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JEE MAIN 2025 की फाइनल आंसर की एक घंटे में वापस ली, NTA पर सही जवाब को गलत में बदलने का आरोप... हो रही ट्रोल - JEE MAIN 2025

एनटीए को जेईई मेन की फाइनल आंसर की एक घंटे में वापस लेने पर ट्रोल किया गया. स्टूडेंट्स कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.

JEE MAIN 2025
जेईई मेन 2025 (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 18, 2025 at 9:09 AM IST

4 Min Read

कोटा: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN 2025) का परीक्षा परिणाम 17 अप्रैल को जारी करना था. एनटीए ने इसके लिए फाइनल आंसर की गुरुवार शाम जारी कर दी थी, लेकिन करीब एक घंटे बाद इसे आधिकारिक वेबसाइट से हटा लिया. इसके बाद एनटीए की कार्यशैली पर ही लोगों ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए.

एक्सपर्ट भी आरोप लगा रहे हैं कि एनटीए ने सही जवाबों को भी फाइनल आंसर की में गलत बता दिया, इसलिए उसे हटाना पड़ा. एनटीए को जमकर ट्रोल किया जा रहा है. बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया पर NTA को ट्रोल भी कर रहे हैं. यूजर्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सोशल मीडिया टैग कर एनटीए की कार्यशैली पर आपत्ति जता रहे हैं. कई यूजर्स मीमस शेयर कर भी एनटीए का मजाक उड़ा कर शेयर कर रहे हैं.

पढ़ें:JEE MAIN 2025: इस बार कम रह सकती है एडवांस्ड की कटऑफ! जानें किस परसेंटाइल पर मिलेगी कौन सी NIT या IIIT -

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि फाइनल आंसर की जारी कर हटा देना संशय पैदा करता है. यह कार्यशैली पर संशय साफ नजर आता है. इससे साफ है कि बिना होमवर्क किए ही एनटीए जैसी बड़ी संस्था कार्य करती है. इससे परीक्षा आयोजन को लेकर एजेंसी की गंभीरता पर भी सवालिया निशान लगता है. इस तरह का घटनाक्रम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कई बार कर चुकी है. इन घटनाओं से एनटीए की साख बिगड़ रही है.

सही जवाब को गलत बताने का आरोप: कुछ मीम्स में एजेंसी की कार्यशैली पर आपत्ति जताई गई. उनका कहना है कि एनटीए अपनी मर्जी से ही सब कुछ करता है, वह किसी की नहीं सुनता है. यूजर्स का कहना है कि परीक्षा में पूछे कुछ प्रश्नों का सही जवाब प्रोविजनल आंसर की में था, लेकिन उन्हें बदलते हुए गलत को भी फाइनल आंसर की में मान्य कर दिया है. इस बात को लेकर आपत्ति के बाद उन्होंने फाइनल आंसर की हटानी है और जिस के चलते रिजल्ट भी अटक गया है. एक यूजर ने फिल्मी गाना "मैं चाहे यह करूं मैं चाहे वह करूं मेरी मर्जी" शेयर कर एनटीए को निशाने पर लिया. अन्य यूजर का कहना है कि एनटीए की जगह है, इन परीक्षाओं का आयोजन एलन मस्क को कर लेना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- JEE MAIN 2025: NTA ने जारी की अप्रैल सेशन के ANSWER KEY, 13 तक दर्ज कर सकेंगे आपत्ति

समय बर्बाद करने का आरोप: जेईई मेन एग्जाम के बाद भी जेईई एडवांस्ड के लिए कैंडिडेट क्वालीफाई करते हैं. इनकी संख्या 2.5 लाख होती है. बड़ी संख्या में कैंडिडेट का कहना है कि एनटीए को 17 अप्रैल की तारीख जेईई मेन रिजल्ट घोषित करने के लिए जारी नहीं करनी चाहिए थी. यह स्टूडेंट का समय बर्बाद करने जैसा है. पूरे दिन स्टूडेंट रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे. शाम को फाइनल आंसर की जारी की गई और 1 घंटे बाद हटा लिया. इससे कैंडिडेट हताश हुए हैं. उनका जेईई एडवांस्ड की पढ़ाई का समय चल रहा है. इसमें उन्हें परेशानी हुई है. स्टूडेंट का कहना है कि करीब 15 लाख बच्चों ने परीक्षा दी. दिन भर से वे व उनके पैरेंट्स जेईई मेन की वेबसाइट पर जाकर अपडेट्स देख रहे हैं. इससे समय बर्बाद हुआ.

पहले भी विवादों में रही एनटीए: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पहले भी कई विवादों में रही है. पहले पेपर में गलतियों के संबंध में पेरेंट्स और एजुकेशन एक्सपर्ट निशाने पर लेते रहे हैं. एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि एजेंसी को जिस स्तर पर परीक्षा का पेपर सेट करना चाहिए, उसमें गलतियां नहीं होनी चाहिए. राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में ऐसी गलतियां हो रही है. इसमें प्रश्न ड्रॉप किया जाता है या आंसर बदल जाता है, यह बड़ा मसला है. इससे पहले भी जेईई मेन में कई बार प्रश्न के आंसर में बदलाव किए गए. यह पेपर सेटअप के मानक बढ़ाने होंगे, दूसरी तरफ उनका यह भी कहना है कि बीते साल नीट यूजी के एग्जाम में भी इस तरह की ही बात आई थी. इसमें एक प्रश्न के दो आंसर किए गए थे. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट गया और वापस एक ही आंसर सही मानना पड़ा था. इसमें भी एजेंसी को नीचा देखना पड़ा था.

