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झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य का बाबूलाल मरांडी पर बड़ा आरोप, कहा-अपने मित्र के लिए RIMS-2 का विरोध कर रहे हैं नेता प्रतिपक्ष - RIMS 2 CONTROVERSY

रांची में RIMS-2 का विरोध जताने पर झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधा है और कई तीखे सवाल किए हैं.

Supriyo Bhattacharya On Babulal
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : June 1, 2025 at 8:35 PM IST

4 Min Read

रांची: राजधानी रांची के नगड़ी ब्लॉक में प्रस्तावित RIMS-2 के निर्माण के लिए जमीन लिए जाने का वहां के रैयत विरोध कर रहे हैं. रैयतों के विरोध का साथी बनने शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कांके ब्लॉक के नगड़ी गांव गए थे. वहां उन्होंने कहा था कि हम आदिवासी की जमीन की लूट नहीं होने देंगे. रिम्स-2 को कहीं और निर्माण कराया जाए.

बाबूलाल के इस स्टैंड पर झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने पार्टी के कैंप कार्यालय में आज संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि बाबूलाल को न तो विकास विरोधी कहूंगा और न ही आदिवासी-मूलवासियों का हितैषी. दरअसल, बाबूलाल मरांडी किसी और एजेंडे के तहत रिम्स-2 का विरोध कर रहे हैं. सुनील साहू नाम के एक व्यक्ति का जिक्र करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी उनके हितों की रक्षा के लिए रिम्स-2 का विरोध कर रहे हैं.

बयान देते झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य. (वीडियो-ईटीवी भारत)

राज्य के आदिवासी-मूलवासी से माफी मांगें बाबूलालः सुप्रियो

झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आज बाबूलाल मरांडी का इतना हृदय परिवर्तन और आदिवासियों के प्रति संवेदना जाग गई है. अपने शासनकाल में कोयल कारो परियोजना और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की स्थापना होनी थी. ये वही व्यक्ति है जिन्होंने इसकी हरी झंडी दी थी. उस समय विपक्ष ने जब आंदोलन किया तो बाबूलाल मरांडी ने गोली चलवाई. सैकड़ों लोगों को जेल भेजवा दिया, क्योंकि बाबूलाल मरांडी का असली चरित्र यही है.

राज्य की बुनियाद में दीमक बाबूलाल ने ही लगाया-झामुमो

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि चार दशक के लंबे संघर्ष के बाद जब झारखंड राज्य बना तो इस राज्य की बुनियाद में दीमक जिस व्यक्ति ने लगाया था, वह व्यक्ति बाबूलाल मरांडी ही थे. बिहार क्रियान्वयन नियमावली को आत्मसात कर उन्होंने ही राज्य की बुनियाद में दीमक लगाने का काम किया, जबकि तब हम (झामुमो) विपक्ष में थे और इसका विरोध किया था.

झामुमो नेता ने कहा कि वर्ष 2003 से वर्ष 2006 तक 104 MOU हुआ था. आज उन 104 MOU का क्या हाल है.. जरा बाबूलाल मरांडी बताएं. उस समय बाबूलाल एक शोषक की भूमिका में थे.आज बोल रहे हैं कि RIMS-2 नहीं बनेगा. खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली स्थिति है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इरफान अंसारी को बुलाया. बाबूलाल को पूछा तक नहीं. 2000 से रांची शहर का डेमोग्राफिक चेंज हुआ, उस चेंज में कौन लोग शामिल हैं.

राज्य को जरूरत है सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अभी तक अंतिम रूप से यह तय नहीं है कि RIMS-2 कहां बनेगा, कहां नहीं बनेगा और ये लगे विरोध करने लगे. राज्य को जरूरत थी कि रिंग रोड के आसपास सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया जाए, लेकिन इस पर इनको तकलीफ क्यों हो रही है?

