रांचीः झामुमो विधायक मथुरा महतो ने ध्यानाकर्षण के दौरान झारखंड आंदोलनकारियों का मामला जोर शोर से उठाया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सरकार अलग राज्य आंदोलन के दौरान जेल गए लोगों को 6000 रु., जबकि जेल नहीं जाने वालों को 4,500 रु. देती है. क्या यह व्यवस्था झारखंड में लागू नहीं हो सकती है. क्योंकि झारखंड में बहुत से आंदोलनकारी हैं जो जेल नहीं गए, लेकिन उनपर प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इसपर प्रभारी मंत्री ने कहा कि समीक्षा के बाद इसपर जरुरी पहल की जाएगी.
उत्तराखंड की तर्ज पर मिले सुविधा
झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू ने कहा कि मंत्री का जवाब संतोषप्रद नहीं है. क्योंकि उसी आंदोलन की बदौलत आज कई लोग सदन में बैठे हुए हैं. लोगों ने गोली, लाठियां खाई हैं. जेल में गये हैं. लेकिन सिर्फ 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है. जबकि कम आंदोलन के बावजूद उत्तराखंड में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण है. लिहाजा, उत्तराखंड की तर्ज पर सरकार को सुविधा देना चाहिए.
तीन कैटेगरी में वर्गीकृत हैं झारखंड आंदोलनकारी
प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि 15 नवंबर 2000 को झारखंड बना था. हेमंत सरकार की पहल पर विभागीय संकल्प 1938, दिनांक 20-4-2021 के तहत राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों के लिए नियम बनाए हैं. पहले कैटेगरी के तहत अगर पुलिस फायरिंग या कारा में मृत या 40 प्रतिशत से ज्यादा दिव्यांग होने वाले आंदोलनकारियों को शैक्षणिक अहर्ता के तहत थर्ड और फोर्थ ग्रेड में सीधी नियुक्ति का प्रावधान है. अबतक इस कैटेगरी में 20 लोगों को नौकरी मिल चुकी है.
दूसरी कैटेगरी के तहत अन्य आंदोलनकारी के मामले में एक आश्रृत को थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी में 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान है. तीसरे कैटेगरी में कारा में तीन माह से कम जेल में रहने वाले को हर माह 3,500 रु., छह माह के ज्यादा जेल में रहने वाले को 5,000 रु. और छह माह से ज्यादा जेल में रहने वाले को 7 हजार रु. देने का प्रावधान है. रही बात उत्तराखंड सरकार वाली सुविधा की तो इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है.
झारखंड आंदोलनकारियों का आंकड़ा
झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग द्वारा साल 2021 से अबतक कुल 32 सूची जारी हुई है. इसमें 16584 आंदोलनकारी चिन्हित हुए हैं. इनमें से 20 को नौकरी मिली है. 3014 लोगों को 3,500 रु. का लाभ मिला है. 49 लोगों को 5000 हजार पेंशन की सुविधा मिली है. 41 लोगों को 7,000 रु. की सुविधा मिली है. इसके अलावा 13,460 लोग ऐसे चिन्हित हुए हैं जो जेल नहीं गये हैं.
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