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गहलोत समर्थक जोगिंदर सिंह कांग्रेस छोड़कर लोकदल में हुए शामिल, कहा-पार्टी को राजस्थान में मजबूत करेंगे - JOGINDER SINGH AWANA JOINS LOKDAL

2018 से 2023 तक भरतपुर के नदबई से विधायक और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके जोगिंदर सिंह अवाना ने लोकदल जॉइन कर लिया है.

Joginder Singh Awana with Lokdal leaders
लोकदल नेताओं के साथ जोगिंदर सिंह अवाना (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 12, 2025 at 7:42 PM IST

Updated : April 12, 2025 at 9:11 PM IST

4 Min Read

जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाने वाले पूर्व विधायक और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष रहे जोगिंदर सिंह अवाना ने शनिवार को कांग्रेस का दामन छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल जॉइन कर लिया. राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने दिल्ली में अपने आवास पर अवाना को पार्टी में शामिल कर उन्हें सदस्यता दिलाई. अवाना के पुत्र और भरतपुर की उच्चैन पंचायत समिति के प्रधान हिमांशु अवाना भी लोकदल में शामिल हुए. साथ ही साल 2009 में दौसा से लोकसभा का निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले कमर रब्बानी चैची ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. रब्बानी जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं. अवाना के कांग्रेस छोड़कर लोकदल में जाने को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल पड़ी हैं. अवाना से पहले गहलोत समर्थक पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव सहित कई नेता लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे.

न काहू से दोस्ती न काहू से बैर: अवाना ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने को लेकर कोई नाराजगी नहीं है. वे कांग्रेस पार्टी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने उन्हें 2023 में कांग्रेस का टिकट दिया था. वे अशोक गहलोत का भी सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि लोकदल को राजस्थान में मजबूत करेंगे. 14 अप्रैल से राजस्थान में पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू करेंगे और ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को लोकदल से जोड़ेंगे. आने वाले निकाय पंचायत चुनाव में भी पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव तक हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के सम्मेलन किए जाएंगे. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी भी राजस्थान का दौरा करेंगे.

पढ़ें: बसपा के टिकट पर जीत कांग्रेस में शामिल हुए अवाना बोले- मायावती की मानसिकता खराब... - BSP Future in UP

अब राजस्थान से तीन नेता लोकदल में: राजस्थान से अब तीन नेता राष्ट्रीय लोकदल में है. भरतपुर से विधायक सुभाष गर्ग दूसरी बार लोकदल के टिकट पर चुने गए हैं. इसके अलावा पूर्व विधायक सगीर अहमद ने भी कांग्रेस छोड़कर लोकदल का दामन थाम लिया था. वे पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव हैं. अब जोगिंदर सिंह अवाना ने भी कांग्रेस छोड़कर लोक दल जॉइन कर ली है.

पढ़ें: मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, आलाकमान जो निर्णय करेगा, उस रूप में सहयोगी की भूमिका निभाएंगे- डॉ सुभाष गर्ग

लोकसभा चुनाव में टूटा था गठबंधन: दरअसल राष्ट्रीय लोकदल का पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन था, लेकिन यह लोकसभा चुनाव में टूट गया था. साल 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो सीटें लोकदल के लिए छोड़ी थीं, जिनमें एक सीट भरतपुर थी. यहां से सुभाष गर्ग दूसरी बार विधायक चुने गए. मूल रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले जोगिंदर सिंह अवाना ने साल 2018 में बसपा के टिकट पर भरतपुर के नदबई से चुनाव जीता था. उसके बाद बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

पढ़ें: पूर्व विधायक अब्दुल सगीर ने राष्ट्रीय लोक दल का दामन थामा, बदलेंगे समीकरण

ऐसे बन गए थे गहलोत के खास: जुलाई 2020 में सचिन पायलट कैंप की ओर से बगावत करने के बाद जोगेंदर सिंह अवाना और बसपा से आए अन्य विधायकों ने सरकार बचाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ दिया था. इसके बाद गहलोत ने अवाना को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था. यही नहीं, 2023 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें नदबई से कांग्रेस का टिकट मिला था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. उसके बाद वह लगातार कांग्रेस में सक्रिय थे. अवाना के पुत्र भी कांग्रेस के टिकट पर नदबई के उच्चैन से प्रधान चुने गए थे.

