रांची: आरयू के कुलपति डॉ. अजीत सिन्हा के कार्यकाल के दौरान हुई प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए गए हैं. राज्यपाल और कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने यह निर्देश विभिन्न शिकायतों के आधार पर दिए हैं. मामले की पुष्टि राजभवन के अधिकारियों ने की है और कहा है कि तमाम विभागों को इससे संबंधित पत्र भेजा गया है.
राज्यपाल के निर्देश पर उनके अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने एक पत्र जारी कर जांच प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. प्रशासनिक मामलों की जांच का जिम्मा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार को सौंपा गया है. वहीं वित्तीय मामलों की जांच के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव को पिछले तीन वर्षों का विशेष ऑडिट कराने का निर्देश दिया गया है.
उच्चस्तरीय कमेटी का गठन
राज्यपाल ने एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाने का निर्देश भी दिया है, जिसमें उनके विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) ज्यूडिशियल गतिकृष्ण तिवारी को भी सदस्य बनाया गया है. यह कमेटी 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी.
कुलपति पर आरोप
कुलपति पर आरोप है कि उन्होंने बिना टेंडर के कार्य कराए, सीनेट भवन और कुलपति चेंबर का निर्माण करवाया. शिक्षकों का स्थानांतरण दुर्भावना से प्रेरित होकर किया और नैक दौरे के नाम पर फिजूल खर्च किया.
डीएसपीएमयू के कुलपति भी जांच के घेरे में
इधर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में अनुबंध पर शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता की जांच के आदेश भी राज्यपाल ने दिए हैं.
22 जून को हो रहा है कार्यकाल समाप्त
गौरतलब है कि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत सिन्हा का कार्यकाल 22 जून को समाप्त हो रहा है और नए कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग ने की मामले की पुष्टि
मामले को लेकर राजभवन के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यूनिवर्सिटी समेत उच्च शिक्षा विभाग वित्त विभाग और संबद्ध इकाइयों को पत्र भेजा गया है. वहीं उच्च शिक्षा विभाग से भी इसकी जानकारी मिली है कि राजभवन की ओर से पत्र मिला है. तमाम बिंदुओं पर जांच कर राजभवन को तय समय पर रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
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