जोधपुर: शहर व आसपास के कस्बों में 500-500 रुपये के नकली नोट चल रहे हैं. इसका खुलासा मंगलवार रात को मंडोर मंडी में एक नोट छापने का कारखाना पकडे जाने से हुआ है. पुलिस ने मौके से 7.5 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं. साथ ही नोट छापने में प्रयुक्त सामग्री जब्त की है. वहीं, दो आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि आरोपी दो लाख रुपये असली नोट के बदले 10 लाख रुपये की कीमत के 500-500 के नोट देते थे. इस कार्रवाई के दौरान डीसीपी आलोक श्रीवास्तव खुद मौके मौजूद रहे. दोनों आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस उन्हें उनके बाल समंद स्थित घर लेकर गई है, जहां से और नोट व अन्य साक्ष्य मिलने की उम्मीद है.
पिछले कुछ समय से विभिन्न स्रोतों से मंडोर मंडी में नकली नोट चलने की जानकारी मिल रही थी. इसको लेकर हमने अपनी विशेष टीम को लगाया था. मंगलवार को हमें जानकारी मिली थी कि मंडोर मंडी में एक जगह पर नोट बनाए जा रहे हैं और डिलीवरी होनी है.: आलोक श्रीवास्तव, डीसीपी
इसके बाद हमारी टीम मौके पर पहुंची, जहां नागौर जिले के पांचोडी निवासी 28 वर्षीय राजेंद्र व्यास व भावंडा निवासी 40 वर्षीय हनुमानराम प्रजापत मिले. इनके पास से 7.5 लाख की कीमत के 500-500 रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं. इसके अलावा कंप्यूटर, स्कैनर, स्याही, पेपर सहित अन्य सामग्री मिली है. आरोपियों को हिरासत में लिया गया हैं. महामंदिर थाना पुलिस कार्रवाई कर रही है. आरोपियों को टीम उनके घर लेकर गई है.
मुखबिर ने दिया सुराग : पुलिस लगातार नकली नोट को लेकर पड़ताल कर रही थी. बताया जा रहा है कि मंगलवार को एक मुखबिर ने पुलिस को पांच-पांच सौ के दो नकली नोट दिए और बताया कि दो लाख रुपये में 10 लाख रुपये मिल रहे हैं. जिसके बाद पुलिस की विशेष टीम एक्टिव हुई, जिसने साइबर टीम के साथ समन्यव बैठाकर आरोपियों की पड़ताल की. मंगलवार रात को आरोपियों के उनके ठीकाने पर पहुंचते ही टीम ने छापा मारकर खुलासा किया है.

आसपास की मंडियों तक नेटवर्क : पुलिस इस मामले को लेकर लगातार सक्रिय है. माना जा रहा है कि आरोपियों से गहन पूछताछ में बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है. ऐसा होता है तो आसपास के कस्बों की मंडियों में नकली नोट खपाने का अंदेशा है. इसको लेकर अभी आने वाले दिनों में ही तथ्य सामने आएंगे.