जोधपुर: सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 के अंतिम परिणाम में जोधपुर जिले के भाकरी निवासी 24 वर्षीय त्रिलोक सिंह करणोत ने 20वां स्थान प्राप्त किया है. सैन्य स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले त्रिलोक सिंह ने पहली बार सिविल सर्विसेज का इंटरव्यू फेस किया. इनके पिता सूबेदार चूनसिंह सेना से सेवानिवृत हैं. वर्तमान में एमजीएच अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था संभालते हैं.
त्रिलोक सिंह के पिता का कहना है कि मैंने अपने बेटे से कभी नहीं कहा कि उसे कलेक्टर बनना है. मैंने उसे यह कहा था कि जो भी करें, अच्छा करें और आज उसमें यह कर दिखाया. समयानुसार काम करने की नसीहत दी थी. त्रिलोक सिंह का कहना है कि मेरा तीसरा प्रयास और पहला इंटरव्यू था. वे इस सफलता का सबसे बड़ा श्रेय बड़ी बहन किरण को देते हैं, जिन्होंने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया. इसके अलावा माता-पिता और दोस्त जिन्होंने हमेशा उन्हें स्पोर्ट किया.
एनडीए से मिला आत्मविश्वास, आरएसएस भी क्लियर: त्रिलोक सिंह ने बताया कि जब उन्होंने तैयारी शुरू की, तो सबसे पहले एनडीए का एग्जाम दिया और 232वीं रैंक मिली. लेकिन मेडिकल कॉज से वह इससे बाहर हो गए. इसके बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. दूसरे प्रयास में मैंस का एग्जाम देने में कामयाब रहे और तीसरी बार में इंटरव्यू भी दिया और 20वीं रैंक हासिल कर ली. त्रिलोक सिंह राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में भी चयनित हो चुके हैं. उनका इंटरव्यू होना बाकी है. लेकिन वह सिविल सर्विसेज को प्राथमिकता देंगे. उनकी प्राथमिक शिक्षा आर्मी स्कूल में हुई है.
त्रिलोक सिंह ने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता राजस्थान कैडर रहेगा. बाकी जो मिले, काम करना है. लेकिन अगर राजस्थान कैडर मिलता है, तो मातृभूमि की सेवा करने का मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि परिवार में कोई प्रशासनिक सेवा में नहीं है. पहले एक गांव में हमारे एक परिजन सेवा में थे.
त्रिलोक ने कहा कि जब आप तैयारी शुरू करते हैं, तो खुद पर विश्वास होना बहुत जरूरी है. छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखना जरूरी है. अखबार नियमित पढ़ें, करंट अफेयर्स पर ध्यान फोकस करें. हवाबाजी में नहीं रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि पिछले प्रयास में ऑप्शनल में नंबर कम आए थे. बाद में इस गलती को सुधारा. मेरे आईआरएस दोस्तों ने मेरी मदद की. उन्होंने कहा कि तैयारी के लिए एनसीईआरटी की बुक्स सर्वाधिक फायदेमंद होती है.
भोपालगढ़ क्षेत्र से तीन चयनित: जोधपुर जिले के भोपालगढ़ क्षेत्र से कुडी गांव के रहने वाले रामभरोस सारण ने 276वीं व ममता डूडी ने 438वीं रैंक हासिल की हैं. जबकि हरिया ढाणा के रविन्द्र खोजा 501वीं रैंक से चयनित हुए हैं. यह पहला मौका है जब एक ही गांव से दो अभ्यर्थियों का चयन देश की इस सबसे कठिन परीक्षा में हुआ है.