देहरादून: किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने महिलाओं को 'कंडाली अस्तित्व अवॉर्ड' से सम्मानित किया. इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में धामी सरकार की ओर से किए जा रहे अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ कार्रवाई को जायज ठहराया. उन्होंने कहा कि विकास में बाधा उत्पन्न करने वाले अतिक्रमण को हटाना ठीक है.
दरअसल, बीती रोज यानी 2 मार्च को किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी देहरादून पहुंचीं थीं. जहां उन्होंने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी 'अस्तित्व' कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में हिस्सा लेकर बेहद खुशी हो रही है. कहीं न कहीं उन्हें ऐसा लग रहा है कि यह लड़ाई हर उस महिला के लिए है, जो अपने अस्तित्व को खोज रही हैं.
उन्होंने कहा कि किसी के लिए भी अपने अस्तित्व की खोज करना और अपने अस्तित्व को कायम रखना आसान नहीं है. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं के लिए प्रेरणादायक शब्द कहे. साथ ही अपने विचार रखे कि महिलाएं खुद को परिवार के साथ भूल जाती हैं, उनको अपने से प्यार, सम्मान खुद करना आना चाहिए. ताकि, महिलाएं अपने अस्तित्व को कायम रख पाएं.
अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई को ठहराया जायज: आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से अवैध मदरसों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को जायज ठहराया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक दिव्य स्थान है और इसे शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता है.
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है, जहां से गंगा अवतरित होती है. उत्तराखंड को दिव्य स्थान के रूप में भी जाना जाता है. उन्होंने अवैध मजार और मदरसों के खिलाफ हो रही कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा कि विकास में बाधा उत्पन्न करने वाले अतिक्रमण को हटाना ही जायज है.

लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को जानिए: लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का जन्म साल 1980 में महाराष्ट्र में हुआ था. वो एक सामाजिक एवं ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता, भरतनाट्यम नर्तक, मोटिवेशनल स्पीकर हैं, जो ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए काम करती हैं. उन्होंने साल 2002 में ट्रांसजेंडर के अधिकारों के लिए एक एनजीओ शुरू किया था.
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के प्रयासों से ही सुप्रीम कोर्ट से ट्रांसजेंडर को 'तीसरे लिंग' के रूप में मान्यता मिली थी. साल 2015 में किन्नर अखाड़े का गठन हुआ था. जिसके बाद साल 2016 में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पहली आचार्य महामंडलेश्वर बनाया गया था. इसके अलावा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी टीवी शो 'बिग बॉस' के 5वें सीजन में कंटेस्टेंट भी रह चुकी हैं.

विवादों में आ चुकीं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी: दरअसल, प्रयागराज महाकुंभ 2025 में बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा रहीं ममता कुलकर्णी संगम घाट पर पिंडदान कर साध्वी बनीं थीं. जिसके बाद 24 जनवरी को 2025 को आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद पर नियुक्त किया था.
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने के बाद उन पर नियमों के उल्लंघन करने का आरोप लगा. किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया था. जबकि, किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पद से हटाने के बात कही थी. वहीं, बाद में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्हें पद से हटाने की खबर को निराधार बताया था.
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