रुद्रप्रयाग: आगामी दो मई से शुरू हो रही केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होने वाली है. जिसे देखते हुए घोड़े खच्चर वालों का यहां पहुंचना शुरू हो गया है. घोड़े-खच्चरों में तेजी से फैल रही बीमारी को देखते हुए रुद्रप्रयाग पुलिस ने खास प्लान तैयार किया है. इक्वाइन इंफ्लेंजुआ बीमारी की रोकथाम के लिये जनपद की सीमाओं पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान जनपद सीमा मे पहुंच रहे घोड़ा-खच्चरों को वापस भेजा जा रहा है. साथ ही जनपद क्षेत्रान्तर्गत की सीमाओं में आ रहे घोड़ा-खच्चरों की मानीटरिंग सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी की जा रही है.
दरअसल, आगामी 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने हैं. सामान्यत केदारनाथ धाम की यात्रा में आने वाले श्रद्धालुगण पैदल, घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी, हेलीकॉप्टर इत्यादि के माध्यम से पहुंचते हैं. केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर का उपयोग भी न केवल श्रद्धालुओं को ले जाने के लिये, बल्कि सामान ढुलाई में भी होता है. वर्तमान समय में जनपद के कुछ क्षेत्रों में घोड़े खच्चरों पर इक्वाइन इंफ्लेंजुआ का संक्रमण होना पाया गया है. यह इन पशुओं में होने वाली एक प्रकार की संक्रामक यानि तेजी से फैलने वाली बीमारी होती है.
इस संबंध में उत्तराखंड शासन के स्तर से निर्णय लिया गया है घोड़ों की प्रजाति के पशुओं में इक्वाइन इंफ्लेंजुआ संक्रमण की रोकथाम के लिये प्रभावी कार्यवाही की जानी है. साथ ही बिना स्क्रीनिंग एवं फिटनेस के अश्ववंशीय पशु जनपद रुद्रप्रयाग में न भेजे जाने के निर्देश दिये गये हैं. इस क्रम में जनपद पुलिस के स्तर से जनपद सीमाओं, बैरियर, व ऐसे स्थल जहां से जनपद में पशुओं का सम्भावित आवागमन हो सकता है, प्रभावी चेकिंग कर जनपद सीमा में पहुंच रहे घोड़ा-खच्चरों को वापस भेजा जा रहा है.
इसके साथ ही जनपद क्षेत्रान्तर्गत की सीमाओं में आ रहे घोड़ा-खच्चरों की मानीटरिंग सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी की जा रही है. जनपद पुलिस ने अपील की है कि संक्रामक बीमारी का उचित उपचार होने व पूर्ण रूप से रोकथाम होने तक जनपद रुद्रप्रयाग की सीमा में अश्ववंशीय पशुओं को लेकर न आयें. इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग विकास पुण्डीर ने पुलिस बैरियरों की चेकिंग कर ड्यूटी पर नियुक्त पुलिस बल को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.