करौली: उतर भारत के प्रसिद्ध मेलों में शुमार शक्तिपीठ कैलादेवी का लक्खी मेला विधिवत रूप से बुधवार से शुरू हुआ. मेला 11 अप्रैल तक चलेगा. इसके साथ ही शहर के आसपास के हर मार्ग पर श्रद्धालुओं का रैला नजर आने लगा है. मंदिर में हजारों लोगों ने दर्शन किए. मेले के मद्देनजर राजस्थान के विभिन्न आगारों की करीब 350 रोडवेज बसें चलाई गई है. विभिन्न राज्यों से 50 लाख से 70 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. हिण्डौन स्टेशन पर रोडवेज ने कैलादेवी के लिए बसों का संचालन शुरू किया. राजस्थान के अधिकांश डिपो से अतिरिक्त बसें मंगवाई गई.
जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने बताया कि संबधित विभागों को 24 घंटे यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखने को कहा है. एसडीएम प्रेमराज मीना को मेला मजिस्ट्रेट व धर्मेंद्र वर्मा को सहायक मेला मजिस्ट्रेट लगाया है. मंदिर ट्रस्ट पदाधिकारी विवेक द्विवेदी और संतोष सिंह ने बताया कि मंदिर में हवा और पानी के पर्याप्त इंतजाम किए गए. आस्था धाम में 400 से अधिक सफाईकर्मी नियुक्त किए गए. मंदिर में इस बार पॉलिथीन बैन रहेगी.
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1000 पुलिसकर्मी तैनात: पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि एक हजार पुलिसकर्मी, 100 अधिकारी, 6 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व 10 उपाधीक्षक लगाए हैं. इसके अलावा 350 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जिला व पुलिस प्रशासन के साथ कैलादेवी पंचायत व मंदिर ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं के ठहरने, दर्शन व कालीसिल नदी पर व्यवस्था की है.
हर ओर पदयात्री: पदयात्रियों से हिण्डौन से लेकर कैलादेवी तक की सड़कें भरी नजर आ रही है. राज राजेश्वरी कैला माता के दर्शनों के लिए हर साल उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों से लाखों पदयात्री आते हैं. बुधवार को हिण्डौन करौली मार्ग पर पैदलयात्रियों की संख्या बढ़ गई. भक्त कैला मैया के जयकारे लगाते विशाल पताकाएं लहरा रहे हैं. विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह निशुल्क भंडारे, ठहराव स्थल व चिकित्सा शिविर लगाए हैं.