जींद: चैत्र नवरात्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपवास रखते हैं. इस दौरान कुट्टू के आटे का प्रयोग भी बढ़ा है, लेकिन इसी कुट्टू के आटे से इन दिनों कई लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए हैं. इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि कुट्टू का आटा खरीदते वक्त आप किन बातों का रखे ध्यान, ताकि आपकी और आपके परिवार की सेहत के साथ किसी भी तरह की खिलवाड़ न हो सके.
कुट्टू की तासीर गर्म : दरअसल, कुट्टू के आटे को बिना जांचे और उसकी क्वालिटी जाने बगैर प्रयोग से कई लोग धोखा खा जाते हैं और बीमार पड़ जाते हैं. चिकित्सकों के अनुसार कुट्टू का आटे की तासीर गर्म होती है. मौसम का मिजाज भी गर्म है. इससे बनने वाली पूड़ी और पकोड़े से कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ जाती है. पूरा दिन उपवास के बाद शाम को कुट्टू के व्यंजन खाने से भोजन अचानक बहुत ज्यादा हैवी हो जाता है. यही कारण है कि इससे फूड प्वाइजनिंग के चांस बढ़ जाते हैं. पुराने आटे के प्रयोग से ये खतरा और अधिक बढ़ जाता है.
कुट्टू के आटे की नवरात्रों में भारी डिमांड : नवरात्रों में कुट्टू आटा की जबरदस्त डिमांड है. बाजार में कुट्टू आटा खुला और बंद पैकिंग में उपलब्ध है. जिसे 80 से 120 रुपये किलो तक बेचा जा रहा है. व्रत रखने वाले विक्रेता पर विश्वास कर बिना गुणवत्ता जांचें धड़ाधड़ आटा खरीद रहे हैं. उसी आटे से बने व्यंजनों का प्रयोग करते हैं, जिसके कारण फूड प्वाइजनिंग की संभावना बढ़ जाती है.
पुराने आटे को बेचते हैं दुकानदार : कुछ उत्पादक आटे के पुराने स्टॉक को निकाल देते हैं. बाजार में पैकिंग 250 ग्राम से एक किलोग्राम में उपलब्ध हैं जबकि खुले कट्टों में 25 से 50 किलोग्राम तक उपलब्ध है. दुकानदार अशोक ने बताया कि कुट्टू की पिसाई कर आटा बनाया जाता है. जिसकी पैकिंग 25 से 50 किलो तक होती है. एक सप्ताह तक तो ठीक है, उसके बाद खराब होने के चांस बढ़ जाते हैं. व्रत रखने वाले एक किलो ही लेकर जाते हैं. क्योंकि ये आटा नवरात्रों के दौरान ही ज्यादातर प्रयोग होता है. आटा बच जाने पर उसे पशुओं के सामने डाल दिया जाता है. डिमांड के अनुसार ही आटा मंगवाया जाता है.
फैटी व्यंजन के कारण होती है फूड प्वाइजनिंग : नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला ने बताया कि कुट्टू के आटे की डिमांड सिर्फ नवरात्रों में होती है. आटे से पूड़ी, पकोड़े और अन्य व्यंजन बनाए जाते हैं. जिसके कारण व्यंजन फैटी हो जाता है. इससे फूड प्वाइजन का खतरा बढ़ जाता है. लोग इस आटे का उपयोग करने से बचें. अगर करना जरूरी है तो ताजे आटे का ही प्रयोग करें. तबीयत खराब होने पर तुरतं चिकित्सक के पास जाएं.
"एक्सपायरी डेट की खाद्य सामग्री नहीं बेचे दुकानदार" :
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेश कुमार कादयान ने कहा कि नवरात्रों के दौरान ज्यादातर लोग व्रत रखते है और व्रत के दौरान लोग कुट्टू और सिंघाड़े का आटा, साबुदाने, सामक आदि का सेवन करते हैं. इसलिए आम जनता से भी अपील है कि व्रत में प्रयोग होने वाली खाद्य सामग्री खरीदने से पहले उनकी मैन्युफैक्चरिंग, एक्सपायरी डेट आदि की जांच करके ही खरीदें. पुरानी और खुले में रखी हुई खाद्य सामग्री नहीं खरीदें. उन्होंने सभी खाद्य कारोबारियों को नवरात्रों के दौरान व्रत से संबंधित सभी खाद्य पदार्थ ताजा और शुद्ध बेचने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि कारोबारी अपनी दुकान में साफ-सफाई का भी उचित ध्यान रखें. खुले में रखे हुए खाद्य पदार्थ बेचने के बजाए सील बंद पैकेट का सामान उचित लेबल सहित देना सुनिश्चित करें और एक्सपायरी डेट की कोई भी खाद्य सामग्री और पदार्थ नहीं बेचें.
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