भीलवाड़ा: मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी कर रखा है. ऐसे में भीलवाड़ा चिकित्सा विभाग ने भी मरीजों के लिए ठोस प्रबंधन किए हैं. भीलवाड़ा के अ श्रेणी महात्मा गांधी अस्पताल में 30 बेड आरक्षित करते हुए ओआरएस पाउडर सहित तमाम व्यवस्थाएं की हैं. वहीं, आमजन गर्मी से बचने के लिए अधिक से अधिक पानी का उपयोग करते हुए घर पर नींबू, नमक व शक्कर पानी में मिलाकर पिएं, जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन नहीं हो.
भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमारी बॉडी में टेंपरेचर बहुत ज्यादा बढ़ने से शरीर में थकान, उल्टी, दस्त और सिर दर्द होता है. वहीं, अगर शरीर का टेंपरेचर और ज्यादा बढ़ जाता तो उसे 'हीट स्ट्रोक' कहते हैं, जिससे आदमी बेहोश होने लग जाता है. इससे बचने के लिए हाल ही में चिकित्सा विभाग के मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस भी की थी. हीट स्ट्रोक आने पर मरीजों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो, उसे सही उपचार मिले, इसके लिए हमने राउंड द क्लॉक इमरजेंसी ड्रग्स की व्यवस्था की है. महात्मा गांधी अस्पताल भीलवाड़ा जिला मुख्यालय का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां अन्य जिलों के साथ ही भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र से रेफर मरीज आते हैं.
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सभी व्यवस्थाएं पूरीः उन्होंने बताया कि अस्पताल में हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए सभी दवाइयां उपलब्ध करवा दी है. एयर कंडीशन वार्ड की व्यवस्था भी की है. अगर टाइम पर मरीज का टेंपरेचर तेजी से कम करना हो तो बर्फ का उपयोग कर टेंपरेचर कम किया जा सकता है. महात्मा गांधी अस्पताल में आईसीयू वार्ड में 30 बेड आरक्षित किए हैं. महात्मा गांधी हॉस्पिटल के सारे कुलर तैयार हो चुके हैं, जिन वार्डों में बेड आरक्षित किए हैं, वहा एयर कंडीशनर और कूलर सुचारू रूप से चालू है. वहीं, बच्चों की यूनिट और प्रसुताओं के वार्डों में तमाम एयर कंडीशनर चालू हैं. अस्पताल के बाहर प्याऊ लगाते हुए ओआरएस पाउडर रखवाए जा रहे हैं. हम सभी परिस्थितियों के लिए तैयार हैं.

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कैसे करें बचाव : हीट स्ट्रोक से प्रारंभिक तौर पर सिर दर्द, उल्टी होना और बेहोशी जैसी हालत हो जाती है. इससे बचने के लिए सबसे पहले पानी की कमी को दूर करें. अगर गर्मी के मौसम में लोग कम पानी पीते हैं तो शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है. ऐसे में अधिक से अधिक पानी पिएं. आमजन घर पर गर्मी की ऋतु में नमक, नींबू और शक्कर पानी में मिलाकर पिएं, यह रामबाण है. ओआरएस पाउडर उपलब्ध है तो उसको पानी में मिलाकर पिएं. 45 डिग्री तापमान बढ़ने के साथ ही हीट स्ट्रोक की बीमारी फैलने की संभावना रहती है. यह आदमी की इम्यूनिटी सिस्टम पर निर्भर करती है. गर्मी की ऋतु में गर्भवती महिला व छोटे बच्चों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

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