ETV Bharat / state

कानपुर विश्वविद्यालय में रशियन, फ्रेंच, स्पेनिश, चाइनीज भाषा के कोर्स; जानें कैसे करें आवेदन, कितनी होगी फीस? - KANPUR NEWS

कानपुर विश्वविद्यालय फॉरेन लैंग्वेज विभाग में इसी सत्र से विदेशी भाषा के कोर्स संचालित होंगे. यह कोर्स 1 साल का होगा.

कानपुर विश्वविद्यालय में फॉरेस लैंग्वेज कोर्स.
कानपुर विश्वविद्यालय में फॉरेस लैंग्वेज कोर्स. (Photo Credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 10, 2025 at 7:08 AM IST

Updated : June 10, 2025 at 9:45 AM IST

3 Min Read

कानपुर: इसी सत्र से छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में विदेशी भाषाओं के कोर्स संचालित होंगे. IIT और HBTU की तरह अब कानपुर विश्वविद्यालय में भी छात्र, विदेशी भाषा सीख सकेंगे. विश्वविद्यालय के स्कूल आफ लैंग्वेज में इसी शैक्षिक सत्र से जर्मन, फ्रेंच, रशियन, स्पेनिश और चाइनीज भाषाओं में सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत की जा रही है. इस कोर्स के लिए छात्रों के अलावा किसी भी उम्र के लोग आवेदन कर सकते हैं.

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लैंग्वेज के निदेशक डॉ. सर्वेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अक्सर जब छात्र विदेश में जॉब के लिए जाते हैं, तो उन्हें वहां की भाषा को समझने और बोलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. छात्रों को अब भाषा से संबंधित किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसको लेकर कानपुर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लैंग्वेज में फॉरेन लैंग्वेज कोर्स की शुरुआत की गई है. संस्थान में इस शैक्षिक सत्र से फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, रशियन और मंदारिन (चीनी) भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. इसके लिए उम्र की कोई भी सीमा नहीं है. कोई भी 12वीं पास व्यक्ति आवेदन कर सकता है.

स्कूल ऑफ लैंग्वेज के निदेशक डॉ. सर्वेश कुमार त्रिपाठी. (Video Credit: ETV Bharat)

विदेश में नौकरी में मिलेगी हेल्प: स्कूल ऑफ लैंग्वेज के निदेशक डॉ. सर्वेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सर्टिफिकेट कोर्स को शुरू करने की वजह यह है, कि जो छात्र विदेश में काम करने के लिए जाते हैं, उन्हें वहां के वातावरण में घुलने-मिलने में ज्यादा समय लगता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि छात्रों को वहां की भाषा बोलने और समझने में दिक्कत होती है. बहुत सारी कंपनियां ऐसी हैं, जो विदेश में अपनी भाषा में ही काम कराती हैं. वह कंपनियां उस देश की भाषा बोलने वाले लोगों को ही जॉब ऑफर करती हैं. ऐसे में छात्रों का बड़ी कंपनियों में सेलेक्शन नहीं हो पाता है.

1 साल का कोर्स, फीस 16 हजार रुपए: डॉ. सर्वेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यह कोर्स 1 साल का होगा. इस कोर्स की फीस 16000 रुपए है. उन्होंने कहा कि इस कोर्स को लेकर हफ्ते के चार दिन एक-एक घंटे या तीन दिन दो-दो घंटे की कक्षाएं संचालित की जाएंगी. विवि में जुलाई से इन भाषाओं की कक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर संचालित की जाएंगी. कोर्स के लिए कानपुर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया जा सकता है. दाखिला पहले आओ, पहले पाओ, के आधार पर किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष उड़ान; बहन की शादी में रातभर बरातियों की खातिरदारी, सुबह चुपके से दी थी NDA की परीक्षा

कानपुर: इसी सत्र से छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में विदेशी भाषाओं के कोर्स संचालित होंगे. IIT और HBTU की तरह अब कानपुर विश्वविद्यालय में भी छात्र, विदेशी भाषा सीख सकेंगे. विश्वविद्यालय के स्कूल आफ लैंग्वेज में इसी शैक्षिक सत्र से जर्मन, फ्रेंच, रशियन, स्पेनिश और चाइनीज भाषाओं में सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत की जा रही है. इस कोर्स के लिए छात्रों के अलावा किसी भी उम्र के लोग आवेदन कर सकते हैं.

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लैंग्वेज के निदेशक डॉ. सर्वेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अक्सर जब छात्र विदेश में जॉब के लिए जाते हैं, तो उन्हें वहां की भाषा को समझने और बोलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. छात्रों को अब भाषा से संबंधित किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसको लेकर कानपुर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लैंग्वेज में फॉरेन लैंग्वेज कोर्स की शुरुआत की गई है. संस्थान में इस शैक्षिक सत्र से फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, रशियन और मंदारिन (चीनी) भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. इसके लिए उम्र की कोई भी सीमा नहीं है. कोई भी 12वीं पास व्यक्ति आवेदन कर सकता है.

स्कूल ऑफ लैंग्वेज के निदेशक डॉ. सर्वेश कुमार त्रिपाठी. (Video Credit: ETV Bharat)

विदेश में नौकरी में मिलेगी हेल्प: स्कूल ऑफ लैंग्वेज के निदेशक डॉ. सर्वेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि सर्टिफिकेट कोर्स को शुरू करने की वजह यह है, कि जो छात्र विदेश में काम करने के लिए जाते हैं, उन्हें वहां के वातावरण में घुलने-मिलने में ज्यादा समय लगता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि छात्रों को वहां की भाषा बोलने और समझने में दिक्कत होती है. बहुत सारी कंपनियां ऐसी हैं, जो विदेश में अपनी भाषा में ही काम कराती हैं. वह कंपनियां उस देश की भाषा बोलने वाले लोगों को ही जॉब ऑफर करती हैं. ऐसे में छात्रों का बड़ी कंपनियों में सेलेक्शन नहीं हो पाता है.

1 साल का कोर्स, फीस 16 हजार रुपए: डॉ. सर्वेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यह कोर्स 1 साल का होगा. इस कोर्स की फीस 16000 रुपए है. उन्होंने कहा कि इस कोर्स को लेकर हफ्ते के चार दिन एक-एक घंटे या तीन दिन दो-दो घंटे की कक्षाएं संचालित की जाएंगी. विवि में जुलाई से इन भाषाओं की कक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर संचालित की जाएंगी. कोर्स के लिए कानपुर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन किया जा सकता है. दाखिला पहले आओ, पहले पाओ, के आधार पर किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष उड़ान; बहन की शादी में रातभर बरातियों की खातिरदारी, सुबह चुपके से दी थी NDA की परीक्षा

Last Updated : June 10, 2025 at 9:45 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.