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Explainer: विश्व की दूसरे नंबर की कठिन परीक्षा है JEE ADVANCED, न पैटर्न पता, न मार्किंग स्कीम, प्रश्न भी रिपीट नहीं होते - JEE ADVANCED

जेईई एडवांस्ड को विश्व की कठिन परीक्षाओं में दूसरा स्थान प्राप्त है. इस परीक्षा में अब तक परफेक्ट स्कोर नहीं बना है.

JEE ADVANCED DIFFICULT EXAM,  SECOND MOST DIFFICULT EXAM IN WORLD
परीक्षा के लिए कतार में खड़े परीक्षार्थी. (ETV Bharat kota file photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 13, 2025 at 7:00 PM IST

7 Min Read

कोटाः देश की 23 इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में एडमिशन के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड आयोजित की जाती है. यह विश्व की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा मानी जाती है. इसे विश्व में दूसरे नंबर की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. वर्ल्ड ऑफ स्टैटिसटिक्स के सर्वे व डाटा के अनुसार चीन का गाओकाओ एग्जाम सबसे कठिन है. वहीं, तीसरे नंबर पर भारत की यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) की सिविल सर्विसेज एग्जाम है. ऐसे में यूपीएससी के सिविल सर्विसेज से भी ज्यादा कठिन आईआईटी एंट्रेस जेईई एडवांस्ड परीक्षा है. इस परीक्षा के जरिए देश की आईआईटी की 17000 से ज्यादा इंजीनियरिंग सीटों पर प्रवेश मिलता है.

विश्व की 10 कठिन परीक्षाओं में तीन भारत कीः एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि वर्ल्ड ऑफ स्टैटिसटिक्स के सर्वे और डाटा के अनुसार चीन में यूनिवर्सिटी और कॉलेज में अंडरग्रैजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाला गाओकाओ एग्जाम है. इसे विश्व का सबसे कठिन एग्जाम माना गया है. विश्व के 10 कठिन परीक्षाओं में तीन परीक्षाएं भारत की हैं. इनमें दूसरे नंबर पर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (IIT) में प्रवेश के लिए आयोजित जेईई एडवांस्ड है. तीसरे नंबर पर यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) भारत के द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज एग्जाम है. वहीं, आठवें नंबर पर आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी में मास्टर्स ऑफ टेक्टेनोलॉजी (MTech), मास्टर्स ऑफ़ इंजीनियरिंग (ME) और पीएचडी कोर्सेज में प्रवेश के लिए आयोजित ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) है.

JEE ADVANCED DIFFICULT EXAM,  SECOND MOST DIFFICULT EXAM IN WORLD
जेईई एडवांस्ड इसलिए कठिन परीक्षा है. (ETV Bharat gfx)

पढ़ेंः JEE ADVANCED 2025: सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन का बना रिकॉर्ड, अब तक 1.92 लाख ने किया आवेदन

प्रश्न सॉल्व करने में नीट यूजी व जेईई मेन से ज्यादा समयः जेईई एडवांस्ड इतनी कठिन परीक्षा है कि इसमें एक प्रश्न को हल करने के लिए भी 3:30 मिनट का समय दिया जाता है, जबकि नीट यूजी में 1 मिनट व जेईई मेन में 2 मिनट का समय प्रश्न सॉल्व करने के लिए मिलते हैं. साल 2024 में जेईई एडवांस्ड की 6 घंटे की परीक्षा में 102 प्रश्न पूछे गए थे. इनमें तीन घंटे में 51 प्रश्न पूछे गए थे. 3 घंटे की एक पारी में फिजिक्स, केमेस्ट्री व मैथमेटिक्स के 17-17 प्रश्न थे, जबकि जेईई मेन में 90 प्रश्न 3 घंटे में करने होते हैं. वहीं, नीट यूजी परीक्षा में 180 प्रश्न 3 घंटे में करने होते हैं. इसके बावजूद भी जेईई एडवांस्ड में अभी तक परफेक्ट स्कोर किसी भी कैंडिडेट का नहीं बना है.

