कवर्धा: छत्तीसगढ़ का कबीरधाम जिला जिसे कवर्धा भी कहा जाता है. इस जिले का पूरे छत्तीसगढ़ में नाम हो रहा है. इसकी वजह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का सही से लागू होना है. कबीरधाम जिला प्रशासन ने मनरेगा से जुड़े रोजगार कार्यों को लेकर गंभीरता दिखाई है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में कबीरधाम में सर्वाधिक परिवारों को रोजगार दिया गया. रोजगार से जुड़े कई पैरामीटर पर कवर्धा जिले ने उपलब्धि हासिल की है.
मनरेगा के तहत सर्वाधिक मानव दिवस रोजगार: कवर्धा में सर्वाधिक मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराया गया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले का कुल लक्ष्य 67 लाख 13 हजार 930 मानव दिवस था. इस लक्ष्य को लेकर 77 लाख 11 हजार 431 मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया. यह निर्धारित लक्ष्य से अधिक है. इस तरह कबीरधाम जिला बाकी जिलों की तुलना राज्य में टॉप पोजीशन पर रहा. मनरेगा के तहत हुए कार्य के लिए 141 करोड़ 30 लाख रुपए मजदूरी का भुगतान किया गया है.
कबीरधाम (कवर्धा) जिला मनरेगा योजना के तहत लोगों को रोजगार दिलाने में हर साल प्रयास करता है. लोगों की जरूरत के अनुसार उन्हें रोजगार मुहैया कराता है. बीते वर्ष की तुलान में इस साल 67 लाख 13 हजार मेनडेज का टारगेट दिया गया था. हमने इस टारगेट से ज्यादा 77 लाख 11 हजार मेनडेज रोजगार उपलब्ध कराया है. हमने टारगेट से 14 फीसदी ज्यादा हासिल किया है- अजय कुमार त्रिपाठी, जिला पंचायत सीईओ

हर वर्गों को दिया गया रोजगार: जिला पंचायत सीईओ अजय कुमार त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया कि हमने वित्तीय वर्ष 2024-25 में सर्वाधिक परिवार को मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराने का काम किया है. इसमें महिला, दिव्यांग जन और दूसरे मजदूर भी शामिल हैं.