मूल रैयत को वापस करें जमीन-सुप्रियो

संवाददाता सम्मेलन के दौरान सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भारत सरकार ने राज्य के आदिवासी-मूलवासियों की जितनी जमीन अधिग्रहण की है और उपयोग नहीं कर रही है, उसे वह भारत सरकार से आग्रह करा कर वापस कराएं. झामुमो नेता ने कहा कि आदिवासियों की पहचान से खिलवाड़ के लिए बाबूलाल मरांडी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.

ये भी पढ़ें-

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रांची: राजधानी रांची के नगड़ी ब्लॉक में प्रस्तावित RIMS-2 के निर्माण के लिए जमीन लिए जाने का वहां के रैयत विरोध कर रहे हैं. रैयतों के विरोध का साथी बनने शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कांके ब्लॉक के नगड़ी गांव गए थे. वहां उन्होंने कहा था कि हम आदिवासी की जमीन की लूट नहीं होने देंगे. रिम्स-2 को कहीं और निर्माण कराया जाए.

बाबूलाल के इस स्टैंड पर झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने पार्टी के कैंप कार्यालय में आज संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि बाबूलाल को न तो विकास विरोधी कहूंगा और न ही आदिवासी-मूलवासियों का हितैषी. दरअसल, बाबूलाल मरांडी किसी और एजेंडे के तहत रिम्स-2 का विरोध कर रहे हैं. सुनील साहू नाम के एक व्यक्ति का जिक्र करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी उनके हितों की रक्षा के लिए रिम्स-2 का विरोध कर रहे हैं.

बयान देते झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य. (वीडियो-ईटीवी भारत)

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झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आज बाबूलाल मरांडी का इतना हृदय परिवर्तन और आदिवासियों के प्रति संवेदना जाग गई है. अपने शासनकाल में कोयल कारो परियोजना और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की स्थापना होनी थी. ये वही व्यक्ति है जिन्होंने इसकी हरी झंडी दी थी. उस समय विपक्ष ने जब आंदोलन किया तो बाबूलाल मरांडी ने गोली चलवाई. सैकड़ों लोगों को जेल भेजवा दिया, क्योंकि बाबूलाल मरांडी का असली चरित्र यही है.

राज्य की बुनियाद में दीमक बाबूलाल ने ही लगाया-झामुमो

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि चार दशक के लंबे संघर्ष के बाद जब झारखंड राज्य बना तो इस राज्य की बुनियाद में दीमक जिस व्यक्ति ने लगाया था, वह व्यक्ति बाबूलाल मरांडी ही थे. बिहार क्रियान्वयन नियमावली को आत्मसात कर उन्होंने ही राज्य की बुनियाद में दीमक लगाने का काम किया, जबकि तब हम (झामुमो) विपक्ष में थे और इसका विरोध किया था.

झामुमो नेता ने कहा कि वर्ष 2003 से वर्ष 2006 तक 104 MOU हुआ था. आज उन 104 MOU का क्या हाल है.. जरा बाबूलाल मरांडी बताएं. उस समय बाबूलाल एक शोषक की भूमिका में थे.आज बोल रहे हैं कि RIMS-2 नहीं बनेगा. खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली स्थिति है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इरफान अंसारी को बुलाया. बाबूलाल को पूछा तक नहीं. 2000 से रांची शहर का डेमोग्राफिक चेंज हुआ, उस चेंज में कौन लोग शामिल हैं.

राज्य को जरूरत है सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अभी तक अंतिम रूप से यह तय नहीं है कि RIMS-2 कहां बनेगा, कहां नहीं बनेगा और ये लगे विरोध करने लगे. राज्य को जरूरत थी कि रिंग रोड के आसपास सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया जाए, लेकिन इस पर इनको तकलीफ क्यों हो रही है?

मूल रैयत को वापस करें जमीन-सुप्रियो

संवाददाता सम्मेलन के दौरान सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भारत सरकार ने राज्य के आदिवासी-मूलवासियों की जितनी जमीन अधिग्रहण की है और उपयोग नहीं कर रही है, उसे वह भारत सरकार से आग्रह करा कर वापस कराएं. झामुमो नेता ने कहा कि आदिवासियों की पहचान से खिलवाड़ के लिए बाबूलाल मरांडी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.

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