एग्जाम में नहीं रिपीट होते हैं क्वेश्चनः देव शर्मा ने बताया कि इस परीक्षा में न एग्जाम पैटर्न की जानकारी पहले दी जाती है, न ही पेपर की मार्किंग स्कीम बताई जाती है. आईआईटी कौंसिल के निर्णय से जेईई एडवांस्ड के आयोजन की जिम्मेदारी हर साल किसी न किसी आईआईटी को मिलती है. ऐसे में परीक्षा का पेपर इस तरह से सेट किया जाता है कि इसमें क्वेश्चन रिपीट होने की संभावना मुश्किल होती है, परीक्षा पैटर्न हर साल बदल जाता है. कॉन्सेप्ट क्लियर होने पर ही जेईई एडवांस्ड को कैंडिडेट क्वालीफाई कर सकता है. इसमें योग्यता और सब्जेक्ट की नॉलेज का टेस्ट लिया जाता है. एग्जाम में मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चन होने से सब्जेक्ट की जानकारी नहीं होने पर गलत होने की संभावनाएं ज्यादा रहती है.

JEE ADVANCED DIFFICULT EXAM,  SECOND MOST DIFFICULT EXAM IN WORLD
पिछले 6 साल के टॉपर्स. (ETV Bharat gfx)

पढ़ेंः JEE ADVANCED में पासिंग मार्क्स से भी कम नंबरों में मिल जाती है सफलता, यहां देखें रिकॉर्ड

एडवांस का पेपर और मार्किंग स्कीम ब्लाइंड गेमः देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी व जेईई मेन परीक्षा में मार्किंग पेटर्न, प्रश्नों की संख्या, प्रश्न पूछने का तरीका बदलता नहीं है. उनमें बदलाव भी पहले से जाहिर कर दिया जाता है, पूरा एग्जाम एनसीआरटी बेस्ड ही रहता है, लेकिन जेईई एडवांस्ड में कुछ भी फिक्स नहीं है. यह पूरी तरह से ब्लाइंड या फिर कहें तो छुपा हुआ रखा जाता है.

इस परीक्षा में फैक्ट व फार्मूला आधारित प्रश्न भी नहीं पूछे जाते है. परीक्षा में हमेशा क्रिटिकल थिंकिंग पर आधारित मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चन ही पूछे जाते हैं. यहां तक कि हर कैटेगरी के प्रश्न की मार्किंग का नेगेटिव मार्किंग स्कीम भी अलग-अलग होती है. कुछ प्रश्नों में तीन तो कुछ में 4 अंक सही जवाब के मिलते हैं. साथ ही कुछ प्रश्नों में माइनस मार्किंग होती है. कुछ में माइनस मार्किंग भी नहीं होती है.

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यहां देखें फैक्ट्स. (ETV Bharat gfx)

55 से 109 नंबर पर सफलता, फिर भी 70 फीसदी असफलः देव शर्मा ने बताया कि जेईई एडवांस्ड में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 15 से 30 फीसदी के बीच अंक लाने पर भी सफलता मिल जाती है. इस एग्जाम में साल 2019 में से 372 में से 93 अंक लाने वाले को सफल घोषित किया गया था. साल 2020 में 396 में 69 अंक पर सफलता मिली है, जबकि साल 2021 से 2024 तक पूर्णांक 360 रहे हैं. इसमें साल 2021 में 63, 2022 में 55, 2023 में 86 और 2024 में 109 अंक वाले को भी सफलता मिली है. इसके बावजूद भी इस परीक्षा में बीते 6 सालों में 70 से लेकर 76 फीसदी के बीच कैंडिडेट असफल रहे हैं.

पढ़ेंः JEE MAIN : 5 सालों में अनफेयर मिन्स में पकड़े गए 228 कैंडिडेट्स, इस साल सबसे ज्यादा रहा आंकड़ा

सब्जेक्ट कट ऑफ का नियमः परीक्षा में विद्यार्थी ओवरऑल कटऑफ को क्लियर करने से क्वालीफाई नहीं होता है, एग्जाम में कैंडिडेट को हर सब्जेक्ट की कट ऑफ को भी क्लियर करना होता है. तभी उसे क्वालीफाई माना जाता है. उदाहरण के तौर पर फिजिक्स, केमिस्ट्री या मैथमेटिक्स में से किसी एक विषय में इंडिविजुअल सब्जेक्ट कट ऑफ से कम नंबर उसे मिले हैं, लेकिन एग्रीगेट कट ऑफ उसने प्राप्त कर ली है, इसके बावजूद वह क्वालीफाई नहीं माना जाएगा.

