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आशाराम के सपनों को मिली नई उड़ान, अब लंदन में होगी आगे की पढ़ाई - Khandwa Farmer Son Study In London

खंडवा के गारबेड़ी गांव में रहने वाले आदिवासी किसान के बेटे को मध्य प्रदेश सरकार से 35 लाख की स्कॉलरशिप मिली है. इससे आशाराम पालवी के सपनों को नई उड़ान मिली है और वह अब लंदन की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करेंगे. आशाराम की झोपड़ी से लंदन तक के सफर की कहानी गजब है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 8, 2024, 7:49 AM IST

Updated : Sep 8, 2024, 8:32 AM IST

KHANDWA FARMER SON STUDY IN LONDON
आदिवासी किसान के बेटे को मिला 35 लाख स्कॉलरशिप (ETV Bharat)

खंडवा: आदिवासी किसान के बेटे को सपनों की उड़ान मिली है. अब वह लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर से उच्च शिक्षा ले सकेगा. आदिवासी ब्लॉक खालवा के गारबेड़ी में रहने वाले आशाराम पालवी को मध्य प्रदेश सरकार ने उच्च ​शिक्षा के लिए 35 लाख की स्कॉलरशिप दी है. इससे वो अब अपना सपना पूरा करेंगे. आशाराम के संघर्ष की कहानी काफी लंबी है, जो हर किसी को प्रेरणा देने वाली है. खालवा में जनजाति छात्र प्रोत्साहन व सम्मान कार्यक्रम में सीएम भी युवक से मुलाकात करेंगे.

आदिवासी युवक का झोपड़ी से लंदन तक का सफर (ETV Bharat)

झोपड़ी से लंदन तक का सफर

आशाराम पालवी का परिवार बहुत गरीब है. बुजुर्ग माता पिता गांव में झोपड़ी में रहते हैं. उनके पास जीवन यापन के लिए करीब एक हेक्टेयर जमीन है, जिस पर खेती करते हैं. आशाराम ने जब विदेश में जाकर पढ़ाई करने की इच्छा जताई तो माता-पिता ने अपनी आर्थिक बदहाली का हवाला देते हुए उसे इंकार कर दिया. इसके बाद आशाराम मंत्री विजय शाह से मिले और अपनी इच्छा उन्हें बताई. इसके बाद आदिम जाति विभाग के प्रयासों से आशाराम को मध्य प्रदेश शासन की ओर से 35 लाख रुपए की स्कॉलरशिप मिली है. अब आशाराम पालवी लंदन में उच्च ​शिक्षा प्राप्त करने का सपना पूरा होगा. पालवी लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर से जियोचाफिकल इन्फॉर्मेशन साइंस में एमएससी करेंगे.

विदेश अध्ययन छात्रवृति योजना से मिला स्कॉलरशिप

आदिम जाति विभाग की सहायक आयुक्त आशा चौहान ने बताया कि "जनजाति कार्य विभाग की योजना है, जिसका नाम विदेश अध्ययन योजना है. इस योजना में 2003 से लेकर अभी तक प्रदेश के करीब 70 बच्चों का इस योजना के में चयनित हुए हैं. वर्तमान में लंदन के लिए आशाराम पालवी का चयन हुआ है. वह इस योजना के माध्यम से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए विदेश जा रहे हैं. उनकी पढ़ाई की स्कॉलरशिप मध्य प्रदेश सरकार देगी.

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आशाराम का यहां तक पहुचंने का संघर्ष

आदिवासी ब्लॉक खालवा के गारबेड़ी में रहने वाले आशाराम का बचपन से पढ़ाई को लेकर जुडाव रहा. प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव की ही सरकारी स्कूल से हासिल की. इसके बाद पांचवी क्लास से जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश लिया. यहां 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई करने के बाद अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सेंट्रल यूनिवर्सिटी कर्नाटक से भूगर्भ शाखा में ग्रेजुएशन किया है.

खंडवा: आदिवासी किसान के बेटे को सपनों की उड़ान मिली है. अब वह लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर से उच्च शिक्षा ले सकेगा. आदिवासी ब्लॉक खालवा के गारबेड़ी में रहने वाले आशाराम पालवी को मध्य प्रदेश सरकार ने उच्च ​शिक्षा के लिए 35 लाख की स्कॉलरशिप दी है. इससे वो अब अपना सपना पूरा करेंगे. आशाराम के संघर्ष की कहानी काफी लंबी है, जो हर किसी को प्रेरणा देने वाली है. खालवा में जनजाति छात्र प्रोत्साहन व सम्मान कार्यक्रम में सीएम भी युवक से मुलाकात करेंगे.

आदिवासी युवक का झोपड़ी से लंदन तक का सफर (ETV Bharat)

झोपड़ी से लंदन तक का सफर

आशाराम पालवी का परिवार बहुत गरीब है. बुजुर्ग माता पिता गांव में झोपड़ी में रहते हैं. उनके पास जीवन यापन के लिए करीब एक हेक्टेयर जमीन है, जिस पर खेती करते हैं. आशाराम ने जब विदेश में जाकर पढ़ाई करने की इच्छा जताई तो माता-पिता ने अपनी आर्थिक बदहाली का हवाला देते हुए उसे इंकार कर दिया. इसके बाद आशाराम मंत्री विजय शाह से मिले और अपनी इच्छा उन्हें बताई. इसके बाद आदिम जाति विभाग के प्रयासों से आशाराम को मध्य प्रदेश शासन की ओर से 35 लाख रुपए की स्कॉलरशिप मिली है. अब आशाराम पालवी लंदन में उच्च ​शिक्षा प्राप्त करने का सपना पूरा होगा. पालवी लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर से जियोचाफिकल इन्फॉर्मेशन साइंस में एमएससी करेंगे.

विदेश अध्ययन छात्रवृति योजना से मिला स्कॉलरशिप

आदिम जाति विभाग की सहायक आयुक्त आशा चौहान ने बताया कि "जनजाति कार्य विभाग की योजना है, जिसका नाम विदेश अध्ययन योजना है. इस योजना में 2003 से लेकर अभी तक प्रदेश के करीब 70 बच्चों का इस योजना के में चयनित हुए हैं. वर्तमान में लंदन के लिए आशाराम पालवी का चयन हुआ है. वह इस योजना के माध्यम से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए विदेश जा रहे हैं. उनकी पढ़ाई की स्कॉलरशिप मध्य प्रदेश सरकार देगी.

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आशाराम का यहां तक पहुचंने का संघर्ष

आदिवासी ब्लॉक खालवा के गारबेड़ी में रहने वाले आशाराम का बचपन से पढ़ाई को लेकर जुडाव रहा. प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव की ही सरकारी स्कूल से हासिल की. इसके बाद पांचवी क्लास से जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश लिया. यहां 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई करने के बाद अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सेंट्रल यूनिवर्सिटी कर्नाटक से भूगर्भ शाखा में ग्रेजुएशन किया है.

Last Updated : Sep 8, 2024, 8:32 AM IST
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