जोधपुर: जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार की ओर से नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान को बड़ी कामयाबी मिली है. आईजी की साइक्लोनर टीम ने मध्यप्रदेश व राजस्थान की सीमा से गुजरात मारवाड़ तक अफीम पहुंचाने वाले तस्कर गोरधनराम जाट को गिरफ्तार किया है. उसे जैसलमेर के फलसुंड इलाके के मोतीपुरा गांव से पकडा है. गोरधनराम ने पुलिस पर फायर करने की कोशिश की, लेकिन साइक्लोनर टीम ने उसे दबोच लिया. आरोपी अब तक पुलिस पर तीन बार फायरिंग कर चुका है. उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित है.
आईजी विकास कुमार ने बताया कि गोरधनराम खुद को स्वाधीनता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का फैन बताता है. उसने तय किया था कि वह कभी भी जिंदा नहीं पकड़ा जाए और सोच रखा था कि मौका आया तो खुद मर जाउंगा, इसलिए वह बेखौफ होकर पुलिस पर फायरिंग कर देता. उसे किसी ज्योतिष ने बताया था कि मंगलवार तेरे लिए शुभ है. इसदिन व्यापार करना कभी पकड़े नहीं जाओगे. गोरधन ने इसे अपना लिया और अपनी हर डील मंगलवार को ही करता था. अपने रिश्तेदारों से कहा था कि मंगलवार को शादी रखो उसमें में आ जाउंगा. पुलिस ने कई बार ऐसे समारोह में उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह बच निकलता.
धर्म बुआ के बेटे की शादी में पकड़ा गया: गोरधनराम के पिता की धर्म बहन के बेटे की शादी गत तीन जून को थी. शादी का पूरा इंतजाम गोरधन ने किया था. इस शादी में साइक्लोनर टीम के दो सदस्य कैटरिंग टीम में शामिल हुए थे. उन्होंने देखा कि गोरधन मंगलवार को शादी में आया था. उसकी फोटो ली, लेकिन कुछ देर में वह वापस गायब हो गया. टीम को जानकारी मिली कि एक दिन बाद वह पगफेरे की रस्म के लिए आएगा.
फ्लड लाइट जलवाई, कैंपर में सोया: आईजी ने बताया कि अगले दिन रात को गोरधन के आने की जानकारी मिली. उसके आने से पहले उसने समारोह स्थल पर सभी फ्लड लाइट जलवा दी, जिससे पुलिस की टीम आए तो पता चल जाए. अपनी गाड़ी से दूसरों लोगों को भेजा. खुद अपने साले की कैंपर से आया. कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कैंपर में सोने का बिस्तर लगा. पूरी रात जश्न चला. इस दौरान टीम के दो सदस्य समारोह में काम करते रहे, जबकि टीम एक किलोमीटर दूर रेतीले धोरों में मौजूद रही.
यह भी पढ़ें: ऑपरेशन तर्पण : SI पेपर लीक घोटालेबाजों पर 'साइक्लोनर' का करारा वार, पति-पत्नी को दबोचा
लाइट बंद होते ही दबोचा: सुबह जल्दी जब लाइटें बंद हुई और सूरज की पहली किरण निकली तो टीम ने एक किलोमीटर दौड़ कर कैंपर पर हमला बोला. गोरधन उस वक्त सो रहा था. उसने अपने अंदाज में तुरंत फायर करने की कोशिश की, लेकिन साइक्लोनर की टीम ने उसे दबोच लिया. उसकी पिस्टल के साथ दो मैग्जीन भी मिली है.
ऑपरेशन का नाम रखा आरटीआई: राजस्थान का सबसे बडा दुस्साहसी होने के कारण ऑपरेशन का नाम आरटीआई (Rajasthan Top Intrepid) रखा गया. साथ ही दूसरी ओर राज्य के एक बडे़ आरटीआई कार्यकर्ता के साथ हमनाम होने के कारण भी छद्मनाम RTI रखा गया था.