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विश्व की दूसरे नंबर की कठिन परीक्षा है JEE ADVANCED. (ETV Bharat gfx)

टॉपर्स स्टूडेंट के बीच होता है मुकाबलाः एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जेईई एडवांस्ड एग्जाम में परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स को जेईई मेन परीक्षा पार कर आना होता है. जेईई मेन में जहां दो साल में 14 से 15 लाख कैंडिडेट ने एग्जाम दिया है. उनमें से 2.5 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई होते हैं, इनमें करीब 1.8 लाख कैंडिडेट ने बीते सालों में परीक्षा दी है. माना जाए तो यह इंजीनियरिंग एंट्रेंस के टॉपर स्टूडेंट रहते हैं, इन टॉपर्स स्टूडेंट के बीच ही जेईई एडवांस्ड में मुकाबला होता है.

पढ़ेंः Explainer: इस बार NEET UG में 720 बनाना नामुमकिन! इतने कम अंक वाले को भी सरकारी MBBS सीट की उम्मीद

नहीं बना है किसी भी कैंडिडेट का परफेक्ट स्कोरः इस परीक्षा में हर साल पूर्णांक बदल दिए जाते हैं, लेकिन अभी तक एक भी कैंडिडेट परफेक्ट स्कोर यानी पूरे में से पूरे अंक नहीं ला पाया है. बीते साल कोटा से पढ़ाई करके ऑल इंडिया रैंक 1 लाकर टॉपर रहे वेद लाहोटी 360 में से 355 अंक लेकर आए. उन्हें 98.61 फीसदी दिए अंक मिले थे. यह प्रतिशत के अनुसार भी सर्वाधिक नंबर अब तक है. इसके अलावा इस परीक्षा में भी सर्वाधिक अंक वेद लाहोटी के ही है, जबकि इसके पहले पूर्णांक ज्यादा भी रहे हैं.

कोटाः देश की 23 इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में एडमिशन के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड आयोजित की जाती है. यह विश्व की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा मानी जाती है. इसे विश्व में दूसरे नंबर की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है. वर्ल्ड ऑफ स्टैटिसटिक्स के सर्वे व डाटा के अनुसार चीन का गाओकाओ एग्जाम सबसे कठिन है. वहीं, तीसरे नंबर पर भारत की यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) की सिविल सर्विसेज एग्जाम है. ऐसे में यूपीएससी के सिविल सर्विसेज से भी ज्यादा कठिन आईआईटी एंट्रेस जेईई एडवांस्ड परीक्षा है. इस परीक्षा के जरिए देश की आईआईटी की 17000 से ज्यादा इंजीनियरिंग सीटों पर प्रवेश मिलता है.

विश्व की 10 कठिन परीक्षाओं में तीन भारत कीः एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि वर्ल्ड ऑफ स्टैटिसटिक्स के सर्वे और डाटा के अनुसार चीन में यूनिवर्सिटी और कॉलेज में अंडरग्रैजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाला गाओकाओ एग्जाम है. इसे विश्व का सबसे कठिन एग्जाम माना गया है. विश्व के 10 कठिन परीक्षाओं में तीन परीक्षाएं भारत की हैं. इनमें दूसरे नंबर पर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (IIT) में प्रवेश के लिए आयोजित जेईई एडवांस्ड है. तीसरे नंबर पर यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) भारत के द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज एग्जाम है. वहीं, आठवें नंबर पर आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी में मास्टर्स ऑफ टेक्टेनोलॉजी (MTech), मास्टर्स ऑफ़ इंजीनियरिंग (ME) और पीएचडी कोर्सेज में प्रवेश के लिए आयोजित ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) है.

