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झारखंड में तीन सीनियर डीएसपी के एसपी बनने की चाहत को झटका, हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक प्रमोशन पर लगाई रोक, क्या है मामला - JHARKHAND HIGH COURT

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के तीन सीनियर डीएसपी के प्रमोशन प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है.

JHARKHAND HIGH COURT
झारखंड हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : March 26, 2025 at 6:32 PM IST

2 Min Read

रांचीः झारखंड के तीन सीनियर डीएसपी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने तीनों सीनियर डीएसपी की एसपी के पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किया है. जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने याचिका पर सुनवाई के बाद यूपीएससी को निर्देशित किया है कि जबतक कोर्ट का अगला आदेश नहीं आ जाता, तब तक प्रोन्नति नहीं दी जानी चाहिए.

हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक पूरे प्रोसिडिंग पर रोक लगाते हुए झारखंड सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. यह जानकारी अधिवक्ता आकाशदीप और विक्रम ने दी है.

सीनियर डीएसपी से एसपी में प्रोन्नति का क्या है मामला

प्रार्थी रजत मणि बाखला और अन्य के द्वारा याचिका दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता आकाशदीप और विक्रम ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि झारखंड सरकार के द्वारा डीएसपी के पद पर तैनात अधिकारी की एसपी के पद पर प्रोन्नति देने के लिए एक सूची भेजी है, जो पूरी तरह से गलत है. उनका कहना है कि शिवेंद्र, प्रेम राधा किशोर और मुकेश महतो का नाम भेजा गया है. इन तीनों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. सीबीआई के द्वारा चार्जशीट दायर की गई है. फिर भी इन तीनों का नाम नाम भेजा गया है. यह बिल्कुल गलत है.

अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि अन्य अधिकारी जिन पर कोई भी आरोप नहीं है, उनका नाम नहीं भेजा गया है. जबकि नियम के अनुसार जिन अधिकारियों पर आपराधिक मामले चल रहे हों, उनके नाम प्रोन्नति के लिए नहीं भेजे जाने चाहिए थे. पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने तत्काल जेपीएससी और यूपीएससी को प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.

रांचीः झारखंड के तीन सीनियर डीएसपी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने तीनों सीनियर डीएसपी की एसपी के पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किया है. जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने याचिका पर सुनवाई के बाद यूपीएससी को निर्देशित किया है कि जबतक कोर्ट का अगला आदेश नहीं आ जाता, तब तक प्रोन्नति नहीं दी जानी चाहिए.

हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक पूरे प्रोसिडिंग पर रोक लगाते हुए झारखंड सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. यह जानकारी अधिवक्ता आकाशदीप और विक्रम ने दी है.

सीनियर डीएसपी से एसपी में प्रोन्नति का क्या है मामला

प्रार्थी रजत मणि बाखला और अन्य के द्वारा याचिका दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता आकाशदीप और विक्रम ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि झारखंड सरकार के द्वारा डीएसपी के पद पर तैनात अधिकारी की एसपी के पद पर प्रोन्नति देने के लिए एक सूची भेजी है, जो पूरी तरह से गलत है. उनका कहना है कि शिवेंद्र, प्रेम राधा किशोर और मुकेश महतो का नाम भेजा गया है. इन तीनों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. सीबीआई के द्वारा चार्जशीट दायर की गई है. फिर भी इन तीनों का नाम नाम भेजा गया है. यह बिल्कुल गलत है.

अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि अन्य अधिकारी जिन पर कोई भी आरोप नहीं है, उनका नाम नहीं भेजा गया है. जबकि नियम के अनुसार जिन अधिकारियों पर आपराधिक मामले चल रहे हों, उनके नाम प्रोन्नति के लिए नहीं भेजे जाने चाहिए थे. पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने तत्काल जेपीएससी और यूपीएससी को प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.

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