शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर कर्मचारी राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है. कर्मचारियों ने एरियर, डीए समेत अन्य मांगों को लेकर सुक्खू सरकार पर दबाव बनाने का मन बना लिया है. जिसके लिए संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. कालीबाड़ी हॉल में आज संयुक्त कर्मचारी महासंघ शिमला की बैठक हुई. जिसमें कर्मचारियों ने वित्तीय देनदारियों की अदायगी न होने पर सरकार के खिलाफ गहरा रोष व्यक्त किया.
"संशोधित वेतनमान के एरियर की अभी तक अदायगी नहीं हुई है और न ही डीए दिया जा रहा है. जिससे कर्मचारियों में खासा गुस्सा है. आज संयुक्त कर्मचारी महासंघ शिमला की बैठक हुई है. जिसमें आगामी रणनीति पर योजना बनाई गई है. संयुक्त कर्मचारी महासंघ प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के अधिवेशन करेगी और तीन महीने के भीतर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी." - वीरेन्द्र चौहान, अध्यक्ष, संयुक्त कर्मचारी महासंघ
वहीं, संयुक्त कर्मचारी महासंघ के महासचिव हीरालाल वर्मा कहा कि OPS लागू करना सरकार का पहला वादा था, लेकिन उसमें भी सरकार ने भेदभाव किया. बिजली बोर्ड सहित निगमों बोर्डों में OPS लागू नहीं किया गया ह. जबकि अपनी सैलरी में विधायकों ने बेतहाशा वृद्धि की है, वहां सरकार को आर्थिक तंगी नजर नहीं आई. कर्मचारियों ने बदलाव करके दूसरी सरकार बनाई, लेकिन दोनों ही सरकारों में कर्मचारी पीस रहे हैं. ऐसे में अब कर्मचारियों ने सरकार पर अधिक दबाव बनाने और आंदोलन का मन बना लिया है.