JEE ADVANCED DIFFICULT EXAM,  SECOND MOST DIFFICULT EXAM IN WORLD
जेईई एडवांस्ड इसलिए कठिन परीक्षा है. (ETV Bharat gfx)

पढ़ेंः JEE ADVANCED 2025: सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन का बना रिकॉर्ड, अब तक 1.92 लाख ने किया आवेदन

प्रश्न सॉल्व करने में नीट यूजी व जेईई मेन से ज्यादा समयः जेईई एडवांस्ड इतनी कठिन परीक्षा है कि इसमें एक प्रश्न को हल करने के लिए भी 3:30 मिनट का समय दिया जाता है, जबकि नीट यूजी में 1 मिनट व जेईई मेन में 2 मिनट का समय प्रश्न सॉल्व करने के लिए मिलते हैं. साल 2024 में जेईई एडवांस्ड की 6 घंटे की परीक्षा में 102 प्रश्न पूछे गए थे. इनमें तीन घंटे में 51 प्रश्न पूछे गए थे. 3 घंटे की एक पारी में फिजिक्स, केमेस्ट्री व मैथमेटिक्स के 17-17 प्रश्न थे, जबकि जेईई मेन में 90 प्रश्न 3 घंटे में करने होते हैं. वहीं, नीट यूजी परीक्षा में 180 प्रश्न 3 घंटे में करने होते हैं. इसके बावजूद भी जेईई एडवांस्ड में अभी तक परफेक्ट स्कोर किसी भी कैंडिडेट का नहीं बना है.

एग्जाम में नहीं रिपीट होते हैं क्वेश्चनः देव शर्मा ने बताया कि इस परीक्षा में न एग्जाम पैटर्न की जानकारी पहले दी जाती है, न ही पेपर की मार्किंग स्कीम बताई जाती है. आईआईटी कौंसिल के निर्णय से जेईई एडवांस्ड के आयोजन की जिम्मेदारी हर साल किसी न किसी आईआईटी को मिलती है. ऐसे में परीक्षा का पेपर इस तरह से सेट किया जाता है कि इसमें क्वेश्चन रिपीट होने की संभावना मुश्किल होती है, परीक्षा पैटर्न हर साल बदल जाता है. कॉन्सेप्ट क्लियर होने पर ही जेईई एडवांस्ड को कैंडिडेट क्वालीफाई कर सकता है. इसमें योग्यता और सब्जेक्ट की नॉलेज का टेस्ट लिया जाता है. एग्जाम में मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चन होने से सब्जेक्ट की जानकारी नहीं होने पर गलत होने की संभावनाएं ज्यादा रहती है.

JEE ADVANCED DIFFICULT EXAM,  SECOND MOST DIFFICULT EXAM IN WORLD
पिछले 6 साल के टॉपर्स. (ETV Bharat gfx)

पढ़ेंः JEE ADVANCED में पासिंग मार्क्स से भी कम नंबरों में मिल जाती है सफलता, यहां देखें रिकॉर्ड

एडवांस का पेपर और मार्किंग स्कीम ब्लाइंड गेमः देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी व जेईई मेन परीक्षा में मार्किंग पेटर्न, प्रश्नों की संख्या, प्रश्न पूछने का तरीका बदलता नहीं है. उनमें बदलाव भी पहले से जाहिर कर दिया जाता है, पूरा एग्जाम एनसीआरटी बेस्ड ही रहता है, लेकिन जेईई एडवांस्ड में कुछ भी फिक्स नहीं है. यह पूरी तरह से ब्लाइंड या फिर कहें तो छुपा हुआ रखा जाता है.

इस परीक्षा में फैक्ट व फार्मूला आधारित प्रश्न भी नहीं पूछे जाते है. परीक्षा में हमेशा क्रिटिकल थिंकिंग पर आधारित मल्टी कांसेप्चुअल क्वेश्चन ही पूछे जाते हैं. यहां तक कि हर कैटेगरी के प्रश्न की मार्किंग का नेगेटिव मार्किंग स्कीम भी अलग-अलग होती है. कुछ प्रश्नों में तीन तो कुछ में 4 अंक सही जवाब के मिलते हैं. साथ ही कुछ प्रश्नों में माइनस मार्किंग होती है. कुछ में माइनस मार्किंग भी नहीं होती है.

