जोधपुर: बासनी पुलिस थाना क्षेत्र में पाबंद किए जाने के बावजूद अभिभावकों के बाल विवाह कराने का मामला सामने आया है. पुलिस ने 14 अप्रैल को क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए परिजनों को पाबंद किया था, लेकिन अभिभावक पुलिस से ज्यादा होशियार निकले. उन्होंने बड़ी बेटी के मुकलावे पर अपने घर से दूर लूणी थाना क्षेत्र में जाकर 15 वर्षीय नाबालिग बेटी का विवाह 17 साल के नाबालिग से कर दिया. इतना ही नहीं, 17 अप्रैल को भोज भी दिया गया. इसका पता लगने अब पुलिस ने गैर सरकारी संगठन की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया है. इसकी जांच थानाधिकारी नितिन दवे कर रहे हैं.
बासनी थानाधिकारी दवे का कहना है कि पुलिस ने संबंधित नाबालिग के परिजनों को पाबंद किया था. अब मामला दर्ज किया है. मामले में जो भी आरोपी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. मालूम हो, 14 अप्रैल को बाल कल्याण समिति न्यायपीठ के अध्यक्ष विक्रम सरगरा ने बासनी पुलिस को सूचना दी कि भोमिया की कॉलोनी में नाबालिग का विवाह हो रहा है. पुलिस और प्रशासन ने विवाह वाले दिन ही 14 अप्रैल को सुबह 9 बजे परिजनों को पाबंद कर दिया था. घरवालों ने भरोसा दिलाया था कि वे दूसरी बालिग लड़की का ही विवाह कर रहे हैं. पुलिस के पाबंद करने पर परिजनों ने लिखित में दिया था कि वे बाल विवाह नहीं करवाएंगे. इसके बावजूद नाबालिग दूल्हे को लेकर बाराती लूणी के मंदिर में चले गए, जहां नाबालिग लड़की को कुछ चुनिंदा परिजन लाए व फेरे करवा दिए. सामाजिक रस्में निभाई गई और भोज भी दिया गया.
पढ़ें: चाइल्ड हेल्प लाइन ने रुकवाया बाल विवाह, परिजनों को किया पाबंद -
संस्थान ने दर्ज कराया मामला: इस प्रकरण में मेरी भावना सेवा संस्थान के पवन मिश्रा ने पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया. मिश्रा ने बताया कि नाबालिग के विवाह संबंधी सूचना उनके पास भी आई थी. इसकी सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस के पाबंद करने के बावजूद नाबालिग का विवाह कर दिया गया. इसकी फोटोज सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की गई.