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झारखंड में अधिकतम तापमान में गिरावट, फिर भी क्यों लग रही है गर्मी, कब मिलेगी निजात, बारिश के क्या हैं आसार ? - JHARKHAND WEATHER UPDATE

झारखंड में लोग गर्मी से बेहाल हैं. इस बीच मौसम केंद्र ने बारिश को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है.

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खेत में काम करता किसान (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : June 10, 2025 at 5:39 PM IST

3 Min Read

रांची: झारखंड के 23 जिलों में अधिकतम पारा 40 डिग्री सेल्सियस के नीचे हैं. सिवाय पलामू को छोड़कर. पिछले 24 घंटों में पलामू के डाल्टनगंज में अधिकतम पारा 41.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है. फिर भी लोग गर्मी से बेहाल हैं.

जबकि आए दिन किसी न किसी जिला में मेघ गर्जन और वज्रपात के साथ हल्के और मध्यम दर्जे की बारिश भी हो रही है. अब सवाल है कि अधिकतम पारा कम होने के बावजूद लोगों को ज्यादा गर्मी क्यों महसूस हो रही है. इससे निजात कबतक मिलेगी. आने वाले दिनों में मौसम का मिजाज कैसा रहेगा. इन सवालों का जवाब मौसम केंद्र, रांची की ओर से आया है.

कम तापमान के बावजूद ज्यादा गर्मी लगने की वजह

इसकी वजह है सापेक्षिक आद्रता यानी रिलेटिव ह्यूमिडिटी. पिछले 24 घंटे में आद्रता 90 प्रतिशत तक रिकॉर्ड हुआ है, खासकर रांची में. जबकि जमशेदपुर में 87, बोकारो में 79, डाल्टनगंज में 76 और चाईबासा में 74 प्रतिशत रिकॉर्ड हुआ है.

दरअसल, उच्च आद्रता हमारे शरीर को ठंडा करने की प्रक्रिया की रफ्तार को कम कर देती है. इसकी वजह से शरीर से निकल रहा पसीना वाष्पित नहीं हो पाता है. लिहाजा, वाष्पीकरण की रफ्तार धीमा होने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है. इसकी वजह से ज्यादा गर्मी महसूस होती है. उच्च आद्रता होने पर अगर पंखा के नीचे भी आते हैं तो शरीर को ठंड का एहसास होने लगता है, क्योंकि हवा की वजह से पसीने का वाष्पीकरण तेज हो जाता है.

आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम

मौसम केंद्र, रांची के मुताबिक उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और ओडिशा के उत्तरी तटीय भाग में समुद्र तल से 1.5 से 5.8 किमी की ऊंचाई पर साइक्लॉनिक सर्कुलेशन बना है, जिसका झुकाव दक्षिण की ओर दिख रहा है. इसी वजह से राज्य के उत्तर पश्चिम भागों को छोड़कर शेष भागों में कहीं-कहीं तेज हवा के साथ मेघगर्जन और वज्रपात की संभावना है.

इस दौरान कहीं कहीं हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश के अलावा कहीं-कहीं गरज के साथ बौछार भी होगी. यह सिलसिला 16 जून तक देखने को मिल सकता है. इसके मद्देनजर मौसम केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है.

पिछले 24 घंटे में मौसम का हाल

पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया में 38.8 मिमी दर्ज हुई है. हाट-गम्हरिया में 15.2, बीएयू, कांके और हिनू स्थित एयरपोर्ट के इलाके में 12.4 मिमी बारिश हुई है. 1 जून 2025 से आजतक की बात की जाए तो रांची में 36.2 मिमी, जमशेदपुर में 40.6, डाल्टनगंज में 0.2 मिमी, बोकारो में 48.3 और चाईबासा में 17.3 मिमी बारिश हुई है.

ये भी पढ़ें: झारखंड में लगातार कम हो रही है मानसून की बारिश, क्या है वजह, जानिए क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

अगले दो दिन गरज, वज्रपात के साथ होगी भारी बारिश, जानें केरल से टकराने के कितने दिन बाद झारखंड पहुंचता है मानसून?

झारखंड में इन जिलों के लिए भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी, अगले 5 दिनों तक गर्मी से मिल सकती है राहत

रांची: झारखंड के 23 जिलों में अधिकतम पारा 40 डिग्री सेल्सियस के नीचे हैं. सिवाय पलामू को छोड़कर. पिछले 24 घंटों में पलामू के डाल्टनगंज में अधिकतम पारा 41.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है. फिर भी लोग गर्मी से बेहाल हैं.

जबकि आए दिन किसी न किसी जिला में मेघ गर्जन और वज्रपात के साथ हल्के और मध्यम दर्जे की बारिश भी हो रही है. अब सवाल है कि अधिकतम पारा कम होने के बावजूद लोगों को ज्यादा गर्मी क्यों महसूस हो रही है. इससे निजात कबतक मिलेगी. आने वाले दिनों में मौसम का मिजाज कैसा रहेगा. इन सवालों का जवाब मौसम केंद्र, रांची की ओर से आया है.

कम तापमान के बावजूद ज्यादा गर्मी लगने की वजह

इसकी वजह है सापेक्षिक आद्रता यानी रिलेटिव ह्यूमिडिटी. पिछले 24 घंटे में आद्रता 90 प्रतिशत तक रिकॉर्ड हुआ है, खासकर रांची में. जबकि जमशेदपुर में 87, बोकारो में 79, डाल्टनगंज में 76 और चाईबासा में 74 प्रतिशत रिकॉर्ड हुआ है.

दरअसल, उच्च आद्रता हमारे शरीर को ठंडा करने की प्रक्रिया की रफ्तार को कम कर देती है. इसकी वजह से शरीर से निकल रहा पसीना वाष्पित नहीं हो पाता है. लिहाजा, वाष्पीकरण की रफ्तार धीमा होने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है. इसकी वजह से ज्यादा गर्मी महसूस होती है. उच्च आद्रता होने पर अगर पंखा के नीचे भी आते हैं तो शरीर को ठंड का एहसास होने लगता है, क्योंकि हवा की वजह से पसीने का वाष्पीकरण तेज हो जाता है.

आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम

मौसम केंद्र, रांची के मुताबिक उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और ओडिशा के उत्तरी तटीय भाग में समुद्र तल से 1.5 से 5.8 किमी की ऊंचाई पर साइक्लॉनिक सर्कुलेशन बना है, जिसका झुकाव दक्षिण की ओर दिख रहा है. इसी वजह से राज्य के उत्तर पश्चिम भागों को छोड़कर शेष भागों में कहीं-कहीं तेज हवा के साथ मेघगर्जन और वज्रपात की संभावना है.

इस दौरान कहीं कहीं हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश के अलावा कहीं-कहीं गरज के साथ बौछार भी होगी. यह सिलसिला 16 जून तक देखने को मिल सकता है. इसके मद्देनजर मौसम केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है.

पिछले 24 घंटे में मौसम का हाल

पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया में 38.8 मिमी दर्ज हुई है. हाट-गम्हरिया में 15.2, बीएयू, कांके और हिनू स्थित एयरपोर्ट के इलाके में 12.4 मिमी बारिश हुई है. 1 जून 2025 से आजतक की बात की जाए तो रांची में 36.2 मिमी, जमशेदपुर में 40.6, डाल्टनगंज में 0.2 मिमी, बोकारो में 48.3 और चाईबासा में 17.3 मिमी बारिश हुई है.

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