इसे भी पढ़ें- JEE MAIN 2025: NTA के पेपर में एक्सपर्ट ने निकाली गलतियां, बोनस अंक व ड्राप करने की मांग

कोटा: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN 2025) का परीक्षा परिणाम 17 अप्रैल को जारी करना था. एनटीए ने इसके लिए फाइनल आंसर की गुरुवार शाम जारी कर दी थी, लेकिन करीब एक घंटे बाद इसे आधिकारिक वेबसाइट से हटा लिया. इसके बाद एनटीए की कार्यशैली पर ही लोगों ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए.

एक्सपर्ट भी आरोप लगा रहे हैं कि एनटीए ने सही जवाबों को भी फाइनल आंसर की में गलत बता दिया, इसलिए उसे हटाना पड़ा. एनटीए को जमकर ट्रोल किया जा रहा है. बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया पर NTA को ट्रोल भी कर रहे हैं. यूजर्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सोशल मीडिया टैग कर एनटीए की कार्यशैली पर आपत्ति जता रहे हैं. कई यूजर्स मीमस शेयर कर भी एनटीए का मजाक उड़ा कर शेयर कर रहे हैं.

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एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि फाइनल आंसर की जारी कर हटा देना संशय पैदा करता है. यह कार्यशैली पर संशय साफ नजर आता है. इससे साफ है कि बिना होमवर्क किए ही एनटीए जैसी बड़ी संस्था कार्य करती है. इससे परीक्षा आयोजन को लेकर एजेंसी की गंभीरता पर भी सवालिया निशान लगता है. इस तरह का घटनाक्रम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कई बार कर चुकी है. इन घटनाओं से एनटीए की साख बिगड़ रही है.

सही जवाब को गलत बताने का आरोप: कुछ मीम्स में एजेंसी की कार्यशैली पर आपत्ति जताई गई. उनका कहना है कि एनटीए अपनी मर्जी से ही सब कुछ करता है, वह किसी की नहीं सुनता है. यूजर्स का कहना है कि परीक्षा में पूछे कुछ प्रश्नों का सही जवाब प्रोविजनल आंसर की में था, लेकिन उन्हें बदलते हुए गलत को भी फाइनल आंसर की में मान्य कर दिया है. इस बात को लेकर आपत्ति के बाद उन्होंने फाइनल आंसर की हटानी है और जिस के चलते रिजल्ट भी अटक गया है. एक यूजर ने फिल्मी गाना "मैं चाहे यह करूं मैं चाहे वह करूं मेरी मर्जी" शेयर कर एनटीए को निशाने पर लिया. अन्य यूजर का कहना है कि एनटीए की जगह है, इन परीक्षाओं का आयोजन एलन मस्क को कर लेना चाहिए.

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समय बर्बाद करने का आरोप: जेईई मेन एग्जाम के बाद भी जेईई एडवांस्ड के लिए कैंडिडेट क्वालीफाई करते हैं. इनकी संख्या 2.5 लाख होती है. बड़ी संख्या में कैंडिडेट का कहना है कि एनटीए को 17 अप्रैल की तारीख जेईई मेन रिजल्ट घोषित करने के लिए जारी नहीं करनी चाहिए थी. यह स्टूडेंट का समय बर्बाद करने जैसा है. पूरे दिन स्टूडेंट रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे. शाम को फाइनल आंसर की जारी की गई और 1 घंटे बाद हटा लिया. इससे कैंडिडेट हताश हुए हैं. उनका जेईई एडवांस्ड की पढ़ाई का समय चल रहा है. इसमें उन्हें परेशानी हुई है. स्टूडेंट का कहना है कि करीब 15 लाख बच्चों ने परीक्षा दी. दिन भर से वे व उनके पैरेंट्स जेईई मेन की वेबसाइट पर जाकर अपडेट्स देख रहे हैं. इससे समय बर्बाद हुआ.

पहले भी विवादों में रही एनटीए: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पहले भी कई विवादों में रही है. पहले पेपर में गलतियों के संबंध में पेरेंट्स और एजुकेशन एक्सपर्ट निशाने पर लेते रहे हैं. एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि एजेंसी को जिस स्तर पर परीक्षा का पेपर सेट करना चाहिए, उसमें गलतियां नहीं होनी चाहिए. राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में ऐसी गलतियां हो रही है. इसमें प्रश्न ड्रॉप किया जाता है या आंसर बदल जाता है, यह बड़ा मसला है. इससे पहले भी जेईई मेन में कई बार प्रश्न के आंसर में बदलाव किए गए. यह पेपर सेटअप के मानक बढ़ाने होंगे, दूसरी तरफ उनका यह भी कहना है कि बीते साल नीट यूजी के एग्जाम में भी इस तरह की ही बात आई थी. इसमें एक प्रश्न के दो आंसर किए गए थे. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट गया और वापस एक ही आंसर सही मानना पड़ा था. इसमें भी एजेंसी को नीचा देखना पड़ा था.

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