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JNU छात्र संघ चुनाव रोका गया, चुनाव समिति के दफ्तर पर तोड़फोड़ और मारपीट के बाद फैसला - JNU ELECTIONS HOLD

चुनाव समिति ने चुनाव प्रक्रिया को होल्ड करने का नोटिस जारी किया. चुनाव समिति ने विश्वविद्यालय प्रशासन से सुरक्षा की मांग भी की गई है.

JNU ELECTIONS HOLD
JNU छात्र संघ चुनाव रोका गया (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : April 18, 2025 at 8:54 PM IST

5 Min Read

नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ चुनाव में गुरुवार को नाम वापसी वाले दिन छात्र संगठनों के द्वारा चुनाव समिति कार्यालय पर की तोड़फोड़, धक्का मुक्की और बदसलूकी की गई. इस हरकत से इलेक्शन कमिटी के लोग परेशान हैं.

इलेक्शन कमेटी के सदस्यों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से सुरक्षा देने की मांग की है. साथ ही सुरक्षा न मिलने तक छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया को फिलहाल के लिए होल्ड कर दिया है.

JNU इलेक्शन हुआ होल्ड: जेएनयू छात्र संघ चुनाव समिति के प्रमुख विकास के मोहनी ने चुनाव प्रक्रिया को होल्ड करते हुए एक नोटिस जारी किया है. नोटिस में लिखा गया है कि सभी संबंधितों को सूचित किया जाता है कि 17 और 18 अप्रैल को चुनाव आयोग कार्यालय और चुनाव आयोग के सदस्यों पर हिंसा और तोड़फोड़ की हालिया घटनाओं ने चुनाव प्रक्रिया को गंभीर रूप से बाधित किया है. सुरक्षा में बड़ी चूक और हिंसा के बाद शत्रुता, भय और असुरक्षा के माहौल को देखते हुए, पूरी चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.

अगली सूचना तक उम्मीदवारों की अंतिम सूची भी स्थगित कर दी गई है. चुनाव समिति चुनाव प्रक्रिया को तभी फिर से शुरू करेगी जब चुनाव आयोग के सदस्यों की सुरक्षा प्रशासन और छात्र संगठनों द्वारा सुनिश्चित की जाएगी. चुनाव समिति यह भी मांग करती है कि प्रशासन हिंसा करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करे. चुनाव समिति आगे किसी भी तरह की धमकी और हिंसा की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगी. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग द्वारा प्रशासन से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के निरंतर अनुरोध के बावजूद प्रशासन ने संतोषजनक तरीके से जवाब नहीं दिया है. चुनाव आयोग निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है और शांति बहाल होने के बाद ही काम करना शुरू करेगा.

चुनाव समिति के दफ्तर पर क्या हुआ था ? : बता दें JNUSU चुनाव में गुरुवार को नामांकन पत्रों की वापसी के लिए 4 बजे तक का समय निर्धारित था. लेकिन, वामपंथी छात्र संगठनों ने अपना गठबंधन न होने के चलते अपने साथियों के नामांकन पत्रों की वापसी नहीं कर सके थे. इसलिए उन्होंने चुनाव समिति से नाम वापसी का समय आधा घंटा बढ़ाने की मांग की.

चुनाव समिति ने आधे घंटे का समय बढ़ाया तो इसको लेकर विद्यार्थी परिषद ने आपत्ति जताई और इसको नामांकन वापसी के समय को बढ़ाने का विरोध किया, जिसके बाद दोनों तरफ से हंगामा शुरू हो गया. इस बीच कुछ छात्रों ने उग्र होकर तोड़फोड़ भी कर दी. इस घटना के बाद चुनाव समिति ने प्रत्याशियों की जारी की जाने वाली अंतिम सूची को भी रोक दिया. आज शाम 5 बजे के बाद वह अंतिम सूची जारी होनी थी. लेकिन, आज भी छात्र संगठनों के द्वारा किए गए चुनाव समिति कार्यालापर प्रदर्शन के कारण अंत में चुनाव समिति ने चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षा की मांग करते हुए होल्ड कर दिया है.