JEE ADVANCED DIFFICULT EXAM,  SECOND MOST DIFFICULT EXAM IN WORLD
यहां देखें फैक्ट्स. (ETV Bharat gfx)

55 से 109 नंबर पर सफलता, फिर भी 70 फीसदी असफलः देव शर्मा ने बताया कि जेईई एडवांस्ड में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 15 से 30 फीसदी के बीच अंक लाने पर भी सफलता मिल जाती है. इस एग्जाम में साल 2019 में से 372 में से 93 अंक लाने वाले को सफल घोषित किया गया था. साल 2020 में 396 में 69 अंक पर सफलता मिली है, जबकि साल 2021 से 2024 तक पूर्णांक 360 रहे हैं. इसमें साल 2021 में 63, 2022 में 55, 2023 में 86 और 2024 में 109 अंक वाले को भी सफलता मिली है. इसके बावजूद भी इस परीक्षा में बीते 6 सालों में 70 से लेकर 76 फीसदी के बीच कैंडिडेट असफल रहे हैं.

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सब्जेक्ट कट ऑफ का नियमः परीक्षा में विद्यार्थी ओवरऑल कटऑफ को क्लियर करने से क्वालीफाई नहीं होता है, एग्जाम में कैंडिडेट को हर सब्जेक्ट की कट ऑफ को भी क्लियर करना होता है. तभी उसे क्वालीफाई माना जाता है. उदाहरण के तौर पर फिजिक्स, केमिस्ट्री या मैथमेटिक्स में से किसी एक विषय में इंडिविजुअल सब्जेक्ट कट ऑफ से कम नंबर उसे मिले हैं, लेकिन एग्रीगेट कट ऑफ उसने प्राप्त कर ली है, इसके बावजूद वह क्वालीफाई नहीं माना जाएगा.

JEE ADVANCED DIFFICULT EXAM,  SECOND MOST DIFFICULT EXAM IN WORLD
विश्व की दूसरे नंबर की कठिन परीक्षा है JEE ADVANCED. (ETV Bharat gfx)

टॉपर्स स्टूडेंट के बीच होता है मुकाबलाः एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जेईई एडवांस्ड एग्जाम में परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स को जेईई मेन परीक्षा पार कर आना होता है. जेईई मेन में जहां दो साल में 14 से 15 लाख कैंडिडेट ने एग्जाम दिया है. उनमें से 2.5 लाख कैंडिडेट क्वालीफाई होते हैं, इनमें करीब 1.8 लाख कैंडिडेट ने बीते सालों में परीक्षा दी है. माना जाए तो यह इंजीनियरिंग एंट्रेंस के टॉपर स्टूडेंट रहते हैं, इन टॉपर्स स्टूडेंट के बीच ही जेईई एडवांस्ड में मुकाबला होता है.

पढ़ेंः Explainer: इस बार NEET UG में 720 बनाना नामुमकिन! इतने कम अंक वाले को भी सरकारी MBBS सीट की उम्मीद

नहीं बना है किसी भी कैंडिडेट का परफेक्ट स्कोरः इस परीक्षा में हर साल पूर्णांक बदल दिए जाते हैं, लेकिन अभी तक एक भी कैंडिडेट परफेक्ट स्कोर यानी पूरे में से पूरे अंक नहीं ला पाया है. बीते साल कोटा से पढ़ाई करके ऑल इंडिया रैंक 1 लाकर टॉपर रहे वेद लाहोटी 360 में से 355 अंक लेकर आए. उन्हें 98.61 फीसदी दिए अंक मिले थे. यह प्रतिशत के अनुसार भी सर्वाधिक नंबर अब तक है. इसके अलावा इस परीक्षा में भी सर्वाधिक अंक वेद लाहोटी के ही है, जबकि इसके पहले पूर्णांक ज्यादा भी रहे हैं.

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