हाल ही में की थी बड़ी जनसभा: वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाल ही में भरतपुर के दो दिवसीय दौरे के दौरान भी अवाना ने गहलोत के समर्थन में नदबई में बड़ी जनसभा कर अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाया था.

जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाने वाले पूर्व विधायक और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष रहे जोगिंदर सिंह अवाना ने शनिवार को कांग्रेस का दामन छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल जॉइन कर लिया. राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने दिल्ली में अपने आवास पर अवाना को पार्टी में शामिल कर उन्हें सदस्यता दिलाई. अवाना के पुत्र और भरतपुर की उच्चैन पंचायत समिति के प्रधान हिमांशु अवाना भी लोकदल में शामिल हुए. साथ ही साल 2009 में दौसा से लोकसभा का निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले कमर रब्बानी चैची ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. रब्बानी जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं. अवाना के कांग्रेस छोड़कर लोकदल में जाने को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल पड़ी हैं. अवाना से पहले गहलोत समर्थक पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव सहित कई नेता लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे.

न काहू से दोस्ती न काहू से बैर: अवाना ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने को लेकर कोई नाराजगी नहीं है. वे कांग्रेस पार्टी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने उन्हें 2023 में कांग्रेस का टिकट दिया था. वे अशोक गहलोत का भी सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि लोकदल को राजस्थान में मजबूत करेंगे. 14 अप्रैल से राजस्थान में पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू करेंगे और ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को लोकदल से जोड़ेंगे. आने वाले निकाय पंचायत चुनाव में भी पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव तक हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के सम्मेलन किए जाएंगे. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी भी राजस्थान का दौरा करेंगे.

पढ़ें: बसपा के टिकट पर जीत कांग्रेस में शामिल हुए अवाना बोले- मायावती की मानसिकता खराब... - BSP Future in UP

अब राजस्थान से तीन नेता लोकदल में: राजस्थान से अब तीन नेता राष्ट्रीय लोकदल में है. भरतपुर से विधायक सुभाष गर्ग दूसरी बार लोकदल के टिकट पर चुने गए हैं. इसके अलावा पूर्व विधायक सगीर अहमद ने भी कांग्रेस छोड़कर लोकदल का दामन थाम लिया था. वे पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव हैं. अब जोगिंदर सिंह अवाना ने भी कांग्रेस छोड़कर लोक दल जॉइन कर ली है.

पढ़ें: मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, आलाकमान जो निर्णय करेगा, उस रूप में सहयोगी की भूमिका निभाएंगे- डॉ सुभाष गर्ग

लोकसभा चुनाव में टूटा था गठबंधन: दरअसल राष्ट्रीय लोकदल का पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन था, लेकिन यह लोकसभा चुनाव में टूट गया था. साल 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो सीटें लोकदल के लिए छोड़ी थीं, जिनमें एक सीट भरतपुर थी. यहां से सुभाष गर्ग दूसरी बार विधायक चुने गए. मूल रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले जोगिंदर सिंह अवाना ने साल 2018 में बसपा के टिकट पर भरतपुर के नदबई से चुनाव जीता था. उसके बाद बसपा के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

पढ़ें: पूर्व विधायक अब्दुल सगीर ने राष्ट्रीय लोक दल का दामन थामा, बदलेंगे समीकरण

ऐसे बन गए थे गहलोत के खास: जुलाई 2020 में सचिन पायलट कैंप की ओर से बगावत करने के बाद जोगेंदर सिंह अवाना और बसपा से आए अन्य विधायकों ने सरकार बचाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ दिया था. इसके बाद गहलोत ने अवाना को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था. यही नहीं, 2023 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें नदबई से कांग्रेस का टिकट मिला था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. उसके बाद वह लगातार कांग्रेस में सक्रिय थे. अवाना के पुत्र भी कांग्रेस के टिकट पर नदबई के उच्चैन से प्रधान चुने गए थे.

हाल ही में की थी बड़ी जनसभा: वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाल ही में भरतपुर के दो दिवसीय दौरे के दौरान भी अवाना ने गहलोत के समर्थन में नदबई में बड़ी जनसभा कर अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाया था.

Last Updated : April 12, 2025 at 9:11 PM IST
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