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करनाल के दिव्यांश कौशिक नासा के यूनाइटेड स्पेस स्कूल में हुए सेलेक्ट, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व - KARNAL DIVYANSH KAUSHIK

करनाल के दिव्यांश कौशिक का नासा के यूनाइटेड स्पेस स्कूल में चयन हुआ है. इस उपलब्धि पर दिव्यांश के टीचर और रिश्तेदारों ने बधाई दी.

Divyansh Kaushik got selected in NASA United Space School
करनाल के दिव्यांश कौशिक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : June 7, 2025 at 3:52 PM IST

2 Min Read

करनाल: करनाल के ग्रीनलैंड पब्लिक स्कूल के मेधावी छात्र दिव्यांश कौशिक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र और देश का नाम रोशन किया है. दिव्यांश का चयन अमेरिका के ह्यूस्टन, टेक्सास में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित यूनाइटेड स्पेस स्कूल कार्यक्रम के लिए हुआ है. दिव्यांश का सेलेक्शन कठिन चयन प्रक्रिया के बाद हुआ, जिसमें अकादमिक प्रदर्शन, वैज्ञानिक प्रोजेक्ट्स, साक्षात्कार और अनुशंसा पत्रों का मूल्यांकन किया गया.

दिव्यांश का नासा के यूनाइटेड स्पेस स्कूल में चयन: यह कार्यक्रम फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल स्पेस एजुकेशन (FISE) की ओर से हर साल आयोजित किया जाता है, जिसमें विश्वभर से चुनिंदा होनहार विद्यार्थियों को आमंत्रित किया जाता है ताकि वे NASA के वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष यात्रियों और इंजीनियरों के मार्गदर्शन में अंतरिक्ष मिशन पर कार्य कर सकें. दिव्यांश इस कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयनित विद्यार्थियों के साथ मिलकर मंगल ग्रह पर मानव मिशन की रूपरेखा तैयार करेंगे. यह अनुभव दिव्यांश को वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक सोच, तकनीकी ज्ञान और टीमवर्क का अद्भुत अवसर प्रदान करेगा.

दिव्यांश का नासा के यूनाइटेड स्पेस स्कूल में हुआ सेलेक्शन (ETV Bharat)

टीचर्स और क्षेत्रवासियों ने दी बधाई: दिव्यांश की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी के बाद ग्रीनलैंड पब्लिक स्कूल के टीचर्स, अभिभावकगण और समस्त क्षेत्रवासियों ने दिव्यांश और उसके परिवार को शुभकामनाएं दी. विद्यालय प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों ने भी दिव्यांश को मिठाई खिलाकर बधाई और आशीर्वाद दिया.

परिजनों और टीचर्स को दिया श्रेय: दिव्यांश ने अपनी इस उपलब्धि के बारे में बताया कि वो एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहता है. यहां तक पहुंचने में उसके माता-पिता और अध्यापकों का योगदान रहा है. अगले गोल में नासा में अलग-अलग 25 देशों से पहुंचे बच्चो को एक मिशन दिया जाएगा, जो सबको मिलकर पूरा करना होगा.

टीचर ने की उज्जवल भविष्य की कामना: वहीं, दिव्यांश के स्कूल की प्रधानाचार्या गुरविंदर चावला ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, “दिव्यांश की यह सफलता पूरे विद्यालय और क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है. उसकी मेहनत, जिज्ञासा और लगन ने उसे यह गौरव दिलाया है. हम उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं."

ये भी पढ़ें: हरियाणा के सिरसा में गला काटकर बीवी का मर्डर, पुलिस को फोन करके पति बोला - हत्या कर डाली है, आ जाओ

करनाल: करनाल के ग्रीनलैंड पब्लिक स्कूल के मेधावी छात्र दिव्यांश कौशिक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र और देश का नाम रोशन किया है. दिव्यांश का चयन अमेरिका के ह्यूस्टन, टेक्सास में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित यूनाइटेड स्पेस स्कूल कार्यक्रम के लिए हुआ है. दिव्यांश का सेलेक्शन कठिन चयन प्रक्रिया के बाद हुआ, जिसमें अकादमिक प्रदर्शन, वैज्ञानिक प्रोजेक्ट्स, साक्षात्कार और अनुशंसा पत्रों का मूल्यांकन किया गया.

दिव्यांश का नासा के यूनाइटेड स्पेस स्कूल में चयन: यह कार्यक्रम फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल स्पेस एजुकेशन (FISE) की ओर से हर साल आयोजित किया जाता है, जिसमें विश्वभर से चुनिंदा होनहार विद्यार्थियों को आमंत्रित किया जाता है ताकि वे NASA के वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष यात्रियों और इंजीनियरों के मार्गदर्शन में अंतरिक्ष मिशन पर कार्य कर सकें. दिव्यांश इस कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयनित विद्यार्थियों के साथ मिलकर मंगल ग्रह पर मानव मिशन की रूपरेखा तैयार करेंगे. यह अनुभव दिव्यांश को वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक सोच, तकनीकी ज्ञान और टीमवर्क का अद्भुत अवसर प्रदान करेगा.

दिव्यांश का नासा के यूनाइटेड स्पेस स्कूल में हुआ सेलेक्शन (ETV Bharat)

टीचर्स और क्षेत्रवासियों ने दी बधाई: दिव्यांश की इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी के बाद ग्रीनलैंड पब्लिक स्कूल के टीचर्स, अभिभावकगण और समस्त क्षेत्रवासियों ने दिव्यांश और उसके परिवार को शुभकामनाएं दी. विद्यालय प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों ने भी दिव्यांश को मिठाई खिलाकर बधाई और आशीर्वाद दिया.

परिजनों और टीचर्स को दिया श्रेय: दिव्यांश ने अपनी इस उपलब्धि के बारे में बताया कि वो एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहता है. यहां तक पहुंचने में उसके माता-पिता और अध्यापकों का योगदान रहा है. अगले गोल में नासा में अलग-अलग 25 देशों से पहुंचे बच्चो को एक मिशन दिया जाएगा, जो सबको मिलकर पूरा करना होगा.

टीचर ने की उज्जवल भविष्य की कामना: वहीं, दिव्यांश के स्कूल की प्रधानाचार्या गुरविंदर चावला ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, “दिव्यांश की यह सफलता पूरे विद्यालय और क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है. उसकी मेहनत, जिज्ञासा और लगन ने उसे यह गौरव दिलाया है. हम उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं."

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