कोटाः देश की सबसे प्रतिष्ठित और विश्व की दूसरी सबसे कठिन इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED 2025) का आयोजन 18 मई को होगा. इस परीक्षा के लिए करीब 1.90 लाख कैंडिडेट ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. परीक्षा का आयोजन 224 शहरों में होगा. इनमें 222 भारतीय शहर और दो विदेशी शहरों (अबू धाबी और काठमांडू) में एग्जाम सेंटर बनाए गए हैं.
एग्जाम में अब तीन दिन शेष है. ऐसे में कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट्स ने टिप्स देते हुए बताया है कि अंतिम समय में किस तरह से परीक्षा को क्रैक करने में मदद मिल सकती है. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने कैंडिडेट्स को सलाह देते हुए कहा है कि परीक्षा में जो आपको आ रहा है, उस पर फोकस करना ज्यादा बेहतर है. वहीं, परीक्षा में जो नहीं आता है, उसके संबंध में अंतिम समय पर समय जाया नहीं किया जा सकता.
पेरेंट्स घर पर पढ़ाई का माहौल बनाए रखें. आसपास शोर शराबे का माहौल नहीं होना चाहिए. घर पर टीवी भी ज्यादा देर नहीं चलना चाहिए, इससे बच्चे को पढ़ाई में डिस्टर्ब होता है. बच्चे के सामने घर का किसी भी तरह के विवाद की बातें डिस्कस नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चे को प्रेशराइज करने की जगह मोटिवेट करने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि अब एग्जाम के अंतिम दिनों में जो पढ़ा है, वह पर्याप्त की नीति से ही कार्य करना होगा. उन्होंने कैंडिडेट्स को परीक्षा के लिए 10 टिप्स दिए हैं. यहां जानिये उन सभी टिप्स के बारे में.
ये 10 टिप्स बनेंगे मददगार
- सेट करें बायोलॉजिकल क्लॉक: एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि परीक्षा सुबह और दोपहर में तीन-तीन घंटे की दो पारियों में होगा. परीक्षा केंद्र पर पहुंचने से एग्जाम खत्म होने तक करीब 10 घंटे मशक्कत करनी होगी. इस अनुसार अपनी बायोलॉजिकल क्लॉक को भी सेट करना होगा. सुबह 8 से शाम 6:00 तक किसी भी तरह की नींद नहीं लें. दोपहर भोजन के बाद थोड़े सुस्त हो सकते हैं और यहीं हमें बचने की आदत डालनी है, अन्यथा आपका ऐसा रूटीन एग्जाम में परेशानी कर सकता है. अपनी बायोलॉजिकल क्लॉक को एग्जाम के अनुसार सेट करें.
- लगातार बैठने व लिखने का अभ्यास: जेईई एडवांस्ड परीक्षा में तीन-तीन घंटे दो बार कैंडिडेट्स को बैठना होगा. ऐसे में लगातार बैठने की प्रैक्टिस करनी होगी. इसके अलावा एग्जाम में लिखने या पूरी तरह से कॉन्सन्ट्रेट होकर प्रश्न सॉल्व करने की प्रैक्टिस करनी होगी, ताकि आपके दिमाग को भी इस समय और परीक्षा की आदत हो जाए.
- बीते साल के क्वेश्चन पेपर करें सॉल्व: देव शर्मा ने बताया कि एग्जाम में प्रश्न रिपीट होने के चांस न के बराबर हैं, लेकिन फिर भी बीते सालों या कोचिंग संस्थान के दिए गए प्रश्न पत्र को हल करें.
- प्रैक्टिस के दौरान यह ध्यान दें: किसी भी विषय पर प्रयास करते समय कठिन प्रश्नों पर टिके रहने के बजाय उन प्रश्नों का उत्तर देना शुरू करें जो आपको आसान लगते हैं. आप किसी विषय पर प्रश्नों में स्वयं को फंसा हुआ पाते हैं तो आप बाद में इस पर वापस आ सकते हैं. प्लानिंग से प्रश्नपत्र हल करना जरूरी है.
- पढ़ाई के दौरान करते रहें रिवीजन: अंतिम समय पर नया पढ़ने की जगह पहले से पढ़े हुए को रिवीजन करना ज्यादा बेहतर होता है. एक्सपर्ट का भी मानना है कि कोचिंग में जो भी रेगुलर टेस्ट पेपर सॉल्व करते समय गलतियां हुई थी, उनको वापस से सॉल्व करके रिवीजन करके दुरस्त कर लें.
- फैकल्टी और मैटर से करें कंसर्ट: परीक्षा के अंतिम दिनों में लगातार अपनी फैकल्टी और मेंटर से जुड़े रहें. इससे कैंडिडेट का टेंपरामेंट बिल्ड होगा व एग्जाम को प्रॉपर रूप से देने में फायदा होगा.
- रहें फिजिकल फीट, परहेज भी करें: एग्जाम देते समय फिजिकली पूरी तरह से फिट रहना जरूरी है. एग्जाम के एक-दो दिन पहले स्वास्थ्य संबंधी किसी भी तरह का जुकाम, बुखार या अपच की परेशानी होने पर कैंडिडेट को तकलीफ होगी. शेष दिनों में संतुलित और परहेज रखते हुए ही खाने पीने की चीजों का सेवन करें और टाइम टेबल मेंटेन करें. हर रात को उचित नींद लें.
- पॉजिटिव रहकर ही आगे बढ़ें: एजुकेशन एक्सपर्ट ने बताया कि स्टूडेंट सबसे पहले स्वयं को सकारात्मक रखें, क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में मानसिकता प्रभावित नहीं होनी चाहिए. हम सकारात्मक रहते हुए हमारे लक्ष्य के लिए इसी तरह मेहनत करते रहें.
- दोस्तों से चर्चा करने से बचें: परीक्षा के अंतिम समय में क्या आपको आता है और क्या नहीं इसकी अनावश्यक चर्चा दूसरे कैंडिडेट या दोस्तों से नहीं करनी चाहिए. अपनी गलतियों पर चर्चा करने से बचें. खुद को शांत रखें, क्योंकि नर्वस होना हानिकारक हो सकता है. ऐसा ही परीक्षा के दिन लंच ब्रेक के दौरान करना है.
- परीक्षा के दिन यह ज्यादा रखें ध्यान: एग्जाम के दिन बीच के ब्रेक में 12 से 2:00 बजे के बीच ज्यादा खाने, सोने से बचें, क्योंकि इससे पेपर-2 में आपको नींद आ सकती है, हल्का भोजन या जूस लें. पेपर-1 में अच्छा करने वाले छात्रों ने पेपर-2 में खराब प्रदर्शन किया. वहीं, मानसिक रूप से मजबूत छात्रों ने पेपर-2 में अच्छा प्रदर्शन किया है.