झालावाड़: डग के देवगढ़ कस्बे में आयुर्वेदिक चिकित्सक के खिलाफ ग्रामीणों ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत की. इसकी जांच के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों की तीन सदस्यीय समिति शनिवार को देवगढ़ पहुंची और शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किए. देवगढ़ आयुर्वेदिक अस्पताल की इस महिला चिकित्सक पर स्थानीय ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन, मुफ्त दवा के बदले पैसे लेने जैसे कई आरोप हैं. वहीं, इस मामले में आयुर्वेदिक चिकित्सक फातिमा ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने यहां किसी का भी धर्म परिवर्तन नहीं कराया है न ही अस्पताल में किसी प्रकार से धर्म से संबंधित कोई किताब या अन्य सामग्री मौजूद है. चिकित्सालय में केवल धन्वंतरि की तस्वीर लगी हुई है. मौके पर पहुंची तीन सदस्यीय टीम को उनके द्वारा किए प्रश्नों का जवाब दिया है.
जांच टीम के सदस्य डॉ. प्रभाकर वैष्णव ने बताया कि ग्रामीणों ने आयुर्वेद निदेशक को देवगढ़ चिकित्सक डॉ. नायक फातिमा के खिलाफ धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने, समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने एवं मुफ्त दवा के पैसे लेने जैसे गंभीर आरोप लगाए. ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत दी. इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम देवगढ़ गई. ग्रामीणों के बयान दर्ज किए. रिपोर्ट उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग को भेजी जाएगी. डॉ. प्रेमलता लोहार के नेतृत्व में बनी जांच टीम में डॉ. प्रभाकर वैष्णव व डॉ. सादिक खान शामिल हैं.
गौरतलब है कि झालावाड़ के डग कस्बे में शंभूसिंह हत्याकांड के बाद से हालात तनावपूर्ण हैं. देवगढ़ के प्रवेश द्वार पर ग्रामीणों ने बोर्ड लगा समुदाय विशेष के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध की बात लिखी थी, जिसे पुलिस ने हटवाया. इसके बाद से इलाके में तनाव पसरा है.