मुख्यालय का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां अन्य जिलों के साथ ही भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र से रेफर मरीज आते हैं.

इसे भी पढे़ं. भीषण गर्मी में कैसे रखें अपना ख्याल, जानें आयुर्वेद के अनुसार बचाव के आसान उपाय

सभी व्यवस्थाएं पूरीः उन्होंने बताया कि अस्पताल में हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए सभी दवाइयां उपलब्ध करवा दी है. एयर कंडीशन वार्ड की व्यवस्था भी की है. अगर टाइम पर मरीज का टेंपरेचर तेजी से कम करना हो तो बर्फ का उपयोग कर टेंपरेचर कम किया जा सकता है. महात्मा गांधी अस्पताल में आईसीयू वार्ड में 30 बेड आरक्षित किए हैं. महात्मा गांधी हॉस्पिटल के सारे कुलर तैयार हो चुके हैं, जिन वार्डों में बेड आरक्षित किए हैं, वहा एयर कंडीशनर और कूलर सुचारू रूप से चालू है. वहीं, बच्चों की यूनिट और प्रसुताओं के वार्डों में तमाम एयर कंडीशनर चालू हैं. अस्पताल के बाहर प्याऊ लगाते हुए ओआरएस पाउडर रखवाए जा रहे हैं. हम सभी परिस्थितियों के लिए तैयार हैं.

गर्मी के कारण होती हैं ये समस्याएं
गर्मी के कारण होती हैं ये समस्याएं (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढे़ं. भालू खा रहे आइसक्रीम, हिरण ले रहे तरबूजों का मजा, शेर-बाघ को मिल रही कूलर की ठंडी हवा

कैसे करें बचाव : हीट स्ट्रोक से प्रारंभिक तौर पर सिर दर्द, उल्टी होना और बेहोशी जैसी हालत हो जाती है. इससे बचने के लिए सबसे पहले पानी की कमी को दूर करें. अगर गर्मी के मौसम में लोग कम पानी पीते हैं तो शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है. ऐसे में अधिक से अधिक पानी पिएं. आमजन घर पर गर्मी की ऋतु में नमक, नींबू और शक्कर पानी में मिलाकर पिएं, यह रामबाण है. ओआरएस पाउडर उपलब्ध है तो उसको पानी में मिलाकर पिएं. 45 डिग्री तापमान बढ़ने के साथ ही हीट स्ट्रोक की बीमारी फैलने की संभावना रहती है. यह आदमी की इम्यूनिटी सिस्टम पर निर्भर करती है. गर्मी की ऋतु में गर्भवती महिला व छोटे बच्चों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

ऐसे करें बचाव
ऐसे करें बचाव (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढे़ं. बाड़मेर में डरा रहा चढ़ता पारा: पशुओं को लू का खतरा, ये ध्यान रखें पशुपालक

भीलवाड़ा: मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी कर रखा है. ऐसे में भीलवाड़ा चिकित्सा विभाग ने भी मरीजों के लिए ठोस प्रबंधन किए हैं. भीलवाड़ा के अ श्रेणी महात्मा गांधी अस्पताल में 30 बेड आरक्षित करते हुए ओआरएस पाउडर सहित तमाम व्यवस्थाएं की हैं. वहीं, आमजन गर्मी से बचने के लिए अधिक से अधिक पानी का उपयोग करते हुए घर पर नींबू, नमक व शक्कर पानी में मिलाकर पिएं, जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन नहीं हो.

भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमारी बॉडी में टेंपरेचर बहुत ज्यादा बढ़ने से शरीर में थकान, उल्टी, दस्त और सिर दर्द होता है. वहीं, अगर शरीर का टेंपरेचर और ज्यादा बढ़ जाता तो उसे 'हीट स्ट्रोक' कहते हैं, जिससे आदमी बेहोश होने लग जाता है. इससे बचने के लिए हाल ही में चिकित्सा विभाग के मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस भी की थी. हीट स्ट्रोक आने पर मरीजों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो, उसे सही उपचार मिले, इसके लिए हमने राउंड द क्लॉक इमरजेंसी ड्रग्स की व्यवस्था की है. महात्मा गांधी अस्पताल भीलवाड़ा जिला मुख्यालय का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां अन्य जिलों के साथ ही भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र से रेफर मरीज आते हैं.

इसे भी पढे़ं. भीषण गर्मी में कैसे रखें अपना ख्याल, जानें आयुर्वेद के अनुसार बचाव के आसान उपाय

सभी व्यवस्थाएं पूरीः उन्होंने बताया कि अस्पताल में हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए सभी दवाइयां उपलब्ध करवा दी है. एयर कंडीशन वार्ड की व्यवस्था भी की है. अगर टाइम पर मरीज का टेंपरेचर तेजी से कम करना हो तो बर्फ का उपयोग कर टेंपरेचर कम किया जा सकता है. महात्मा गांधी अस्पताल में आईसीयू वार्ड में 30 बेड आरक्षित किए हैं. महात्मा गांधी हॉस्पिटल के सारे कुलर तैयार हो चुके हैं, जिन वार्डों में बेड आरक्षित किए हैं, वहा एयर कंडीशनर और कूलर सुचारू रूप से चालू है. वहीं, बच्चों की यूनिट और प्रसुताओं के वार्डों में तमाम एयर कंडीशनर चालू हैं. अस्पताल के बाहर प्याऊ लगाते हुए ओआरएस पाउडर रखवाए जा रहे हैं. हम सभी परिस्थितियों के लिए तैयार हैं.

गर्मी के कारण होती हैं ये समस्याएं
गर्मी के कारण होती हैं ये समस्याएं (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढे़ं. भालू खा रहे आइसक्रीम, हिरण ले रहे तरबूजों का मजा, शेर-बाघ को मिल रही कूलर की ठंडी हवा

कैसे करें बचाव : हीट स्ट्रोक से प्रारंभिक तौर पर सिर दर्द, उल्टी होना और बेहोशी जैसी हालत हो जाती है. इससे बचने के लिए सबसे पहले पानी की कमी को दूर करें. अगर गर्मी के मौसम में लोग कम पानी पीते हैं तो शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है. ऐसे में अधिक से अधिक पानी पिएं. आमजन घर पर गर्मी की ऋतु में नमक, नींबू और शक्कर पानी में मिलाकर पिएं, यह रामबाण है. ओआरएस पाउडर उपलब्ध है तो उसको पानी में मिलाकर पिएं. 45 डिग्री तापमान बढ़ने के साथ ही हीट स्ट्रोक की बीमारी फैलने की संभावना रहती है. यह आदमी की इम्यूनिटी सिस्टम पर निर्भर करती है. गर्मी की ऋतु में गर्भवती महिला व छोटे बच्चों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

ऐसे करें बचाव
ऐसे करें बचाव (ETV Bharat GFX)

इसे भी पढे़ं. बाड़मेर में डरा रहा चढ़ता पारा: पशुओं को लू का खतरा, ये ध्यान रखें पशुपालक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.