वामपंथी छात्र संगठन बोले हम चुनाव समिति के साथ
वहीं चुनाव प्रक्रिया के स्थगित होने के बाद वामपंथी छात्र संगठनों ने बयान जारी कर कहा है कि हम चुनाव समिति की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. आइसा ने बयान जारी कर कहा है कि हम जेएनयू के छात्र आपकी सुरक्षा के लिए तैयार हैं. हम हिंसा के खिलाफ एकजुट हैं. एबीवीपी की हिंसा की निंदा करते हैं. चुनाव करवाएं हम अपने संघ के लिए आपके साथ खड़े हैं. आइसा की ओर से शाम को सात बजे चुनाव समिति के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सभा का आयोजन किया गया है.

एबीवीपी ने चुनाव समिति पर लगाया यूनाइटेड लेफ्ट के दबाव में काम करने का आरोप: जेएनयू एबीवीपी यूनिट ने चुनाव प्रक्रिया होल्ड होने पर बयान जारी कर कहा है कि छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया को लेकर जिस प्रकार का कृतिम संकट खड़ा किया गया है, वह भारतीय लोकतांत्रिक परंपराओं के इतिहास में एक अभूतपूर्व और अत्यंत निंदनीय घटना है. तथाकथित लेफ्ट यूनाइटेड के दबाव में काम कर रही जेएनयू इलेक्शन कमिटी ने न केवल चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया, बल्कि नामांकन की अंतिम तिथि के समापन के बाद भी पुनः संशोधन और प्रत्याशी सूची वापस लेने जैसी अप्रत्याशित एवं असंवैधानिक कार्रवाइयों को अंजाम दिया. यह लोकतंत्र की मूल आत्मा के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य एबीवीपी की बढ़ती लोकप्रियता और छात्रों के बीच उसके प्रति बढ़ते विश्वास को कुचलना है. छात्रों के जनादेश से भयभीत वामपंथी गुटों और उनके संरक्षक संगठनों ने एक अस्थिर और भय का वातावरण बनाकर चुनावी प्रक्रिया को पथभ्रष्ट करने का प्रयास किया है. एबीवीपी स्पष्ट रूप से इस अलोकतांत्रिक और पक्षपातपूर्ण रवैये की घोर भर्त्सना करती है.

एबीवीपी ने मांग की है कि चुनाव प्रक्रिया को छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करते हुए तत्काल बहाल किया जाए और चुनावों को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराया जाए एबीवीपी सदैव छात्र हितों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है और आने वाले समय में भी छात्रों के साथ मिलकर हर अन्याय के विरुद्ध संघर्षरत रहेगी.

ये भी पढ़ें- जेएनयू छात्रसंघ चुनाव 2025: चुनाव कमेटी के कार्यालय पर हंगामे के चलते नहीं जारी हो सकी प्रत्याशियों की अंतिम सूची

ये भी पढ़ें- जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए ABVP ने उतारे प्रत्याशी, अध्यक्ष पद पर महिला कैंडिडेट को मौका

नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ चुनाव में गुरुवार को नाम वापसी वाले दिन छात्र संगठनों के द्वारा चुनाव समिति कार्यालय पर की तोड़फोड़, धक्का मुक्की और बदसलूकी की गई. इस हरकत से इलेक्शन कमिटी के लोग परेशान हैं.

इलेक्शन कमेटी के सदस्यों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से सुरक्षा देने की मांग की है. साथ ही सुरक्षा न मिलने तक छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया को फिलहाल के लिए होल्ड कर दिया है.

JNU इलेक्शन हुआ होल्ड: जेएनयू छात्र संघ चुनाव समिति के प्रमुख विकास के मोहनी ने चुनाव प्रक्रिया को होल्ड करते हुए एक नोटिस जारी किया है. नोटिस में लिखा गया है कि सभी संबंधितों को सूचित किया जाता है कि 17 और 18 अप्रैल को चुनाव आयोग कार्यालय और चुनाव आयोग के सदस्यों पर हिंसा और तोड़फोड़ की हालिया घटनाओं ने चुनाव प्रक्रिया को गंभीर रूप से बाधित किया है. सुरक्षा में बड़ी चूक और हिंसा के बाद शत्रुता, भय और असुरक्षा के माहौल को देखते हुए, पूरी चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.

अगली सूचना तक उम्मीदवारों की अंतिम सूची भी स्थगित कर दी गई है. चुनाव समिति चुनाव प्रक्रिया को तभी फिर से शुरू करेगी जब चुनाव आयोग के सदस्यों की सुरक्षा प्रशासन और छात्र संगठनों द्वारा सुनिश्चित की जाएगी. चुनाव समिति यह भी मांग करती है कि प्रशासन हिंसा करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करे. चुनाव समिति आगे किसी भी तरह की धमकी और हिंसा की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगी. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग द्वारा प्रशासन से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के निरंतर अनुरोध के बावजूद प्रशासन ने संतोषजनक तरीके से जवाब नहीं दिया है. चुनाव आयोग निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है और शांति बहाल होने के बाद ही काम करना शुरू करेगा.

