पटना: दिल्ली चुनाव के बाद अब बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है. आरजेडी से गठबंधन पर बिहार कांग्रेस में अलग-अलग राय सामने आने लगी है. कांग्रेस के अंदर 'एकला चलो रे' की मांग जोर पकड़ने लगी है. कटिहार से सांसद तारिक अनवर ने भी पार्टी नेतृत्व से पूछा है कि गठबंधन में रहना है या अकेले आगे बढ़ना है, तय करें. उनके पोस्ट के बाद इंडिया गठबंधन में रस्साकशी देखने को मिल सकती है.
'गठबंधन पर स्थिति स्पष्ट करने की जरूरत': कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर कर आलाकमान से सीधा सवाल किया है कि गठबंधन पर हमें क्या करना है. उन्होंने लिखा कि हमें अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की आवश्यकता है. सांसद ने पूछा कि हमें गठबंधन की राजनीति करनी है या अकेले चलना है, यह बताना होगा. इसके लिए संगठन में बदलाव की भी जरूरत है.

"कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है. उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले चलेंगे. साथ ही पार्टी के संगठन में मूलभूत परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है."- तारिक अनवर, कांग्रेस सांसद, कटिहार
कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है। उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले चलेंगे।
— Tariq Anwar (@itariqanwar) February 10, 2025
साथ ही, पार्टी के संगठन में मूलभूत परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है।@INCIndia @INCSandesh
आरजेडी से गठबंधन पर अंतर्विरोध: दरअसल, आरजेडी के साथ गठबंधन को लेकर बिहार कांग्रेस के नेताओं में एक राय नहीं है. कुछ नेता आरजेडी से गठबंधन जारी रखना चाहते हैं, जबकि कई नेता चाहते हैं कि हमें अकेले आगे बढ़ना चाहिए. ऐसे नेताओं का तर्क है कि जबतक हम आरजेडी से अलग होकर चुनाव नहीं लड़ेंगे, तबतक हमारा पुराना वोटबैंक कांग्रेस के पास वापस नहीं आएगा. दिल्ली चुनाव की तर्ज पर ही सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग शुरू हो गई है.

लालू से मिले राहुल गांधी: हालांकि पिछले दिनों जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पटना आए थे, तब उन्होंने राबड़ी आवास जाकर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी. उनके साथ बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी थे. जिस तरह गर्मजोशी से उनकी मुलाकात हुई थी, उससे लगा कि सब ठीक है. हालांकि जानकार कहते हैं कि कांग्रेस अधिक से अधिक सीट के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही है लेकिन आरजेडी कम से कम सीट देने के पक्ष में है.
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