चुनाव समिति के दफ्तर पर क्या हुआ था ? : बता दें JNUSU चुनाव में गुरुवार को नामांकन पत्रों की वापसी के लिए 4 बजे तक का समय निर्धारित था. लेकिन, वामपंथी छात्र संगठनों ने अपना गठबंधन न होने के चलते अपने साथियों के नामांकन पत्रों की वापसी नहीं कर सके थे. इसलिए उन्होंने चुनाव समिति से नाम वापसी का समय आधा घंटा बढ़ाने की मांग की.

चुनाव समिति ने आधे घंटे का समय बढ़ाया तो इसको लेकर विद्यार्थी परिषद ने आपत्ति जताई और इसको नामांकन वापसी के समय को बढ़ाने का विरोध किया, जिसके बाद दोनों तरफ से हंगामा शुरू हो गया. इस बीच कुछ छात्रों ने उग्र होकर तोड़फोड़ भी कर दी. इस घटना के बाद चुनाव समिति ने प्रत्याशियों की जारी की जाने वाली अंतिम सूची को भी रोक दिया. आज शाम 5 बजे के बाद वह अंतिम सूची जारी होनी थी. लेकिन, आज भी छात्र संगठनों के द्वारा किए गए चुनाव समिति कार्यालापर प्रदर्शन के कारण अंत में चुनाव समिति ने चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षा की मांग करते हुए होल्ड कर दिया है.

वामपंथी छात्र संगठन बोले हम चुनाव समिति के साथ
वहीं चुनाव प्रक्रिया के स्थगित होने के बाद वामपंथी छात्र संगठनों ने बयान जारी कर कहा है कि हम चुनाव समिति की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. आइसा ने बयान जारी कर कहा है कि हम जेएनयू के छात्र आपकी सुरक्षा के लिए तैयार हैं. हम हिंसा के खिलाफ एकजुट हैं. एबीवीपी की हिंसा की निंदा करते हैं. चुनाव करवाएं हम अपने संघ के लिए आपके साथ खड़े हैं. आइसा की ओर से शाम को सात बजे चुनाव समिति के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सभा का आयोजन किया गया है.

एबीवीपी ने चुनाव समिति पर लगाया यूनाइटेड लेफ्ट के दबाव में काम करने का आरोप: जेएनयू एबीवीपी यूनिट ने चुनाव प्रक्रिया होल्ड होने पर बयान जारी कर कहा है कि छात्रसंघ चुनाव प्रक्रिया को लेकर जिस प्रकार का कृतिम संकट खड़ा किया गया है, वह भारतीय लोकतांत्रिक परंपराओं के इतिहास में एक अभूतपूर्व और अत्यंत निंदनीय घटना है. तथाकथित लेफ्ट यूनाइटेड के दबाव में काम कर रही जेएनयू इलेक्शन कमिटी ने न केवल चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया, बल्कि नामांकन की अंतिम तिथि के समापन के बाद भी पुनः संशोधन और प्रत्याशी सूची वापस लेने जैसी अप्रत्याशित एवं असंवैधानिक कार्रवाइयों को अंजाम दिया. यह लोकतंत्र की मूल आत्मा के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य एबीवीपी की बढ़ती लोकप्रियता और छात्रों के बीच उसके प्रति बढ़ते विश्वास को कुचलना है. छात्रों के जनादेश से भयभीत वामपंथी गुटों और उनके संरक्षक संगठनों ने एक अस्थिर और भय का वातावरण बनाकर चुनावी प्रक्रिया को पथभ्रष्ट करने का प्रयास किया है. एबीवीपी स्पष्ट रूप से इस अलोकतांत्रिक और पक्षपातपूर्ण रवैये की घोर भर्त्सना करती है.

एबीवीपी ने मांग की है कि चुनाव प्रक्रिया को छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करते हुए तत्काल बहाल किया जाए और चुनावों को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराया जाए एबीवीपी सदैव छात्र हितों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है और आने वाले समय में भी छात्रों के साथ मिलकर हर अन्याय के विरुद्ध संघर्षरत रहेगी.

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